विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली तैयार है. तारीखों का ऐलान हो गया है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से मुकाबला करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दमखम के साथ मैदान में उतर गई है. AAP की कोशिश है कि राष्ट्रीय राजधानी में चौथी बार सरकार बनाई जाए. जबकि कांग्रेस अपनी 11 साल पुरानी हार का बदला लेने के लिए जोर लगा रही है. बीजेपी भी 27 साल का सूखा खत्म करना चाहती है.
फिलहाल, दिल्ली चुनाव को लेकर AAP से लेकर कांग्रेस ने अपनी गारंटी का ऐलान करना शुरू कर दिया है. हालांकि, बीजेपी का पिटारा खुलना अभी बाकी है. AAP में अरविंद केजरीवाल सीएम फेस हैं. जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने अपने चेहरे का ऐलान नहीं किया है. जानिए किस दल ने अब तक क्या-क्या वादे किए हैं?
सबसे पहले बात करते हैं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की. पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल महीनेभर से लगातार चुनावी वादे और घोषणाएं कर रहे हैं. केजरीवाल ने एक-एक कर बड़े ऐलान के जरिए अपना एजेंडा सेट कर दिया है. आधा आबादी से लेकर बुजुर्ग, ऑटो ड्राइवर और पुजारी-ग्रंथी तक को साधने के लिए बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है.
AAP ने बुजुर्गों को लेकर 'संजीवनी' स्कीम का ऐलान किया है. AAP का दावा है कि सरकार बनी तो 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों का मुफ्त इलाज होगा. सरकारी हो या प्राइवेट... हर हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज मुफ्त होगा. फिलहाल, खर्चे की लिमिट तय नहीं की गई है. योजना की पात्रता में इनकम लिमिट की बाधा भी आड़े नहीं आएगी. ये योजना केंद्र की आयुष्मान भारत से बिल्कुल अलग है. दिल्ली में AAP सरकार है और रोचक यह है कि यहां केंद्र की आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं है. BJP आरोप लगाती है कि केजरीवाल की पार्टी दिल्ली में आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम को लागू नहीं होने दे रही है. ऐसे में AAP सरकार अब बीजेपी के दावों को काउंटर करने के लिए 'संजीवनी योजना' लेकर आई है. इस योजना को बड़ा गेमचेंजर भी माना जा रहा है. आयुष्मान भारत योजना में सालाना 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा मिलती है. AAP के चुनावी दफ्तरों में इस योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए बाकायदा काउंटर खोले गए हैं और 'केजरीवाल कवच' ऐप में डिटेल सब्मिट की जा रही है. एक सिंबोलिक कार्ड देकर जनता के बीच भरोसा पैदा करने की कवायद की जा रही है.
महिलाओं को 2100 रुपए का वादा
AAP ने दूसरा बड़ा वादा महिलाओं से जुड़ा किया है. AAP का कहना है कि सरकारी बनी तो महिला सम्मान योजना लागू करेंगे और प्रत्येक महिला को हर महीने 2100 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस योजना का लाभ 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को मिलेगा और इसकी पात्रता की शर्तें हैं. AAP अपने चुनावी दफ्तरों में महिलाओं के रजिस्ट्रेशन भी कर रही है और उनकी जानकारी केजरीवाल कवच में अपलोड कर रही है. इसके लिए महिलाओं के वोटर कार्ड की जानकारी ली जा रही है. एटीएम की तरह जो कार्ड दिया जा रहा है, उसमें केजरीवाल कवच कार्ड लिखा है और कार्ड नंबर भी लिखा गया है. पार्टी ने दावा किया कि इस योजना के लिए 22 लाख से ज्यादा महिलाएं रजिस्ट्रेशन करवा चुकी हैं.
ऑटोवालों को 10 लाख का बीमा
केजरीवाल ने दिल्ली के ऑटो चालकों के लिए 10 लाख रुपए के बीमा की घोषणा की है. उन्होंने ऑटो चालकों की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख रुपये की मदद का भी ऐलान किया है. साल में दो बार 2,500 रुपये वर्दी भत्ता का वादा किया है और ऑटो चालकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग का ऐलान किया है. ऑटो रिक्शा को सवारी उपलब्ध कराने के लिए पूछो ऐप (poochho app) पर लाया जाएगा. शहर के ऑटो रिक्शा चालक AAP की स्थापना के बाद से ही पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन आधार रहे हैं.
