नयी दिल्ली: कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जनता दल (एस) के साथ बसपा के गठबंधन को “सौदेबाज़ी’’ की रणनीति मानते हुए कांग्रेस ने कहा है कि बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के चुनावों से कोई सबक़ नहीं सीखा है. कर्नाटक में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले बसपा द्वारा जनता दल (सेक्युलर) के साथ हाथ मिलाये जाने पर कांग्रेस के रिसर्च विभाग के प्रमुख एम वी राजीव गौड़ा ने यह टिप्पणी की है.
गौड़ा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मायावती के कदम रणनीतिक होते हैं जिनका मकसद (सीटों की) सौदेबाजी करना है.’’ कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य गौडा ने कहा कि बसपा को उत्तर प्रदेश में एक नहीं दो बार सबक मिले, जब विपक्ष बिखरा रहा. वहां हमने त्रिकोणीय मुकाबला लड़ा और भाजपा ने सूपड़ा साफ कर दिया. मायावती को लोकसभा चुनाव में 20 प्रतिशत वोट मिलने के बावजूद एक भी सीट नहीं मिल पायी.
पार्टी ने भाजपा के कथित सांप्रदायिक एजेंडे के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता पर बल देते हुए कहा है कि 2019 के आम चुनाव में विपक्षी दल पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करेंगे क्योंकि वह भारत को बचाने की लड़ाई होगी. अगले चुनाव में कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संक्षिप्त किंतु दो टूक जवाब दिया, ‘‘मैं मानता हूं कि राहुल गांधी ही होंगे.’’ गौड़ा ने दावा किया, ‘‘अगले चुनाव में विपक्षी नेता राहुल गांधी का नेतृत्व इसलिए स्वीकार करेंगे क्योंकि वह भारत को बचाने की लड़ाई होगी. ऐसी उनकी उम्मीद है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा और उनके पीछे ले जाने वाले एजेंडे तथा सांप्रदायिक एजेंडे से मुकाबला करने के लिए हमें एकजुट होना ही पड़ेगा. विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता राहुल गांधी स्वाभाविक पसंद होंगे.’’
उन्होंने दावा किया कि संघ परिवार लगातार देश के सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने का काम कर रहा है. देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है. सत्तारूढ़ दल अपने घोषणापत्र में किये गये वादे पूरे नहीं कर पा रहा है. कृषि क्षेत्र व्यापक स्तर पर संकटों से घिरा है. समाज के हर वर्ग में अंसतोष व्याप्त है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब लगता है कि प्रचार ढंग से नहीं चल रहा है तो वह कब्रिस्तान, श्मशान, पाकिस्तान आदि की राग छेड़ देते हैं। उनके पास ले देकर यही बच जाता है.