लखनऊ : भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि सांसदों के वेतन में पिछले छह साल में चार गुना इजाफा हुआ है जबकि पहले की तुलना में संसद की कार्यवाही की अवधि घट गई है. जयपुर में एक कार्यक्रम में वरुण ने सवाल किया कि क्या कोई आदमी अपने मन से अपनी तनख्वाह बढ़ा सकता है या खुद ही इसे तय कर सकता है, अगर नहीं तो सांसद और विधायक अपनी तनख्वाह कैसे तय कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि सांसदों की तनख्वाह पिछले छह साल में चार गुना तक बढ़ी है. वरुण ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि नेताओं की पत्नियों, बेटियों, बहनों को संसद में लाने की बजाय सामान्य महिलाओं, चिकित्सकों, गरीब महिलाओं, अध्यापकों और वकीलों को आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है.
इससे पहले देश में किसानों की समस्या और उनके खुदकुशी के मामलों का जिक्र करते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा में मांग की थी कि देश के इस तरह के हालात में सांसदों को स्वयं का वेतन बढ़ाने का अधिकार नहीं होना चाहिए और इसके लिए ब्रिटेन की संसद की तर्ज पर एक बाहरी निकाय बनाया जाना चाहिए, जिसमें सांसदों का हस्तक्षेप नहीं हो.
भाजपा के वरुण गांधी ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा था, राजकोष से अपने स्वयं के वित्तीय संकलन को बढ़ाने का अधिकार हथियाना हमारी प्रजातान्त्रिक नैतिकता के अनुरूप नहीं है.
उन्होंने कहा था कि इस देश की ज्यादा से ज्यादा अच्छाई के लिए, हमें वेतन निर्धारित करने के लिहाज से सदस्यों से स्वतंत्र एक बाहरी निकाय बनाना होगा या यदि हम स्वयं को विनियमित करते हैं और देश के हालात तथा समाज में अंतिम व्यक्ति की आर्थिक स्थितियों पर विचार करते हैं, तो हमें कम से कम इस संसद की अवधि के लिए अपने विशेषाधिकारों को छोड़ देना चाहिए.
25th February, 2018