राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से ही कयास लग रहा है कि आखिर राहुल गांधी की टीम में कौन-कौन शामिल होगा? शुरुआत के. राजू से हुई है. राजू औपचारिक तौर पर राहुल गांधी के ऑफिस की कमान संभालेंगे. राहुल गांधी की कोर टीम के मुखिया भी वही होंगे. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी का सचिवालय 12 तुगलक लेन से चलेगा, जिसके कर्ताधर्ता अब के. राजू होंगे. राहुल गांधी के साथ काम करने वाली टीम सीधे राजू को रिपोर्ट करेगी. पार्टी और राहुल गांधी के बीच राजू एक कड़ी की तरह काम करेंगे. वहीं पार्टी के नेताओ के साथ कॉर्डिनेशन भी करेंगे.
टीम राहुल
राहुल गांधी के साथ 2003 से कनिष्क सिंह काम कर रहे हैं. उनकी सहायता के लिए सचिन राव, अलंकार सवई, केबी बैजू और कौशल विद्यार्थी है. वहीं राहुल गांधी मोहन गोपाल और सैम पित्रोदा से भी सलाह मशविरा करते हैं. हालांकि, कनिष्क सिंह 2014 के आम चुनाव के बाद लो प्रोफाइल हो गए हैं, राहुल गांधी के साथ कम ही दिखाई पड़ते हैं. लेकिन इससे उनकी अहमियत नहीं घटी है. कनिष्क सिंह अलग से अपना काम करते रहेंगे. उनके ऊपर नई व्यवस्था का असर नहीं पड़ेगा.
कनिष्क सिंह
कनिष्क सिंह नेशनल हेराल्ड और जवाहर भवन ट्रस्ट का भी काम देखते है. लेकिन राहुल गांधी के सबसे करीबी कनिष्क सिंह है. कांग्रेस के लोगों का कहना है कि राहुल गांधी के गिर्द पहला घेरा 'के' अक्षर का ही है. कनिष्क सिंह लो प्रोफाइल हैं. पूर्व इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं, लेकिन राहुल गांधी के यहां सबसे ताकतवार कनिष्क सिंह ही हैं.
अलंकार सवई
अलंकार सवई पूर्व में बैंक में काम करते थे लेकिन अब राहुल गांधी के खास लोगों में शामिल हैं. राहुल गांधी के लिए अलंकार निजी सचिव की तरह काम करते हैं. रिसर्च और डॉक्यूमेंटेशन का काम अंलकार के जिम्मे है. राहुल गांधी की टीम में सबसे महत्वपूर्ण काम अलंकार के हवाले है. मीटिंग फिक्स करना अपॉइंटमेंट देना, बड़ी बैठकों में राहुल गांधी के साथ बैठना और नोटिंग बनाना ये सब अलंकार के हवाले है.
कौशल विद्यार्थी
राहुल गांधी के साथ दूसरे निजी सचिव हैं कौशल विद्यार्थी जो अक्सर राहुल गांधी के साथ देखे जाते हैं. कौशल राहुल गांधी के साथ रहते हैं. कौशल ने भी ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है. इनका काम कमोबेश अलंकार के काम से मिलता जुलता है. मीडिया और राहुल के बीच कौशल कड़ी की तौर पर काम करते है. ये कहा जा सकता है कि सोनिया गांधी के यहां जो रोल माधवन और पिल्लई का था वही रोल इस जोड़ी का भी है.
के बी बैजू
केबी बैजू पूर्व में एसपीजी के अधिकारी रहे हैं. 2010 में नौकरी छोड़कर राहुल गांधी के साथ हैं. राहुल गांधी के लिए उनके दौरों से पहले एडवांस टीम के मखिया हैं. के बी बैजू राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी का भी काम देखते हैं.
सचिन राव
सचिन राव राजीव गांधी फाउंडेशन का हिस्सा हैं लेकिन काम राहुल गांधी के लिए करते हैं. मिशिगन यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं. सचिन राव पहले राहुल गांधी के यूथ और एनएसयूआई के चुनाव को मैनेज किया करते थे. काफी लो प्रोफाइल हैं लेकिन सीसीएस में काम करते हुए सामाजिक विषय पर पकड़ मज़बूत है.
मोहन गोपाल
राजीव गांधी इंस्टीटयूट ऑफ कॉन्टेम्पररी स्टडीज के निदेशक थे लेकिन अब इसे छोड़कर दोबारा वकालत का पेशा अख्तियार करने वाले हैं. मोहन गोपाल एनएसयूआई के दूसरे अध्यक्ष थे. खासे कांग्रेसी हैं. विश्व बैंक और एशियन डेवलेपमेंट बैंक में रह चुके हैं. फ्री इकॉनामी के पैरोकार है. सेबी के सदस्य और एनएलएसआईयू के वाइंस चांसलर रह चुके हैं. राहुल गांधी पॉलिसी इश्यू पर मोहन गोपाल से सलाह मशविरा करते हैं. यूपीए के फूड और लैंड बिल में अहम योगदान दिया है.
सैम पित्रोदा
राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के जमाने से गांधी परिवार के करीबी है. टेलीकॉम क्रांति के जनक माने जाते हैं. राहुल गांधी के अमेरिका और बहरीन दौरे में साथ दिखाई दिए. गुजरात चुनाव में सैम पित्रोदा ने पार्टी के लिए काफी मेहनत की है. राहुल गांधी के सलाहकार की भूमिका में हैं. खासकर तकनीकी मसलों पर राहुल गांधी सैम की राय को अहमियत देते हैं.
के राजू
कोपुला राजू 1981 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर है. 2013 में सिविल सर्विस से वीआरएस ले लिया था. इससे पहले सोनिया गांधी की अगुवाई वाली नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सचिव थे. 2013 में राहुल गांधी की सिफारिश पर सोनिया गांधी ने के राजू को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग का चेयरमैन बनाया था.
के राजू
27th January, 2018