प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को नई दिल्ली में कल्चरल सेंटर राष्ट्रपति भवन के सभागार में नीति आयोग की शासी परिषद की चतुर्थ बैठक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा जताया कि केन्द्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास प्रदेश की समस्याओं के ससमय निराकरण और राज्य को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में सहायक होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘सबका साथ सबका विकास‘ की अवधारणा पर प्रदेश को स्वच्छ, स्वस्थ, समर्थ तथा सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिये कृतसंकल्पित है। प्रदेश की जनता की खुशहाली के लिये राज्य सरकार द्वारा ‘साफ नीयत, सही विकास‘ के संकल्प को साकार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने की प्रतिबद्वता को पूरा करने केे लिये किसानों को नवीन तकनीक से जोड़ना आवश्यक है। इसके लिये प्रदेश में 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्र तथा 100 कृषि कल्याण केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। किसानों के लिये बाजार को व्यापक और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये ई-नाम योजना प्रदेश की 100 मण्डी समितियों में लागू गयी है, जो देश में सर्वाधिक है। इस योजना में, देश के किसी भी राज्य की तुलना में, प्रदेश में सर्वाधिक 28 लाख किसानों तथा 31 हजार व्यापारियों को पंजीकृत किया गया है। देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 20 प्रतिशत है। साथ ही, दुग्ध, गेहूं, गन्ना और आलू उत्पादन में राज्य का देश में पहला स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की मदद के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्व है। अब तक 32,940 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। प्रदेश में दो चीनी मिलों की स्थापना की जा रही है तथा दो चीनी मिलों की पेराई क्षमता में विस्तार किया गया है। इस वर्ष प्रदेश में 1,101 लाख मीट्रिक टन गन्ने की रिकार्ड पेराई की गयी, जो गत वर्ष की कुल पेराई 827 लाख मीट्रिक टन से 33.12 प्रतिशत अधिक है। केन्द्र सरकार द्वारा देश में चिन्हित लगभग 22,000 ग्रामीण हाट बाजारों को अवस्थापना सुविधाओं से युक्त करने एवं उनके आधुनिकीकरण की नीति तैयार की जा रही है। इस सम्बन्ध में प्राप्त दिशा निर्देशों को समयबद्ध ढंग से लागू किया जायेगा। प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 132 ग्रामीण अवस्थापना केन्द्र का निर्माण कराया जा चुका है।
18th June, 2018