यूरीड मीडिया- उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव आमने-सामने थे। सपा नेता जहाँ पीडीए वोट बैंक को आधार बना कर चुनाव मैदान में 9 टिकट पिछड़ा दलित और मुस्लिम को ही दिया था जबकि योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व एजेंडे कटेंगे तो बटेंगे जैसे नारों के साथ अखिलेश को चुनौती दे रहे थे। चुनाव परिणाम 9 में से 7 पर जीत से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक ताकत और दबदवा लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बढ़ गया है क्योकि उपचुनाव की पूरी जिम्मेदारी और खुली छूट के साथ योगी आदित्यनाथ को दी गई थी कि वह ही प्रत्याशी चयन करें और चुनाव लड़ायें। चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे। जिससे जो नकारात्मक परसेप्शन लोकसभा चुनाव के बाद योगी सरकार को लेकर बना था वह उपचुनाव में सकारात्मक हो गया है। दूसरी तरफ अखिलेश यादव जो लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीत कर देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गए थे उन्हें उपचुनाव परिणाम से झटका लगा है। उपचुनाव में अखिलेश ने कांग्रेस को कोई सीट नहीं दी थी। इससे कांग्रेस का नेता और कार्यकर्ता सक्रिय हो कर सपा प्रत्याशी के समर्थन में नहीं आये।
23rd November, 2024