राजेन्द्र द्विवेदी, यूरीड मीडिया- महाराष्ट्र, झारखण्ड राज्य एवं उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सहित अन्य राज्यों के उपचुनाव में मतदान कल होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी। चुनाव परिणाम से राष्ट्रीय स्तर पर नए समीकरण बनेगे। अगर भाजपा जीतती है तो निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की ताकत बढ़ेगी जो लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बहुमत न मिलने के कारण मोदी के नेतृत्व, अमित शाह के प्रबंधन को लेकर जो सवाल उठ रहे थे उस पर विराम लगेगा। एक बार फिर नए तेवर के साथ मोदी शाह की जोड़ी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन से लेकर वन नेशन वन इलेक्शन सहित तमाम बिंदुओं पर आक्रामक होकर कार्य करना शुरू करेगी। आरएसएस व मोदी के विरोधी पार्टी के अंदर और बाहर भी कमजोर पड़ेंगे। राहुल गांधी व इंडिया से जुड़े हुए दूसरे नेता भी कमजोर पड़ेंगे और हार के बाद विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप के दौर भी शुरू होगा।
उपचुनाव में भी सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश है जहाँ पर 9 विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं जिसमें सीधी प्रतिष्ठा योगी और अखिलेश की जुड़ी हुई है। भाजपा जीतती है तो योगी की ताकत राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी उनके नारे "बटेंगे तो कटेंगे" का पार्टी में भी सर्मथन मिलेगा और विरोधी जो अंदर और बाहर है वह शांत हो जायेंगे। अगर हारते है तो उपचुनाव का पूरा ठीकरा योगी के सर पर फूटेगा। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पार्टी के अंदर और बाहर से हमले तेज होंगे। योगी कमजोर पड़ेंगे। यही स्थिति अखिलेश यादव की है। समाजवादी पार्टी ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतती है तो इंडिया गठबंधन पर राष्ट्रीय स्तर पर अखिलेश की ताकत और बढ़ेगी हालांकि सपा, भाजपा और कांग्रेस के बाद लोकसभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है। अगर सपा अपनी पांच सीटें बचाने में सफल रहती है तो अखिलेश की ताकत बरकरार रहेगी लेकिन अगर सपा हारती है तो सवाल उठेंगे कि कांग्रेस को सीट न देना अखिलेश का निर्णय गलत था। यह भी कहा जायेगा कि लोकसभा में अखिलेश को सर्वाधिक सीट मिलने में कांग्रेस का योगदान रहा है। कुल मिलाकर 23 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद देश में राष्ट्रीय स्तर पर कई नेताओं के कद घटेंगे बढ़ेंगे और नया समीकरण बनेगा।
उपचुनाव में भी सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश है जहाँ पर 9 विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं जिसमें सीधी प्रतिष्ठा योगी और अखिलेश की जुड़ी हुई है। भाजपा जीतती है तो योगी की ताकत राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी उनके नारे "बटेंगे तो कटेंगे" का पार्टी में भी सर्मथन मिलेगा और विरोधी जो अंदर और बाहर है वह शांत हो जायेंगे। अगर हारते है तो उपचुनाव का पूरा ठीकरा योगी के सर पर फूटेगा। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पार्टी के अंदर और बाहर से हमले तेज होंगे। योगी कमजोर पड़ेंगे। यही स्थिति अखिलेश यादव की है। समाजवादी पार्टी ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतती है तो इंडिया गठबंधन पर राष्ट्रीय स्तर पर अखिलेश की ताकत और बढ़ेगी हालांकि सपा, भाजपा और कांग्रेस के बाद लोकसभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है। अगर सपा अपनी पांच सीटें बचाने में सफल रहती है तो अखिलेश की ताकत बरकरार रहेगी लेकिन अगर सपा हारती है तो सवाल उठेंगे कि कांग्रेस को सीट न देना अखिलेश का निर्णय गलत था। यह भी कहा जायेगा कि लोकसभा में अखिलेश को सर्वाधिक सीट मिलने में कांग्रेस का योगदान रहा है। कुल मिलाकर 23 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद देश में राष्ट्रीय स्तर पर कई नेताओं के कद घटेंगे बढ़ेंगे और नया समीकरण बनेगा।
19th November, 2024