विजय शंकर पंकज, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सख्त हिदायतों के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार तथा संगठन में बढ़ रही दरार को पहले पाटने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पांच सदस्यीय उच्च कमेटी की बैठक में सरकार एवं संगठन के महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाएगे। इसके कारण सरकार एवं संगठन में बदलाव की प्रक्रिया में कुछ देर होने की संभावना है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को वाराणसी दौर के समय पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा महामंत्री संगठन सुनील बंसल को साथ बैठाकर आपसी तालमेल बैठाने पर जोर दिया है। शाह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय से सरकार-संगठन में समन्वय बनाने पर जोर देते हुए कहा कि कार्यप्रणाली में ऐसी प्रक्रिया अपनायी जाय ताकि कार्यकर्ताओं एवं जनता में प्रतिकूल संदेश न जाय।
सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संगठन के एक पदाधिकारी से नाराज चल रहे है। यही कारण रहा कि नगर निकाय चुनाव में गोरखपुर से मेयर के चुनाव में योगी के पसन्दीदा प्रत्याशी को टिकट न दिये जाने के बाद भी योगी शान्त रहे आैर पार्टी प्रत्याशी को जीताने में जुटे रहे। योगी ने पार्टी के वारिष्ठों से साफ कर दिया है कि वह संगठन के किसी कामकाज में हस्तक्षेप नही करते है तो सरकार के कामकाज में भी उन्हें पूरी छूट मिलनी चाहिए। योगी ने अपनी तल्खी इस लहजे में दर्ज करायी है कि कुछ मंत्री अपने विभागीय कार्यो का संचालन संगठन के पदाधिकारियों के इशारे पर कर रहे है जिससे प्रशासनिक मशीनरी में गलत संदेश जा रहा है। भाजपा संगठन के हस्तक्षेप से सरकार में दो घटक बनते जा रहे है। मुख्यमंत्री ने ऐसे 6 मंत्रियों की सूची भाजपा हाईकमान को सांैपी है जिनके विभागो में संगठन के दो महत्वपूर्ण पदाधिकारी लगातार हस्तक्षेप कर रहे है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश संगठन के एक और महामंत्री पर आये दिन कई विभागों तथा मंत्रियों के यहां फोन किये जाने पर नाराजगी जतायी है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल को मंत्रियों को सीधे हिदायत न देने की सलाह दी है, वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी व्यावहारिक रूख अख्त्यिार करने पर जोर दिया है। शाह ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव सरकार और संगठन दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। आपसी विवादो से ऐसी चुनौती का सामना नही किया जा सकता है। उन्होने साफ किया कि संगठन को निचले स्तर तक मजबूत करने से लेकर चुनावी तैयारियों में कई व्यावहारिक पहलुओं को ध्यान में रखकर सरकार को भी अपने निर्णय को सरल करना पड़ेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता के अधिकारों का हनन नही किया जाना चाहिए। योगी ने शाह को विश्वास दिलाया कि वह संगठन को हर तरह की मदद करने को तैयार है परन्तु दोनों तरफ से कार्रवाई का खुलासा किया जाना चाहिए। किसी व्यक्ति की अलग से सरकार चलाने अथवा दबाव बनाने की मंशा को कामयाब नही होने दिया जाएगा। योगी ने निकाय चुनाव में संगठन की कमियों का भी उल्लेख किया और साफ किया कि संगठन पर ध्यान न देकर कुछ लोग सरकार पर हावी होने का प्रयास कर रहे है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र पाण्डेय को मार्च माह तक सांगठनिक जिला इकाइयों को दुरूस्त एवं सक्रिय करने का निर्देश देते हुए कहा कि 16 मार्च को सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर सरकार और संगठन मिलकर खुशिया मनाये और जनता की भागीदारी बढ़ाये। शाह के निर्देश पर सरकार एवं संगठन मंे आपसी तालमेल बढ़ाने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनेगी जिसमें विचार-विमर्श के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएगे। इसमंे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके दो सहयोगी उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य एवं डा. दिनेश शर्मा तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय तथा महामंत्री संगठन सुनील बंसल होगे।
20th January, 2018