देश के नेताओं तथा संगठनों को सेना पर बयान देने से बचना चाहिए।
लखनऊ। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भावना का स्वागत किया जाना चाहिए और आरएसएस प्रमुख से यह अनुरोध करना चाहिए कि देश कि सुरक्षा सेना के हवाले रहने दे। मोहन भागवत आरएसएस के कैडर को 3 दिन में सेना की तरह प्रशिक्षित करके बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी से जुड़े आनुषंगिक नेताओं तथा बीजेपी के सांसदों और विधायकों की ही अपने ही प्रशिक्षित संगठनों से कराले तो अरबों रुपयों की बचत हो जाएगी जो सेना के उपयोग में आ जाएंगी। आरएसएस और विहिप के बहुत सारे लोग है, जिन्हे सरकारी सुरक्षा है। अमित शाह सहित आरएसएस से जुड़े संसद, विधायक को मोहन भागवत द्वारा सेना के जवानों की तरह तैयार कमांडों की सुरक्षा लेने में अमित शाह वह संघ से जुड़े लोगों को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
आरएसएस प्रमुख मोहन अपनी ही सुरक्षा अपने द्वारा तैयार कमांडों से करा लें तो यह भी देश पर एक अहसान होगा और करोड़ों रुपये सरकारी धन की बचत होगी।
यह था मोहन भागवत का बयान
भागवत ने मुजफ्फरपुर में रविवार को कहा था, "संघ तीन दिन के अंदर सेना के लिए जवान तैयार कर देगा। सेना को इसके लिए 6 से 7 महीने का समय लगता है। अगर संविधान इजाजत दें तो संघ कैडर में इतनी क्षमता है कि वह तीन दिन में देश के सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार है।"
13th February, 2018