नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अल्पसंख्यक समुदाय, किसानों, कन्नड़ के समर्थन में एक्टिविस्ट के खिलाफा पिछले पांच वर्षों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस बाबत इस तरह के तमाम मामलों की जानकारी हासिल करने के लिए एक दो महीने के भीतर चौथा सर्कुलर अलग-अलग पुलिस डिवीजन को जारी किया गया है। सरकार के इस फैसले का विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध किया है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह हिंदुओं के खिलाफ काम कर रही है। वहीं गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सांप्रदायिक तनाव के दौरान दर्ज हुए मामले ना सिर्फ अल्पसंख्यकों के खिलाफ बल्कि किसानों, कन्नड एक्टिविस्ट के खिलाफ भी वपास ले रहे हैं।
सिद्धारमैयाा ने कहा कि यह प्रस्तान काफी समय से गृह विभाग के पास लंबित था, लेकिन सरकार ने यह फैसला गृह मंत्रालय से विमर्श के बाद लिया है। वहीं भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने यह सफाई तब दी है जब पुलिस विभाग को सर्कुलर जारी किया गया है कि पिछले पांच वर्षों में दर्ज मामलों की जानकारी दी जाए, जोकि अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज हुए हैं। भाजपा ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला हिंदुओं के लिए इससे बदतर नहीं हो सकती है, जबकि तमाम मामले अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज हैं उन्हें वापस लिया जा रहा है।
सरकार की ओर से जो सर्कुलर जारी किया गया है वह राज्य की पुलिस विभाग की ओर से जारी किया गया है जिसपर असिस्टैंट इंसपेक्टर जनरल ऑफ पलिस शिवप्रकाश देवराजू के हस्ताक्षर हैं, इसे 25 जनवरी को जारी किया गया है। पिछले दो महीने में यह चौथा सर्कुलर इस बाबत जारी किया गया है। प्रदेश के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी का कहना है कि इस सर्कुलर में अब कोई भी बड़ा मामला विवेचना के लिए नहीं है, हम छोट-छोटे मामलों को वापस ले रहे हैं, जिसमे लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से मामला दर्ज किया गया था, कोई भी बड़ा मामला वापस नहीं लिया जाएगा।
27th January, 2018