यूरीड मीडिया- 2024 में नया डेवलपमेंट जयराम महतो का हुआ है। उन्होंने एक नई पार्टी है झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतकारी मोर्चा बनाया है। सुदेश महतो भी OBC के नेता हैं जिन्हें कुर्मियों का नेता माना जाता है। कुर्मियों का कोई बड़ा नेता बीजेपी के पास नहीं था इसलिए गठबंधन किया है लेकिन जयराम महतो की लोकप्रियता सुदेश महतो से कहीं ज्यादा है और जयराम महतो पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन अगर इनका ट्रैक रिकार्ड देखें तो इनका एजेंडा झारखण्ड के कल्चर, संस्कृति, सम्मान और झारखंड के बाहरी लोगों का। अभी लोकसभा की आठ सीटों पर चुनाव लड़े थे जिसमें जयराम खुद गिरडी लोकसभा से चुनाव लड़े थे उन्हें साढ़े तीन लाख वोट मिले थे। नई पार्टी होने के बावजूद भी आठ सीटों का ट्रेक रिकॉर्ड बहुत ही अच्छा है। युवा हैं, नौजवान हैं पहली बार चुनाव लड़े हैं और इनको ओबीसी का बड़ा चेहरा होने के साथ-साथ सभी वर्गों का समर्थन है। झारखण्ड में ओबीसी 45% है। यह दोनों गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने झारखण्ड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। झारखंड के चुनाव दो चरणों में 13 और 20 नवंबर और महाराष्ट्र का चुनाव एक चरण 20 नवंबर को मत डाले जायेंगे। झारखण्ड में एनडीए घटक ने अपने सीटों का बटवारा कर दिया है और इस बार 68 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी, 10 सीटों पर आजसू, यह सुदेश महतो की पार्टी है। पिछली बार 53 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 2 सीटें जीती थी। इसे ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी भी बोलते हैं। 2 सीट जदयू और 1 सीट चिराग पासवान के खाते में आयी है।
अगर हम 2019 चुनाव में एनडीए के मत प्रतिशत को जोड़े तो भाजपा को 33.37% आजसू को 8.1%, बाबू लाल मरांडी ने झारखण्ड विकास मोर्चा नाम से पार्टी बनाई थी। 2019 के चुनाव में सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 3 सीटें भी जीती थी। उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर लिया था। उन्हें 5.45% मत मिले थे। इस प्रकार 2019 में एनडीए का मत प्रतिशत 47 था।
इंडिया गठबंधन में पिछली बार जेएमएम ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, 30 सीटें जीती थी और उसे 18.72% मत मिला था। कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी। 13 सीटें जीती और उसे 13.88% मत मिले। इसके अलावा आरजेडी 7 सीटों पर चुनाव लड़ी। 1 सीट पर विजय प्राप्त हुई और 2.75% वोट मिले। इंडिया गठबंधन के अन्य दलों को जोड़ दे तो मत प्रतिशत 2019 में 37 प्रतिशत होता था। 2019 के मिले मत के अनुसार दोनों गठबंधन में 10% मतों का अंतर है।
झारखंड में सुरक्षित सीटें बहुत महत्वपूर्ण हैं। झारखंड में 81 सीटें है इन 81 सीटों में 28 सीटें ST और 9 सीटें SC के लिए कुल 37 सीटें सुरक्षित हैं और पिछली बार इन 37 सीटों में बीजेपी को केवल 9 सीटें मिली थी और बाकी सीटें JMM Congress को मिली थी। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बहुत ही राजनीतिक रणनीति के अनुसार अपने चुनाव की तैयारी की है और काफी दिनों से तैयारी कर भी रहे हैं। अगर हम देखें तो झारखंड की सीमाएं पांच राज्य पश्चमी बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश का छोटा का भाग सोनभद्र को भी टच करता है लेकिन वह ना के बराबर है। चारों जो सीमाएं है, चारों का समीकरण अलग- अलग है। भारतीय जनता पार्टी ने दो प्रभारी बनाए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जो 20 वर्षों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और दूसरे हिमन्त बिश्व शर्मा जो असम के मुख्यमंत्री है। हिमन्त बिश्व शर्मा को हिंदुत्व का एक बड़ा चेहरा माना जाता है। पूर्वी भारत में योगी के बाद सबसे अधिक हिंदुत्व के चेहरे के रूप में प्रसिद्ध हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी ही स्ट्रेटेजी बना कर इसे अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है। संथाल परगना जो पश्चिम बंगाल से जुड़ता है जहां पर यह कहा जाता है कि यहाँ की भौगोलिक समीकरण बदल गया है। मुस्लिम की आबादी बढ़ गयी है जो पश्चिम बंगाल से आये है। प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषण में इस चीज का जिक्र किया था कि वहां की भौगोलिक स्थिति बदली है। पिछले चुनाव में 18 सीटों में भाजपा को केवल 4 सीटें ही मिली थी। इस बार हर समीकरण को बीजेपी ने साधने का प्रयास किया है। संथाल परगना में हिंदु- मुस्लिम के लिए हिमन्त बिश्व शर्मा जबकि 2 मुख्यमंत्री जो दूसरे राज्य छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी दोनों ही एसटी समाज से आते हैं। इन दोनों को बार्डर एरिया पर लगाया गया है जहाँ एक तरफ 25 सीटें आती है और एक तरफ 14 सीटें कुल 39 सीटों है। तीन मुख्यमंत्री तीन छोड़ पर कमान सभाल रहे हैं।
पिछली बार भाजपा 79 सीटों पर लड़ कर 25 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार बड़े बेहतर तरीके से समीकरण के अनुसार आजसू से तालमेल करके 10 सीटें दी गयी हैं। आजसू इन 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी- 1-सिल्ली, 2- रामगढ़, 3- गोमिया, 4- इचागढ़, 5- मांडू, 6- जुगसलिया, 7- डुमरी, 8- पाकुड़, 9- लोहरदगा, 10- मनोहरपुर। ये सीटें पिछड़ी बहुल्य हैं। यहाँ पर सुदेश महतों का अच्छा प्रभाव है। बिहार से जुडी 2 सीट जेडीयू को दी गयी है। 1- जमशेदपुर पश्चिम और 2- तमाड़ और एक सीट चतरा पर एलजेपी लड़ेगी।
बीजेपी के नेतृत्व ने बूथ लेवल मैनेजमेंट बहुत अच्छा किया है और वह चुनाव में बहुत ही अच्छी चुनौती इंडिया गठबंधन को देगा। हालांकि हेमंत सोरेन ने भी अपनी पूरी स्ट्रेटजी बना रखी है जेल से छूटने के बाद काफी मेहनत की है और जिस तरीके से उन्होंने महिलाओं के लिए मैया सम्मान योजना में 1000 रुपया देने की घोषणा की थी उसका काफी प्रभाव दिखाई दे रहा है क्योंकि कुल मतदाता 2 करोड़ 55 लाख में महिलाओं की संख्या लगभग 50% 1 करोड़ 25 लाख है। महिलाओं को काफी प्रभावित करने का प्रयास किया गया है।
इसको चुनौती देने के लिए भाजपा ने गोगो स्कीम में महिलाओं को 2100 रूपये देने की बात कही है। चुनाव घोषणा के मात्र 2 दिन पहले गोगो के तुलना में हेमंत सोरेन को घोषणा करनी पड़ी कि अगर वह सत्ता में आते है तो 2500 रुपये देंगे।
एक विशेष मुद्दा मूल झारखंडी और बाहरी झारखंडी का बनाया जा रहा है। 1932 खतियान राजस्व खतौनी में जिनका नाम 1985 तक दर्ज हुआ है उन्हें मूल झारखंडी मानते है। इस मुद्दे को जयराम महतो पुरजोर तरीके से उठा रहे है क्योंकि वही अकेला चेहरा है जो किसी भी इशू पर बोलते हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी पांच साल सरकार में रही। कई मुख्यमंत्री के चेहरे बदले। भाजपा ने हेमंत सोरेन को कमजोर करने के लिए चंपई सोरेन जिनको हेमंत सोरेन जब जेल गये थे तो मुख्यमंत्री बनाया था उनको भी अपनी पार्टी से जोड़ा है क्योंकि जब झारखण्ड का अंदोलन चला था तो उन्होंने भी अगवाई किया था। हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भी अब भाजपा में हैं। भाजपा ने हेमंत सोरेन के परिवार तथा उनके साथ जो मजबूत लोग थे उन्हें तोड़ने का प्रयास किया है।
किस तरीके से इंडिया गठबंधन राहूल गांधी, हेमंत सोरेन और तेजस्वी मिल करके सीटों का बंटवारा कैसे करते हैं, एसी-एसटी सीटों पर क्या रणनीति अपनाते हैं, ये बहुत ही महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि स्थितियां किसी के पक्ष में नहीं है। प्रथम चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दूसरे चरण की नामांकन की प्रक्रिया 28 से शुरू होगी। मतदान 13 और 20 नवंबर को होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी।
19th October, 2024