लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब दो महीने तक ताबड़तोड़ प्रचार किया। इस दौरान वह 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रैलियों व रोड शो के जरिए भाजपा व एनडीए के लिए वोट मांगने गए।
नरेंद्र मोदी ने कुल 181 चुनावी रैलियाँ की। उनके भाषण काफी चर्चा और विवाद में रहे, लेकिन उम्मीदवारों को जिताने में ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए। जितनी सीटों पर उन्होंने प्रचार किया, उनमें से आधे पर बीजेपी या उसकी सहयोगी पार्टियों के उम्मीदवार जीत सके।
पीएम मोदी ने जहां रोड शो या रैलियाँ की थीं, उनमें से 75 सीटों पर बीजेपी को इंडिया गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी ने 27 रैलियाँ और 4 रोड शो किए लेकिन बीजेपी सिर्फ 13 सीटें जीत सकी। तीन राज्यों (पंजाब, तमिलनाडु, गोवा) में नरेंद्र मोदी ने 11 रैलियां कीं, लेकिन वहां उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली।
नरेंद्र मोदी के प्रचार में कितना दम?
नरेंद्र मोदी के प्रचार में कितना दम?
राज्य |
पीएम मोदी की रैली/रोड शो की संख्या |
सीटें जीतीं |
वोट शेयर (%) |
यूपी |
31 |
13 |
30.0 |
पश्चिम बंगाल |
20 |
6 |
27.2 |
महाराष्ट्र |
17 |
2 |
29.2 |
बिहार |
15 |
7 |
49.3 |
ओडिशा |
12 |
12 |
45.3 |
कर्नाटक |
10 |
8 |
53.9 |
मध्य प्रदेश |
10 |
10 |
47.3 |
झारखंड |
9 |
5 |
53.2 |
राजस्थान |
9 |
3 |
51.3 |
गुजरात |
6 |
5 |
43.2 |
तमिल नाडु |
6 |
0 |
53.4 |
तेलंगाना |
6 |
4 |
32.6 |
आंध्र प्रदेश |
5 |
2 |
59.3 |
छत्तीसगढ़ |
4 |
4 |
31.2 |
पंजाब |
4 |
0 |
54.2 |
हरियाणा |
3 |
1 |
47.5 |
केरल |
3 |
1 |
23.6 |
असम |
2 |
1 |
42.5 |
हिमाचल प्रदेश |
2 |
2 |
23.8 |
दिल्ली |
2 |
2 |
37.9 |
उत्तराखंड |
2 |
2 |
72.8 |
गोवा |
1 |
0 |
41.6 |
जम्मू-कश्मीर |
1 |
1 |
55.5 |
त्रिपुरा |
1 |
1 |
40.4 |
बीजेपी भले ही बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर सकी हो, लेकिन इसके एक-तिहाई उम्मीदवारों ने 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा वोट हासिल किए। बीजेपी इस बार 441 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इनमें से 35.4 प्रतिशत उम्मीदवार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट पाकर जीते। 2019 में बीजेपी के लिए यह आंकड़ा 51.4 प्रतिशत था। नीचे टेबल में देखिए 1996 से 2024 तक सबसे बड़ी पार्टी के कितने प्रतिशत उम्मीदवार 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा वोट पाकर जीतते रहे हैं।
चुनावी वर्ष सबसे बड़ी पार्टी 50% से अधिक वोट शेयर से जीतने वाले उम्मीदवार (%)
चुनावी वर्ष |
सबसे बड़ी पार्टी |
50% से अधिक वोट शेयर से जीतने वाले उम्मीदवार (%) |
1996 |
बीजेपी (471) |
7.4 |
1998 |
बीजेपी (388) |
14.4 |
1999 |
बीजेपी (339) |
24.5 |
2004 |
कांग्रेस (417) |
15.3 |
2009 |
कांग्रेस (440) |
9.8 |
2014 |
बीजेपी (428) |
31.8 |
2019 |
बीजेपी (436) |
51.4 |
2024 |
बीजेपी (441) |
35.4 |
कई राज्यों में सीटें गंवाने के अलावा बीजेपी को ग्रामीण इलाकों में भी नुकसान हुआ है। हालांकि, शहरी हिस्सों में बीजेपी कुछ हद तक अपना दबदबा बचाए रखने में कामयाब रही।
बीजेपी ने इस बार ग्रामीण इलाकों वाली 193 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 2019 में इनकी संख्या 253 थी। ग्रामीण सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन चुनावी वर्ष 30-40% वोट शेयर से जीती सीटें 40-50% वोट शेयर से जीती सीटें 50% से ज्यादा वोट शेयर से जीती सीटें
चुनावी वर्ष |
30-40% वोट शेयर से जीती सीटें |
40-50% वोट शेयर से जीती सीटें |
50% से ज्यादा वोट शेयर से जीती सीटें |
2019 |
7 |
67 |
179 |
2024 |
4 |
72 |
117 |
शहरी सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन
चुनावी वर्ष 30-40% वोट शेयर से जीती सीटें 40-50% वोट शेयर से जीती सीटें 50% से ज्यादा वोट शेयर से जीती सीटें
चुनावी वर्ष |
30-40% वोट शेयर से जीती सीटें |
40-50% वोट शेयर से जीती सीटें |
50% से ज्यादा वोट शेयर से जीती सीटें |
2019 |
– |
5 |
45 |
2024 |
1 |
7 |
39 |
2019 में जीती गईं 92 सीटों पर इस बार बीजेपी को करना पड़ा हार का सामना
2019 में भाजपा ने जो 303 सीटें जीतीं थीं उनमें से इस बार उसने 208 सीटें बरकरार रखीं और 92 हार गईं। पार्टी ने 2024 में 32 नई सीटें जीतीं। गौरतलब है कि भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव में 240 सीटें जीतीं हैं। पार्टी की हारी हुई 92 सीटों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि इनमें से 29 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थे, जहां वह हारी। पार्टी को सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश में हुआ, जहां इन 92 सीटों में से उसे बस 29 सीटें मिलीं। अन्य राज्य जहां भाजपा को बड़े झटके का सामना करना पड़ा, वे महाराष्ट्र और राजस्थान थे, जहां पार्टी को क्रमशः 16 और 10 सीटों का नुकसान हुआ।
इसके अलावा भाजपा को कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में 8-8 निर्वाचन क्षेत्रों में भी हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा में बीजेपी की सीटें आधी रह गईं जहां पार्टी को 5 सीटों का नुकसान हुआ।
बीजेपी को बिहार में 5, झारखंड में 3, पंजाब में 2 और असम, चंडीगढ़, दमन और दीव, गुजरात, लद्दाख (2019 में यह जम्मू और कश्मीर का हिस्सा था) और मणिपुर में एक-एक सीट गंवानी पड़ी। कुल मिलाकर भाजपा 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह 92 सीटें हार गईं।
एससी/ एसटी सीट पर किसे मिली कितनी सीटें
भाजपा जिन 92 सीटों पर हारी उनमें से 63 सामान्य, 18 एससी और 11 एसटी के लिए आरक्षित थीं। ये सीटें ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में थीं लेकिन इनमें मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ ईस्ट जैसी शहरी सीटें भी शामिल थीं, जहां कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने बीजेपी को हराया था।
पार्टी एससी सीट एसटी सीट मुस्लिम सीट
पार्टी |
एससी सीट |
एसटी सीट |
मुस्लिम सीट |
बीजेपी |
29 |
24 |
37 |
कांग्रेस |
20 |
13 |
14 |