यूरीड मीडिया-एक बार फिर नयी सरकार चुनने के लिए मतदाता उत्साहित हैं। युवाओं को नयी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में लोग खेल, चिकित्सा, रोजगार पर फोकस करनेवालों के बारे में सोच रहे हैं. इन क्षेत्रों में काम करनेवाले युवा चाहते हैं कि जनप्रतिनिधि युवाओं के बीच रह कर युवाओं की परेशानी और जरूरत समझें. साथ ही उनकी जरूरत को पूरा करने के वादे के साथ आगे आयें।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस कम होनी चाहिए
निजी महाविद्यालयों में मेडिकल छात्रों की फीस कम होनी चाहिए। साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में यूजी-पीजी में सीटें बढ़ायी जाये। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में नाइट ड्यूटी के दौरान सुरक्षा उपायों को पुख्ता करना जरूरी है। नाइट ड्यूटी के समय महिला डॉक्टर्स के लिए कम से कम पिक एंड ड्रॉप की सुविधा होनी चाहिए. वहीं होनहार स्टूडेंट्स पैसे की कमी से मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं, इसलिए सरकारी कॉलेज में सीटें बढ़ायी जानी चाहिए. डॉक्टर्स फ्रंट लाइन वॉरियर्स होते हैं, इसलिए उन्हें भी बेहतर सुरक्षा और सुविधा मिलनी चाहिए।
रिक्तियों की पहचान कर उसे भरना बहुत जरूरी
झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मियों कि संख्या कम है, इसलिए रिक्तियों की पहचान कर उसे भरना बहुत जरूरी है. वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुसार नये पदों का सृजन किया जाना चाहिए, ताकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सके। कंप्यूटर और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देते हुए नयी नौकरियों में इसका उपयोग करना जरूरी है। इससे पारदर्शिता आती है और भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
नेशनल में पदक जीतने पर भी नहीं मिल रही नौकरी
खेल में अब हमारा झारखंड कहीं न कहीं पीछे हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है बच्चों को नेशनल में पदक जीतने पर भी नौकरी नहीं मिलना। इस कारण खिलाड़ी दूसरे विभाग या दूसरे राज्य में जाकर नौकरी कर रहे हैं। खिलाड़ियों का पलायन हो रहा है। खेल सामग्री को लेकर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. खिलाड़ियों को आधुनिक खेल सामग्री की आवश्यकता है। ट्रेनिंग सेंटर के प्रशिक्षक बहुत ही कम मानदेय में काम कर रहे हैं। इस कारण कोच अपना घर खर्च भी ठीक से चला नहीं पाते। कोच को सम्मान जनक मानदेय मिलना चाहिए।
पेपर लीक माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाये
युवा वर्ग शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव चाहता है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में तनाव मुक्त शिक्षा का वातावरण बने। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की परीक्षा समय पर हो।समय पर सिलेबस पूरा हो. पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार जरूरी है। जरूरतमंदों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण की सुविधा मिले। पढ़ाई खत्म होने पर रोजगार का उचित अवसर मिले। आज की आवश्यकता के आधार पर नये पाठ्यक्रम निर्धारित किये जाये। वहीं रोजगार विहीन पाठ्यक्रमों को बंद कर देना चाहिए. प्रतियोगी परीक्षाएं कदाचार मुक्त हों। पेपर लीक माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करना सबसे जरूरी है।
हर वर्ग के लिए काम करनेवाला प्रतिनिधि हो
झारखंड के सभी नेताओं को प्रगतिशील होना चाहिए. क्योंकि राज्य गठन के 24 वर्ष बाद भी यह राज्य सही मायने में विकास से वंचित है। खनिज संपदा से पूर्ण होते हुए भी झारखंड सबसे गरीब राज्य है। इसलिए विकास और दूरदर्शी सोचवाला व्यक्ति ही राज्य का नेता बने। राज्य को विकसित बनाना होगा। अपराध मुक्त करना होगा। शिक्षा, रोजगार के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के लिए काम करनेवाला प्रतिनिधि होना चाहिए। वोट करने से पहले अच्छे प्रतिनिधि को जानें और वोट करें।
