लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज़।
नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी 5वें वर्ष में जिस तरह से नीरव मोदी, विजय माल्या, विक्रम कोठारी, गुरपाल सिंह, पी चिदम्बरम जैसे अनेकोनेक अरबों खरबों के बैंक घोटाले प्रतिदिन उजागर हो रहे थे। उससे सभी राजनीतिक दल परेशान थे और जनता में छवि गिरती जा रही थी। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सहित उन सभी नेताओं से यह जवाब मांगना शुरू कर दिया था कि आखिर (कांग्रेस-भाजपा) दोनों सरकारों में गरीब जनता के पैसे की लूट कैसे हुई। जिस कारण जनता के सवालों से परेशान राजनीतिक दलों ने मूर्ति तोड़ो अभियान की श्रंखला शुरू कर भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने की रणनीति अपनाई। इसी अभियान के तहत त्रिपुरा में लेनिन, तमिलनाडु में पेरियार, कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, यूपी के मेरठ में बाबा साहब अंबेडकर, और केरल में महात्मा गांधी की मूर्ति तोडी जा चुकी है। आगे भी यह सिलसिला जारी रहने की आशंका है।
नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी 5वें वर्ष में जिस तरह से नीरव मोदी, विजय माल्या, विक्रम कोठारी, गुरपाल सिंह, पी चिदम्बरम जैसे अनेकोनेक अरबों खरबों के बैंक घोटाले प्रतिदिन उजागर हो रहे थे। उससे सभी राजनीतिक दल परेशान थे और जनता में छवि गिरती जा रही थी। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सहित उन सभी नेताओं से यह जवाब मांगना शुरू कर दिया था कि आखिर (कांग्रेस-भाजपा) दोनों सरकारों में गरीब जनता के पैसे की लूट कैसे हुई। जिस कारण जनता के सवालों से परेशान राजनीतिक दलों ने मूर्ति तोड़ो अभियान की श्रंखला शुरू कर भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने की रणनीति अपनाई। इसी अभियान के तहत त्रिपुरा में लेनिन, तमिलनाडु में पेरियार, कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, यूपी के मेरठ में बाबा साहब अंबेडकर, और केरल में महात्मा गांधी की मूर्ति तोडी जा चुकी है। आगे भी यह सिलसिला जारी रहने की आशंका है।
8th March, 2018