लखनऊ- यूरिड मीडिया न्यूज। मुख्यमंत्री योगिआदित्य नाथ के ईमानदारी पर कोई शक नही है। बड़े से बड़ा अधिकारी या नेता के खिलाफ कार्यवाही करने में मुख्यमंत्री रियायत नही करते। लेकिन सवाल अब मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव का है और राज्यपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों के जांच के लिए पत्र लिखा है। यह बहुत ही गंभीर मामला है क्योंकि मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा है। 22 वर्ष अभिषेक गुप्ता युवा है और उन्होने 25 लाख रुपये का सीधे आरोप एस.पी. गोयल पर लगाया है। गुप्ता ने 18 अप्रैल को राज्यपाल को पत्र लिखा था। राज्यपाल ने पत्र को मुख्यमंत्री के पास भेज दिया था। लेकिन पत्र पर कोई कार्यवाही नही हुई। गुप्ता ने फिर दूसरा पत्र राज्यपाल को लिखा और अनुरोध किया कि आपके निर्देश के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई। मामला पेट्रोल पम्प के जमीन का है गुप्ता ने लिखा कि शिकायत करने के बाद पेट्रोल पम्प के लिए जमीन का मेरा प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। श्री गोयल मायावती सरकार में तत्कालीन कैबिनेट सचिव के स्टाफ अफसर रहे है। श्री गोयल पर मायावती सरकार में भी कई गंभीर आरोप लगे थे लेकिन शंशाक शेखर जैसा प्रभावशाली कैबिनेट सचिव का संरक्षण होने से कार्यवाही नही हुई। गुप्ता का पत्र लीक होने के बाद हंगामा मच गया है। और डैमेज कंट्रोल करने के लिए भाजपा प्रदेश प्रभारी भाजपा भारत दीक्षित की तरफ से अभिषेक गुप्ता के खिलाफ पार्टी के छवि खराब करने के लिए हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुख्यमंत्री अपनी छवि बचाने के लिए क्या कार्यवाही करते है ये तो समय बतायेगा। लेकिन यह भाजपा ऐसी पार्टी है जो छवि को लेकर चिंतित रहती है ऐसे में मुख्यमंत्री सचिवालय भ्रष्टाचार को लेकर संदेह के घेरे में आ गया, यह बहुत गंभीर मामला है। वैसे भी प्रमुख सचिव एस.पी. गोयल पर तरह के तरह आरोप लग रहे है। सबसे बड़ा आरोप यही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे तेजतर्रार एवं साफ-सुथरी ईमानदार छवि वाले मुख्यमंत्री के निर्देशों का अनुपालन कराने में एस.पी. गोयल पूरी तरह असफल है मुख्यमंत्री सचिवालय से लगातार सूचनांए लीक हो रही है पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास खाली कराने के मामले में पत्र लिक हो गया था। यही नही तमाम प्रकरण ऐसे है जहां पर मुख्यमंत्री सचिवालय से सूचनांए लीक हुई है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि एस.पी. गोयल मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव जरूर है लेकिन श्री गोयल कार्यवाही संगठन के एक प्रभावशाली नेता के कहने पर करते है। अब सवाल यही है कि एस.पी.गोयल के प्रकरण में मुख्यमंत्री क्यो कार्यवाही करते है इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि मुख्यमंत्री पर किसी का दबाव नही है।
8th June, 2018