रांची को आइटी केंद्र में बदला जा सकता है
राजधानी रांची की पहचान प्राकृतिक सुंदरता और कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों के रूप में है। जबकि रांची ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरों का एक प्रतिभाशाली समूह तैयार किया है, जो अक्सर जॉब की तलाश में बेंगलुरु, पुणे या सिलिकॉन वैली जैसे प्रमुख आइटी केंद्रों में स्थानांतरित हो जाते हैं। रांची को अभी भी भारत के आइटी परिदृश्य में उपस्थिति स्थापित करना बाकी है। बिजली कटौती, सीमित इंटरनेट बुनियादी ढांचे और सरकारी सहायता प्रणालियों की कमी जैसे कारकों ने इसके विकास में बाधा उत्पन्न किया है। यदि रणनीतिक योजना और ठोस प्रयास हो, तो रांची को एक संपन्न आइटी केंद्र में बदला जा सकता है। स्टार्टअप और फ्रीलांसर को आकर्षित करने के लिए छोटे तकनीकी क्षेत्र स्थापित करना होगा।
युवाओं को यहीं सेवा देने का अवसर मिले
झारखंड में अच्छे कॉलेज, अच्छी शिक्षा और अच्छा वातावरण मिले, जो यहां के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त रोजगार नहीं हैं। झारखंड में नौकरी के अवसर नहीं मिलने के कारण यहां से पलायन करना पड़ता है। उन्हें अपने राज्य में काम करने का अवसर मिलना चाहिए। झारखंड के युवाओं को यहीं सेवा देने का अवसर मिलना चाहिए।
राज्य में बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया जाये
प्राइवेट सेक्टर युवाओं को रोजगार दे रहा है। निजी कंपनियों में युवा कम सैलरी में काम कर रहे हैं. उनका वेतन काम के अनुरूप मिलना चाहिए। वहीं झारखंड में बड़ी कंपनियों को स्थापित किया जाये, ताकि यहां के युवाओं को जॉब के लिए परिवार से दूर नहीं जाना पड़े। पलायन रोकने के लिए युवाओं को रोजगार चाहिए। उसके लिए निजी कंपनियां स्थापित करनी होंगी। साथ ही उच्च शिक्षा के लिए जरूरतमंद युवाओं को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस कम होनी चाहिए
निजी महाविद्यालयों में मेडिकल छात्रों की फीस कम होनी चाहिए। साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में यूजी-पीजी में सीटें बढ़ायी जाये। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में नाइट ड्यूटी के दौरान सुरक्षा उपायों को पुख्ता करना जरूरी है। नाइट ड्यूटी के समय महिला डॉक्टर्स के लिए कम से कम पिक एंड ड्रॉप की सुविधा होनी चाहिए. वहीं होनहार स्टूडेंट्स पैसे की कमी से मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं, इसलिए सरकारी कॉलेज में सीटें बढ़ायी जानी चाहिए. डॉक्टर्स फ्रंट लाइन वॉरियर्स होते हैं, इसलिए उन्हें भी बेहतर सुरक्षा और सुविधा मिलनी चाहिए।
रिक्तियों की पहचान कर उसे भरना बहुत जरूरी
झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मियों कि संख्या कम है, इसलिए रिक्तियों की पहचान कर उसे भरना बहुत जरूरी है. वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुसार नये पदों का सृजन किया जाना चाहिए, ताकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सके। कंप्यूटर और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देते हुए नयी नौकरियों में इसका उपयोग करना जरूरी है। इससे पारदर्शिता आती है और भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
नेशनल में पदक जीतने पर भी नहीं मिल रही नौकरी