केजरीवाल खुले मंच से यह बोल रहे हैं कि जैसे मैंने मुफ्त बिजली दी, वैसे ही मैं इन योजनाओं को भी लागू करेंगे. कुछ लोग इसे 'रेवड़ियां' बांटना कहते हैं, लेकिन मैं इसे अपने लोगों को सशक्त बनाना कहता हूं.
पुजारी-ग्रंथियों को 18 हजार वेतन
30 दिसंबर को केजरीवाल ने ऐलान किया कि अगर आगामी चुनाव में AAP फिर सत्ता में आती है तो मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा. केजरीवाल का कहना है कि पुजारी और ग्रंथी हमारे धार्मिक रीति-रिवाजों के संरक्षक रहे हैं. वे समाज की निस्वार्थ सेवा करते रहे हैं. दुर्भाग्य से किसी ने कभी उनकी आर्थिक भलाई पर ध्यान नहीं दिया.
केजरीवाल कवच
अरविंद केजरीवाल ने एक और चुनावी वादा किया है. उन्होंने कहा है कि AAP जीती तो बढ़े हुए पानी के बिल माफ कर देंगे. केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से पानी के बढ़े हुए बिलों का भुगतान नहीं करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 12 लाख परिवारों को जीरो राशि का बिल मिला है. AAP सरकार दिल्ली के घरों को 20,000 लीटर मुफ्त पानी मुहैया करा रही है.
इसके अलावा, केजरीवाल ने दिल्ली वालों से मुफ्त पानी और मुफ्त बिजली की सुविधा भी लगातार जारी रहने का वादा किया है. स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार का भरोसा दिया है. AAP ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं.
कांग्रेस भी वादे करने में पीछे नहीं...
दिल्ली चुनाव में AAP को टक्कर देने के लिए कांग्रेस भी बड़ी घोषणाओं और वादों से पीछे नहीं हटना चाहती है. दिल्ली का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने कर्नाटक से लेकर राजस्थान तक वाला प्लान तैयार किया है.
महिलाओं के लिए 'प्यारी दीदी' योजना
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने पर दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये देने का वादा किया है. कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में कर्नाटक की तरह महिलाओं को लाभ देंगे. कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली की सत्ता में आने पर पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को लागू किया जाएगा. कर्नाटक में कांग्रेस ने महिलाओं को लेकर इसी मॉडल पर गृह लक्ष्मी योजना लागू की है. दिल्ली के लिए 'प्यारी दीदी' योजना नाम दिया है.
दिल्ली में पांच गारंटी देने की तैयारी में कांग्रेस
कर्नाटक चुनाव की तरह कांग्रेस ने दिल्ली में भी पांच गारंटी देने की तैयारी की है. पार्टी सिलसिलेवार तरीके से घोषणाएं कर रही है. राजस्थान की तर्ज पर दिल्ली में भी कांग्रेस ने हेल्थ सेक्टर में चिरंजीवी योजना की तरह जीवन रक्षा योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत कांग्रेस ने 25 लाख के हेल्थ बीमा का वादा किया है.
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस जो पांच गारंटी देने जा रही है, उनमें प्यारी दीदी योजना (महिला डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर), जीवन रक्षा योजना (स्वास्थ्य बीमा), युवाओं को नौकरी की गारंटी, लेबर क्लास इनकम गारंटी स्कीम और सभी के लिए राशन योजना का ऐलान भी कर सकती है.
कर्नाटक की तर्ज पर दिल्ली में वादों का पिटारा...
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा, हमने गृह ज्योति और गृह लक्ष्मी की गारंटी को पूरा किया है. कर्नाटक में महिलाओं को 2,000 रुपये मिल रहे हैं. वे बसों में मुफ्त यात्रा कर रही हैं और मुफ्त राशन पा रही हैं. हम बेरोजगार लोगों को 3,000 रुपये दे रहे हैं. कुल एक करोड़ 22 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं. कांग्रेस जहां भी और जो भी वादा करती है, हमेशा उसे पूरा करती है. हम बाकी गारंटियों की घोषणा बाद में करेंगे.
