विजय शंकर पंकज। लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधान परिषद की शपथ लेने की सोमवार की सूचना भारतीय जनता पार्टी के बदलते स्वरूप का आइना दिखाती है। संवैधानिक रूप से मुख्यमंत्री बने रहने की योगी आदित्यनाथ भले ही औपचारिकता पूरी कर ली हो परन्तु नैतिक रूप से यह लोकतंत्र की पराजय है। अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से भाजपा ने जिस प्रकार राजनैतिक कारपोरेट घराने की कार्यशैली अपनायी है, उससे संगठन, कार्यकर्ता एवं उसके लोकतांत्रिक स्वरूप को लगातार गहरा धक्का लगाया जा रहा है।