लखनऊ। आजादी के बाद कांग्रेस ने डिवाइड एंड रूल अपनाते हुए जाति एवं धर्म की राजनीति की। कांग्रेस चुनाव में नेहरू, इन्दिरा, राजीव के एरा में कांग्रेस नेता चुनाव में बाहुबलियों का उपयोग करते थे। जाति एवं धर्म के आधार पर प्रत्याशी तय करते थे और हर राज्य में धार्मिक और जातीय आधार पर तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए लंबे अरसे तक सत्ता में रहे। बाहुबली एवं धर्म और जाति की सियासत करने वाले नेता जब यह समझ गए कि हमारे ही कारण कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह स्वयं राजनीतिक जामा पहनकर चुनाव मैदान में आ गए। जिसका परिणाम यह है कि आजादी के 70 साल बाद विकास का नारा देकर केवल और केवल धर्म और जाति की राजनीति हो रही है। उत्तर प्रदेश गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार सहित सभी राज्यों में विधानसभा और लोकसभा में प्रत्याशी योग्यता नहीं बल्कि जाति एवं धार्मिक समीकरण के आधार पर राजनीतिक दल तय करते है।
आज पूरे देश की सियासत केवल जाति ओर धार्मिक एजेंडे पर चल रही है जो जितना जातीय ओर धार्मिक उन्मान फैला कर मतदाताओ को लुभा लेता है वो दल सरकार बनाता है। जाति आधार पर 1989 से उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा बिहार में नितीश लालू ने सरकार बनाई तो धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर भाजपा ने मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश सहित महाराष्ट्र राज्यों में सरकारें बनाई। नरेन्द्र मोदी ने देश की जातीय एवं धार्मिक राजनीति कमजोरियों को पहचान लिया और विकास का नारा देकर जातीय एवं धार्मिक ध्रुवीकरण का एक ऐसा मजबूत समीकरण बनाया कि काँग्रेस सहित गैर भाजपा दल चारों खाने चित हो गए। आज स्थिति ये है कि केंद्र में 2014 से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और देश के 19 राज्यों में भाजपा व भाजपा समर्थित सरकारें है। दुर्भाग्य यही है कि देश के दोनों बड़े राजनीतिक दल काँग्रेस और भाजपा की सरकारों में जाति एवं धर्म तथा घोटाले की होड़ सी हो गई है। मोदी सरकार के 4 वर्ष के कार्यकाल में काँग्रेस सरकारों के घोटाले बाज़ नए रणनीत के साथ और बड़े-बड़े घोटाले कर रहे है। मोदी सरकार केवल और केवल घोटालेबाज़ों को संरक्षण दे रही है अगर गलती से घोटालेबाज पकड़ गए तो उनपर कारवाई करने के बजाए काँग्रेस पर आरोप लगा कर घोटाले में घोटाला कर रही है।
स्थिति यह है कि कांग्रेस सरकार में बैंकों में माल्या जैसे घोटालेबाज प्रकाश में आए। उनपर कार्रवाई नहीं हुई बल्कि विदेश भागने का अवसर दिया। अब दूसरे बैंक बैंक घोटालेबाज नीरव मोदी प्रकाश में आए है, तो इनपर कार्रवाई करने के बजाय भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। ललित मोदी, सहित अन्य बहुत बड़े बड़े घोटालेबाज आज भी देश को लूट रहे है। और मोदी भी मनमोहन सरकार की तरह चुप है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई करने का वादा करके सत्ता में आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में जीतने भी घोटालो का जिक्र किया था किसी पर प्रभावी कारवाई नहीं हुई बल्कि प्रतिदिन नए-नए घोटाले प्रकाश में आ रहे हैं।
15th February, 2018