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देश को भरोसा नही दिला पाये मोदी

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देश को भरोसा नही दिला पाये मोदी

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आतंकी घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार 24 सितम्बर कोकरझाड़ में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। लोग टी.वी. से लेकर अन्य संचार माध्यमों पर मोदी की ललकार सुनने की आस लगाये हुए थे। मोदी के भाषण के बाद करोड़ों देशवासियों को निराशा ही हाथ लगी। एक घंटे से ज्यादा लंबे भाषण में प्रधानमंत्री देश को यह भरोसा नही दिला पाये कि आतंकी घटनाओं तथा विदेशी आक्रमणकारियों से देश को कैसे महफूज रख पायेगे। प्रधानमंत्री 18 से 24 सितम्बर तक यही रट लगाये हुए है कि सैनिकों का बलिदान बेकार नही जाएगा। जनता प्रधानमंत्री से सीधी कार्रवाई का ठोस मांग कर रही है। प्रधानमंत्री यह भरोसा भी नही दिला पाये कि देश की जनता कुछ इन्तजार करे। वह तो अपने शाब्दिक भाषणों की रवायत में पाक की जनता को गरीबी, शिक्षा आैर स्वास्थ्य के मुद्दे पर संघर्ष का आह्वान करने लगे। मोदी सरकार के कार्यकाल का आधा से ज्यादा समय बित गया आैर इस दरम्यान भारत की जनता को महंगाई, गरीबी, बीमारी, अशिक्षा की स्थिति में बढ़ोतरी के अलावा कोई सुधार नही दिखायी दिया। भाषणबाजी तथा कोरे आश्वासन ज्यादा दिन नही चलते। मोदी सरकार में लगातार जनता पर नये टैक्स लादे जा रहे है। इस टैक्स से देश के कुछ पूंजीपतियों को ही लाभ पहुंचाया जा रहा है। यह स्थिति अब देश की जनता भी समझने लगी है। ऐसे में प्रधानमंत्री अपने देश की समस्या छोड़ अब पाकिस्तान में सुधार करने पर जोर दे रहे है। मोदी के इस भाषण आैर कोरे आश्वासनों की भाजपा नेता आैर कार्यकर्ता ही आलोचना करने लगे है।