लखनऊ: नई दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तान आवामी मोर्चा के जीतनराम मांझी की बैठक रालोसपा औपचारिक रूप से बिहार के महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के लिहाज से सीटों की साझेदारी को लेकर चर्चा भी शुरू की जा सकती है।
लोकसभा चुनाव में विरोधी दलों के प्रस्तावित गठबंधन की कवायद को बिहार से ताकत मिल सकती है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इसे आरंभिक चर्चा के रूप में देखा जाना चाहिए। अभी किसी फार्मूले को लेकर हम नहीं बैठेंगे। लेकिन बिहार में भाजपा-जदयू की अगुवाई वाले एनडीए को हराने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों की एकजुटता दिखेगी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बिहार में गठबंधन होना तय है। फिलहाल एक साथ आने को तैयार दलों में बातचीत होगी। बाद में इसका दायरा बढ़ भी सकता है।
कांग्रेस में राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं। उन्हें लगता है कि भाजपा को हराने के लिए राज्यवार दलों में गठजोड़ को लेकर सहमति बनेगी। बिहार से इसकी औपचारिक शुरुआत हो सकती है।
गौरतलब है कि बिहार में पिछले दिनों ही उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए छोड़ने का ऐलान किया था। उनकी कांग्रेस नेताओं से मुलाकात भी हो चुकी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल तीन राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के बहाने उपेंद्र कुशवाहा से मिले थे। राजद और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर पहले से सहमति है। मांझी भी महागठबंधन का हिस्सा बनने पर अपनी रजामंदी दे चुके हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी भाजपा को हराने के लिए मतों में बिखराव रोकने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेने से नहीं हिचकेगी। पार्टी को उम्मीद है कि बिहार में एकजुटता से अन्य प्रदेशों में भी इस तरह की साझेदारी को लेकर स्पष्ट संदेश जाएगा। कई राज्यों में क्षेत्रीय दल विपक्षी मोर्चेबंदी का समर्थन कर चुके हैं।
20th December, 2018