2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली में हार मिली है. 2015 और 2020 में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका. पार्टी ने 1998 से 2013 तक यानी 15 साल राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता संभाली और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं.
हालांकि, अब तक AAP और कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी नहीं हुआ है. आने वाले दिनों में दोनों ही पार्टियां अपने घोषणा पत्र को लॉन्च करेंगी. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी काजी निजामुद्दीन कहते हैं कि पिछले 11 सालों में दिल्ली ने कूड़े के ढेर, प्रदूषित यमुना, महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था सभी को प्रभावित होते देखा है. भ्रष्टाचार चरम पर है. जब लोग कोविड के बीच मर रहे थे, तब केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा बनाने में व्यस्त थी और केजरीवाल शीमहल बनाने में व्यस्त थे. कांग्रेस ने अब तक 47 उम्मीदवारों की लिस्ट रिलीज कर दी है.
बीजेपी ने भी खींच दी लाइन...
दिल्ली चुनाव में बीजेपी भी दमखम के साथ मैदान में उतरी है. पार्टी ने चुनाव से पहले ही अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं और सत्तारूढ़ AAP को घेरने के लिए कई फ्रंट खोल रखे हैं. AAP की योजनाओं से लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पार्टी ने अब तक कुल 29 उम्मीदवार घोषित किए हैं. हालांकि, कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है. बीजेपी जल्द ही अपना संकल्प पत्र जारी करेगी.
हालांकि, बीजेपी का चुनावी एजेंडा क्या रहेगा और क्या घोषणाएं की जा सकती हैं? यह भी लगभग साफ होने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बीजेपी के फेस होंगे. पीएम का चेहरा आगे करके पार्टी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है. PM मोदी की रैली में भाषण से भी संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी अपने एजेंड में क्या रखने वाली है. पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने दिल्ली को बड़ी सौगातें दीं. उन्होंने झुग्गी में रहने वालों को फ्लैट की चाबी सौंपी. नमो भारत ट्रेन की सौगात दी और साफ-सफाई से लेकर दिल्ली में पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं पर चिंता जाहिर की.
AAP के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में बीजेपी
चूंकि, दिल्ली में बड़ी आबादी झुग्गी झोपड़ियों में रहती है और यह वोटर्स AAP का परंपरागत आधार माना जाता है. सवाल उठ रहा है कि क्या झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए फ्लैट दिल्ली की प्रमुख 20 सीटों पर बीजेपी के लिए गेमचेंजर साबित होंगे? दिल्ली की 750 झुग्गियों में 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जिनमें से आधे रजिस्टर्ड वोटर हैं, जो AAP और अरविंद केजरीवाल के लिए मजबूत वोट बैंक हैं. यही वो वोट बैंक है जिस पर अब बीजेपी सेंध लगाने की कोशिश कर रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 3 जनवरी को दिल्ली में बीजेपी के लिए चुनावी बिगुल फूंका और झुग्गीवासियों को करीब 1,675 फ्लैटों की चाबियां सौंपी. इसे सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की कल्याणकारी योजनाओं के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
2020 में करीब 61 प्रतिशत गरीबों ने AAP को वोट दिया था, जिससे उसे 62 सीटें जीतने में मदद मिली थी. 2015 में 66 प्रतिशत गरीबों ने केजरीवाल की पार्टी को वोट दिया, जिसके दम पर पार्टी ने रिकॉर्ड 67 सीटें जीतीं थीं.
विधानसभा चुनाव में भले ही AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है.
चूंकि, दिल्ली में AAP की 10 साल से सरकार है और तीन बार केजरीवाल मुख्यमंत्री चुने गए. सितंबर से आतिशी दिल्ली की सीएम हैं. जाहिर है कि एंटी इनकम्बेंसी भी है, जो पार्टी के लिए टेंशन बन सकती है. दिल्ली शराब घोटाला और शीशमहल विवाद (दिल्ली मुख्यमंत्री आवास) ने AAP और अरविंद केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुंचाया है.
शीश महल के मुद्दे पर घेरने की तैयारी
प्रधानमंत्री मोदी भी शीशमहल का मुद्दा उठा चुके हैं. यहां तक कि वे अपनी जीवनशैली और केजरीवाल की लाइफस्टाइल के बीच तुलना भी कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं शीश महल बना सकता था, लेकिन मेरा सपना यह
8th January, 2025