यूरीड मीडिया- महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले अल्पसंख्यकों के तीर्थ स्थलों को भी तीर्थ दर्शन योजना में शामिल कर लिया है। शिंदे सरकार के इस फैसले को विधानसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों के लिए बड़े कदम की तरह देखा जा रहा है। महाराष्ट्र में एक चरण के तहत 20 नवंबर को चुनाव होना है।
चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले 15 अक्टूबर को जारी प्रस्ताव के मुताबिक सरकार ने राज्य के 95 और महाराष्ट्र के बाहर के 15 पवित्र स्थलों को इस योजना में शामिल किया है। लिस्ट में मुस्लिम, पारसी, बौद्ध और जैन अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थल शामिल हैं। मुस्लिम पवित्र स्थलों में मुंबई की हाजी अली दरगाह, कल्याण की हाजी मलंग दरगाह और भिवंडी की दीवानशाह दरगाह शामिल हैं।
'सरकार की असली मंशा सामने आई'
शेख ने आगे कहा,'अल्पसंख्यक समुदायों के पवित्र स्थलों को अंतिम समय में शामिल करना सरकार की मंशा को उजागर करता है। महाराष्ट्र संतों की भूमि है। सूफी संतों की राज्य में कई दरगाहें हैं, जहां हिंदू भी जाते हैं। हाजी मलंग और हाजी अली जैसी दरगाहें राज्य में हैं। इतने समृद्ध इतिहास के बावजूद सरकार ने उन्हें पहली सूची में शामिल नहीं किया, जो उनकी असली प्रकृति को दर्शाता है।'
महाराष्ट्र के बार सिर्फ अजमेर दरगार शामिल
जुलाई में महायुति सरकार ने महाराष्ट्र के बाहर के 73 धार्मिक स्थलों के साथ ही मुस्लिमों को छोड़कर कई धर्मों के 66 पवित्र स्थलों को सूची में शामिल किया था। महायुति सरकार ने महाराष्ट्र के बाहर की सूची में केवल राजस्थान में अजमेर दरगाह को शामिल किया है।
स्कीम से बुजुर्गों को मिलता है ये फायदा
दरअसल, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत सरकार 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक तीर्थ स्थल के दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 30 हजार रुपये आवंटित करेगी। हालांकि, इसके लिये यह शर्त है कि परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिये।
इन धर्मों के धर्मस्थल भी किए शामिल
जैन समाज में गुजरात का पालीताना, गुजरात में शंखेश्वर तीर्थ और नागपुर के रामटेक जैन मंदिर को शामिल किया गया है। वहीं, पारसी पवित्र स्थानों में गुजरात के उदवाड़ा में ईरानशाह अताश बेहराम, गुजरात में पाक अंजुमन नवसारी अताश बेहराम, गुजरात में कदमी अताश बेहराम, गुजरात में मोदी अताश बेहराम को शामिल किया गया है. साथ ही बौद्ध पवित्र स्थान में यूपी के कुशीनगर में स्थित गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थल, बिहार के राजगीर में गौतम बुद्ध साधना भूमि, बिहार के सारनाथ में गौतम बुद्ध की पहली बार धर्म की शिक्षा का स्थल, और रायगढ़ की बाबासाहेब अम्बेडकर की जन्मस्थली शामिल है। वहीं, ईसाई पवित्र स्थान में तमिलनाडु में वेलंकन्नी को शामिल किया गया है।
चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले 15 अक्टूबर को जारी प्रस्ताव के मुताबिक सरकार ने राज्य के 95 और महाराष्ट्र के बाहर के 15 पवित्र स्थलों को इस योजना में शामिल किया है। लिस्ट में मुस्लिम, पारसी, बौद्ध और जैन अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थल शामिल हैं। मुस्लिम पवित्र स्थलों में मुंबई की हाजी अली दरगाह, कल्याण की हाजी मलंग दरगाह और भिवंडी की दीवानशाह दरगाह शामिल हैं।
'सरकार की असली मंशा सामने आई'
शेख ने आगे कहा,'अल्पसंख्यक समुदायों के पवित्र स्थलों को अंतिम समय में शामिल करना सरकार की मंशा को उजागर करता है। महाराष्ट्र संतों की भूमि है। सूफी संतों की राज्य में कई दरगाहें हैं, जहां हिंदू भी जाते हैं। हाजी मलंग और हाजी अली जैसी दरगाहें राज्य में हैं। इतने समृद्ध इतिहास के बावजूद सरकार ने उन्हें पहली सूची में शामिल नहीं किया, जो उनकी असली प्रकृति को दर्शाता है।'
महाराष्ट्र के बार सिर्फ अजमेर दरगार शामिल
जुलाई में महायुति सरकार ने महाराष्ट्र के बाहर के 73 धार्मिक स्थलों के साथ ही मुस्लिमों को छोड़कर कई धर्मों के 66 पवित्र स्थलों को सूची में शामिल किया था। महायुति सरकार ने महाराष्ट्र के बाहर की सूची में केवल राजस्थान में अजमेर दरगाह को शामिल किया है।
स्कीम से बुजुर्गों को मिलता है ये फायदा
दरअसल, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत सरकार 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक तीर्थ स्थल के दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 30 हजार रुपये आवंटित करेगी। हालांकि, इसके लिये यह शर्त है कि परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिये।
इन धर्मों के धर्मस्थल भी किए शामिल
जैन समाज में गुजरात का पालीताना, गुजरात में शंखेश्वर तीर्थ और नागपुर के रामटेक जैन मंदिर को शामिल किया गया है। वहीं, पारसी पवित्र स्थानों में गुजरात के उदवाड़ा में ईरानशाह अताश बेहराम, गुजरात में पाक अंजुमन नवसारी अताश बेहराम, गुजरात में कदमी अताश बेहराम, गुजरात में मोदी अताश बेहराम को शामिल किया गया है. साथ ही बौद्ध पवित्र स्थान में यूपी के कुशीनगर में स्थित गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थल, बिहार के राजगीर में गौतम बुद्ध साधना भूमि, बिहार के सारनाथ में गौतम बुद्ध की पहली बार धर्म की शिक्षा का स्थल, और रायगढ़ की बाबासाहेब अम्बेडकर की जन्मस्थली शामिल है। वहीं, ईसाई पवित्र स्थान में तमिलनाडु में वेलंकन्नी को शामिल किया गया है।
21st October, 2024