मोदी और शाह जाति धर्म एजेंडे पर ही, अखिलेश ने दी भाजपा को मात
लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज़। गोरखपुर, फूलपुर लोकसभा उपचुनाव की शर्मनाक हार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य दोषी नहीं है बल्कि इस हार के लिए सारी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की है। विधानसभा चुनाव में उस वक़्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास की बात करते थे और विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ना चाहते थे। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे प्रदेश में विभिन्न सभाओं में कब्रिस्तान, शमशान, अपराध, पुलिस थाने को सपा कार्यालय बनाने जैसे तमाम छोटे-छोटे मुद्दे अलग-अलग सभाओं में उठाते रहे। अखिलेश के विकास को कभी मोदी ने चुनौती नहीं दी और विकास के एजेंडे पर चुनाव को आने नहीं दिया। इसी तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पूरे प्रदेश में अति पिछड़े, पिछड़े, ब्राह्मण, ठाकुर तथा तमाम जातियों और स्थानीय जाति समीकरण के अनुसार मुख्यमंत्री बनाने की अघोषित रूप से संदेश देते रहे। जिसका परिणाम ये रहा कि जाति धर्म में विभाजित होकर मतदाता मोदी और शाह के चक्रव्यूह में फंस गए और अप्रत्याशित परिणाम आए।
हिंदुस्तान के इतिहास में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में देश के विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ते तो आज सपा-बसपा के गठबंधन से मिली शर्मनाक हार से बच सकते थे। जो जातीय एवं धार्मिक एजेंडा मोदी और शाह ने 2017 विधानसभा चुनाव में उठाए थे उसी धार्मिक एवं जातीय समीकरण में अखिलेश ने पटकनी दे दी। धर्म के नाम पर अखिलेश अपने आप को पिछड़ा हिन्दू बोलते हुए धार्मिक ध्रुवीकरण कराया। वहीँ बसपा से गठबंधन कर पिछड़े और दलित का मजबूत आधार बनाया। मुख्यमंत्री बनाने के लिए मोदी एवं शाह ने योगी को अश्वमेध घोड़ा बना दिया और उन्हें पूरे देश में गैर भाजपा शासित राज्यों में कमल खिलाने के लिए छोड़ दिया। जिसका परिणाम यह रहा कि योगी जी गलतफहमी के शिकार हुए और अपने ही घर में शर्मनाक हार हुयी। यही स्थिति केशव मौर्य की रही। अमित शाह को ऐसा लगा कि केशव मौर्या अतिपिछड़ो के मसीहा और सरकार बनाने में बहुत योगदान दिया है मोदी और शाह के प्यार से केशव मौर्या को इतना घमंड हो गया की फूलपुर की सीट गवां बैठे।
लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज़। गोरखपुर, फूलपुर लोकसभा उपचुनाव की शर्मनाक हार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य दोषी नहीं है बल्कि इस हार के लिए सारी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की है। विधानसभा चुनाव में उस वक़्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास की बात करते थे और विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ना चाहते थे। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे प्रदेश में विभिन्न सभाओं में कब्रिस्तान, शमशान, अपराध, पुलिस थाने को सपा कार्यालय बनाने जैसे तमाम छोटे-छोटे मुद्दे अलग-अलग सभाओं में उठाते रहे। अखिलेश के विकास को कभी मोदी ने चुनौती नहीं दी और विकास के एजेंडे पर चुनाव को आने नहीं दिया। इसी तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पूरे प्रदेश में अति पिछड़े, पिछड़े, ब्राह्मण, ठाकुर तथा तमाम जातियों और स्थानीय जाति समीकरण के अनुसार मुख्यमंत्री बनाने की अघोषित रूप से संदेश देते रहे। जिसका परिणाम ये रहा कि जाति धर्म में विभाजित होकर मतदाता मोदी और शाह के चक्रव्यूह में फंस गए और अप्रत्याशित परिणाम आए।
15th March, 2018