खेल में अब हमारा झारखंड कहीं न कहीं पीछे हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है बच्चों को नेशनल में पदक जीतने पर भी नौकरी नहीं मिलना। इस कारण खिलाड़ी दूसरे विभाग या दूसरे राज्य में जाकर नौकरी कर रहे हैं। खिलाड़ियों का पलायन हो रहा है। खेल सामग्री को लेकर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. खिलाड़ियों को आधुनिक खेल सामग्री की आवश्यकता है। ट्रेनिंग सेंटर के प्रशिक्षक बहुत ही कम मानदेय में काम कर रहे हैं। इस कारण कोच अपना घर खर्च भी ठीक से चला नहीं पाते। कोच को सम्मान जनक मानदेय मिलना चाहिए।
पेपर लीक माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाये
युवा वर्ग शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव चाहता है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में तनाव मुक्त शिक्षा का वातावरण बने। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की परीक्षा समय पर हो।समय पर सिलेबस पूरा हो. पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार जरूरी है। जरूरतमंदों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण की सुविधा मिले। पढ़ाई खत्म होने पर रोजगार का उचित अवसर मिले। आज की आवश्यकता के आधार पर नये पाठ्यक्रम निर्धारित किये जाये। वहीं रोजगार विहीन पाठ्यक्रमों को बंद कर देना चाहिए. प्रतियोगी परीक्षाएं कदाचार मुक्त हों। पेपर लीक माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करना सबसे जरूरी है।
हर वर्ग के लिए काम करनेवाला प्रतिनिधि हो
झारखंड के सभी नेताओं को प्रगतिशील होना चाहिए. क्योंकि राज्य गठन के 24 वर्ष बाद भी यह राज्य सही मायने में विकास से वंचित है। खनिज संपदा से पूर्ण होते हुए भी झारखंड सबसे गरीब राज्य है। इसलिए विकास और दूरदर्शी सोचवाला व्यक्ति ही राज्य का नेता बने। राज्य को विकसित बनाना होगा। अपराध मुक्त करना होगा। शिक्षा, रोजगार के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के लिए काम करनेवाला प्रतिनिधि होना चाहिए। वोट करने से पहले अच्छे प्रतिनिधि को जानें और वोट करें।
रांची को आइटी केंद्र में बदला जा सकता है
राजधानी रांची की पहचान प्राकृतिक सुंदरता और कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों के रूप में है। जबकि रांची ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरों का एक प्रतिभाशाली समूह तैयार किया है, जो अक्सर जॉब की तलाश में बेंगलुरु, पुणे या सिलिकॉन वैली जैसे प्रमुख आइटी केंद्रों में स्थानांतरित हो जाते हैं। रांची को अभी भी भारत के आइटी परिदृश्य में उपस्थिति स्थापित करना बाकी है। बिजली कटौती, सीमित इंटरनेट बुनियादी ढांचे और सरकारी सहायता प्रणालियों की कमी जैसे कारकों ने इसके विकास में बाधा उत्पन्न किया है। यदि रणनीतिक योजना और ठोस प्रयास हो, तो रांची को एक संपन्न आइटी केंद्र में बदला जा सकता है। स्टार्टअप और फ्रीलांसर को आकर्षित करने के लिए छोटे तकनीकी क्षेत्र स्थापित करना होगा।
युवाओं को यहीं सेवा देने का अवसर मिले
झारखंड में अच्छे कॉलेज, अच्छी शिक्षा और अच्छा वातावरण मिले, जो यहां के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त रोजगार नहीं हैं। झारखंड में नौकरी के अवसर नहीं मिलने के कारण यहां से पलायन करना पड़ता है। उन्हें अपने राज्य में काम करने का अवसर मिलना चाहिए। झारखंड के युवाओं को यहीं सेवा देने का अवसर मिलना चाहिए।
राज्य में बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया जाये
प्राइवेट सेक्टर युवाओं को रोजगार दे रहा है। निजी कंपनियों में युवा कम सैलरी में काम कर रहे हैं. उनका वेतन काम के अनुरूप मिलना चाहिए। वहीं झारखंड में बड़ी कंपनियों को स्थापित किया जाये, ताकि यहां के युवाओं को जॉब के लिए परिवार से दूर नहीं जाना पड़े। पलायन रोकने के लिए युवाओं को रोजगार चाहिए। उसके लिए निजी कंपनियां स्थापित करनी होंगी। साथ ही उच्च शिक्षा के लिए जरूरतमंद युवाओं को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए।
12th November, 2024