राज्यसभा चुनाव परिणाम में बसपा प्रत्याशी को मिली पराजय पर मायावती आज सपा मुखिया अखिलेश यादव के बचाव में उतरी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का राजनैतिक अनुभव कम है। इसलिए वह राजा भईया के जाल में फंस गए। मेरा एक लंबा राजनैतिक अनुभव है। अखिलेश की जगह मैं होती तो राजा भईया के धोखे में नहीं आती। सबसे पहले प्रथम वरीयता में सपा प्रत्याशी को चुनाव जिताती। मायावती ने भाजपा पर सपा-बसपा गठबंधन को तोड़ने लिए 2 जून 1995 की गेस्ट हाउस घटना की बार-बार याद दिला रही है। बीजेपी को यह भी जानना चाहिए कि जिस समय गेस्ट हाउस कांड हुआ उस समय अखिलेश यादव राजनीति में नहीं थे। बीजेपी हमेशा साजिश करती है। 25 अगस्त 2003 को भाजपा यह दबाव बना रही थी कि लोकसभा चुनाव में 60 सीटें भाजपा लड़े और 20 सीटें बसपा को लड़ना चाहिए। दलितों के हित में मैंने इसे स्वीकार नहीं किया और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मायावती ने कहा अखिलेश का राजनीति अनुभव कम है धीरे-धीरे अनिभव आने पर राजा भईया जैसे धोखेबाज़ों से सावधान हो जाएंगे।
राज्यसभा चुनाव परिणाम में बसपा प्रत्याशी को मिली पराजय पर मायावती आज सपा मुखिया अखिलेश यादव के बचाव में उतरी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का राजनैतिक अनुभव कम है। इसलिए वह राजा भईया के जाल में फंस गए। मेरा एक लंबा राजनैतिक अनुभव है। अखिलेश की जगह मैं होती तो राजा भईया के धोखे में नहीं आती। सबसे पहले प्रथम वरीयता में सपा प्रत्याशी को चुनाव जिताती। मायावती ने भाजपा पर सपा-बसपा गठबंधन को तोड़ने लिए 2 जून 1995 की गेस्ट हाउस घटना की बार-बार याद दिला रही है। बीजेपी को यह भी जानना चाहिए कि जिस समय गेस्ट हाउस कांड हुआ उस समय अखिलेश यादव राजनीति में नहीं थे। बीजेपी हमेशा साजिश करती है। 25 अगस्त 2003 को भाजपा यह दबाव बना रही थी कि लोकसभा चुनाव में 60 सीटें भाजपा लड़े और 20 सीटें बसपा को लड़ना चाहिए। दलितों के हित में मैंने इसे स्वीकार नहीं किया और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मायावती ने कहा अखिलेश का राजनीति अनुभव कम है धीरे-धीरे अनिभव आने पर राजा भईया जैसे धोखेबाज़ों से सावधान हो जाएंगे।
24th March, 2018