यूरीड मीडिया- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में नीति आयोग की बैठक से वॉकआउट किया है। बैठक से बाहर निकलने के बाद ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मीटिंग में उनका अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। वह मीटिंग में बोलना चाहती थी लेकिन उन्हें केवल 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई। उनसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि वह विपक्ष की एकमात्र सदस्य थी जो मीटिंग में भाग ले रही थी लेकिन फिर भी उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।
मेरा माइक बंद कर दिया गया: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बोल रही थी और मेरा माइक बंद कर दिया गया। मैंने कहा कि आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं। मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और अपनी सरकार को और अधिक गुंजाइश दे रहे हैं। विपक्ष से केवल मैं ही हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं। यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है।
ममता ने की थी नीति आयोग को खत्म करने की मांग
ममता बनर्जी ने इस बैठक से नीति आयोग को खत्म करने की मांग की थी। सीएम ममता बनर्जी ने अपनी इस मांग के पीछे की वजह भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि इस नीति आयोग को बंद कर दें क्योंकि यह सिर्फ बैठक बुलाने के अलावा कुछ नहीं करता है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने योजना आयोग को वापस लाने की मांग की थी।
2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का दृष्टिकोण पत्र तैयार
भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण पत्र’ तैयार किया जा रहा है। नीति आयोग को 2023 में 10 क्षेत्रीय विषय पर दृष्टिकोणों को समेकित कर ‘विकसित भारत एट 2047’ के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था। इस दृष्टिकोण पत्र में विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरण अनुकूल उपाए और संचालन व्यवस्था शामिल हैं।
नीति आयोग की बैठक में इन मुद्दों पर बात
नीति आयोग की बैठक में साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर फोकस किया गया है। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा।
नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार
नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार। नीतीश कुमार के बैठक में नहीं आने की वजह का अभी खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि बिहार के दोनों डिप्टी सीएम नीति आयोग की बैठक में शामिल बताए जा रहे हैं।
'संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा'
नीति आयोग की बैठक पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, 'नीति आयोग क्या है? एक शैक्षणिक अभ्यास के लिए पीएम मोदी ने एक बॉडी बना दी। इन्हें योजना आयोग से क्या दिक्कत थी ? सिर्फ इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि ये नेहरू के जमाने से था। तो नेहरू के जमाने की तो बहुत सी चीज़े हैं। संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा। गणितीय शब्द से सच्चाई नहीं बदलती। हकीकत तब बदलेगी जब आप ठोस कदम उठाएंगे और वहां मैं नीति आयोग को फेल मानता हूं। तो जाहिर तौर पर आपको रिवाइव करना चाहिए।'
दिल्ली से कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से भी नीति आयोग की बैठक में कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ है।
डीएमके का विरोध प्रदर्शन
डीएमके ने 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बजट में तमिलनाडु की उपेक्षा की गई है।
'कांग्रेस विकास कार्यों पर भी राजनीति कर रही'
कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा, 'कांग्रेस की शुरू से ही यह मानसिकता रही है कि उन्हें विकास कार्यों में भी राजनीति करनी है। आज विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बैठक है, नीति आयोग कोई बीजेपी का ढांचा नहीं है। नीति आयोग जब भी बैठक करती है तब वह हर राज्य के विकास मॉडल को तय करती है यह एक संघीय ढांचा है, लेकिन समस्या यह है कि कांग्रेस केवल तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे अब नीति आयोग बैठक का विरोध कर रहे हैं।'
क्या है नीति आयोग?
नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति (NITI) आयोग के नाम से जाना जाता है। यह भारत सरकार का एक नीति थिंक टैंक है, जो सरकार के कामों और नीतियों की जानकारी देता है। इसका उद्देश्य देश के विकास के लिए नीतियां बनाना और राज्यों को सलाह देना है। इस संस्थान की गवर्निंग काउंसिल मीटिंग हर साल होती है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेते हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था।
नीति आयोग सरकार के लॉन्ग टर्म पॉलिसी और कार्यक्रमों के लिए रणनीति तैयार करने में अहम रोल निभाता है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। अध्यक्ष के अलावा एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी होता है। इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी 2015 को नीति आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी।
बैठक में इन राज्यों के मुख्यमंत्री ने की शिरकत
नीति आयोग की बैठक में शामिल होने वाले सीएम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का नाम शामिल है।
नीति आयोग की बैठक में 15 केंद्रीय मंत्री भी होंगे शामिल
नीति आयोग की बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार पदेन सदस्य होंगे। इनके अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी और एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। इनके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।
मेरा माइक बंद कर दिया गया: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बोल रही थी और मेरा माइक बंद कर दिया गया। मैंने कहा कि आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं। मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और अपनी सरकार को और अधिक गुंजाइश दे रहे हैं। विपक्ष से केवल मैं ही हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं। यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है।
ममता ने की थी नीति आयोग को खत्म करने की मांग
ममता बनर्जी ने इस बैठक से नीति आयोग को खत्म करने की मांग की थी। सीएम ममता बनर्जी ने अपनी इस मांग के पीछे की वजह भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि इस नीति आयोग को बंद कर दें क्योंकि यह सिर्फ बैठक बुलाने के अलावा कुछ नहीं करता है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने योजना आयोग को वापस लाने की मांग की थी।
2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का दृष्टिकोण पत्र तैयार
भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण पत्र’ तैयार किया जा रहा है। नीति आयोग को 2023 में 10 क्षेत्रीय विषय पर दृष्टिकोणों को समेकित कर ‘विकसित भारत एट 2047’ के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था। इस दृष्टिकोण पत्र में विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरण अनुकूल उपाए और संचालन व्यवस्था शामिल हैं।
नीति आयोग की बैठक में इन मुद्दों पर बात
नीति आयोग की बैठक में साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर फोकस किया गया है। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा।
नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार
नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार। नीतीश कुमार के बैठक में नहीं आने की वजह का अभी खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि बिहार के दोनों डिप्टी सीएम नीति आयोग की बैठक में शामिल बताए जा रहे हैं।
'संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा'
नीति आयोग की बैठक पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, 'नीति आयोग क्या है? एक शैक्षणिक अभ्यास के लिए पीएम मोदी ने एक बॉडी बना दी। इन्हें योजना आयोग से क्या दिक्कत थी ? सिर्फ इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि ये नेहरू के जमाने से था। तो नेहरू के जमाने की तो बहुत सी चीज़े हैं। संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा। गणितीय शब्द से सच्चाई नहीं बदलती। हकीकत तब बदलेगी जब आप ठोस कदम उठाएंगे और वहां मैं नीति आयोग को फेल मानता हूं। तो जाहिर तौर पर आपको रिवाइव करना चाहिए।'
दिल्ली से कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से भी नीति आयोग की बैठक में कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ है।
डीएमके का विरोध प्रदर्शन
डीएमके ने 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बजट में तमिलनाडु की उपेक्षा की गई है।
'कांग्रेस विकास कार्यों पर भी राजनीति कर रही'
कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा, 'कांग्रेस की शुरू से ही यह मानसिकता रही है कि उन्हें विकास कार्यों में भी राजनीति करनी है। आज विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बैठक है, नीति आयोग कोई बीजेपी का ढांचा नहीं है। नीति आयोग जब भी बैठक करती है तब वह हर राज्य के विकास मॉडल को तय करती है यह एक संघीय ढांचा है, लेकिन समस्या यह है कि कांग्रेस केवल तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे अब नीति आयोग बैठक का विरोध कर रहे हैं।'
क्या है नीति आयोग?
नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति (NITI) आयोग के नाम से जाना जाता है। यह भारत सरकार का एक नीति थिंक टैंक है, जो सरकार के कामों और नीतियों की जानकारी देता है। इसका उद्देश्य देश के विकास के लिए नीतियां बनाना और राज्यों को सलाह देना है। इस संस्थान की गवर्निंग काउंसिल मीटिंग हर साल होती है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेते हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था।
नीति आयोग सरकार के लॉन्ग टर्म पॉलिसी और कार्यक्रमों के लिए रणनीति तैयार करने में अहम रोल निभाता है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। अध्यक्ष के अलावा एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी होता है। इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी 2015 को नीति आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी।
बैठक में इन राज्यों के मुख्यमंत्री ने की शिरकत
नीति आयोग की बैठक में शामिल होने वाले सीएम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का नाम शामिल है।
नीति आयोग की बैठक में 15 केंद्रीय मंत्री भी होंगे शामिल
नीति आयोग की बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार पदेन सदस्य होंगे। इनके अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी और एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। इनके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।
27th July, 2024