ब्रेकिंग न्यूज़

मुलायम को 'राम-गोपाल' आइना

3 of 4
मुलायम को 'राम-गोपाल' आइना

आपका स्लाइडशो खत्म हो गया है

स्लाइडशो दोबारा देखें

..ऐसे में पिछड़े ग्रामीण सामाजिक पृष्ठिभूमि के पराछाई वाले राजनेता रामगोपाल की भूमिका भी इस समय प्रदेश के सबसे शक्तिशाली यादव परिवार में बेरोजगार पढ़े-लिखे की ही भांति है। रामगोपाल की अपनी कोई राजनीतिक पृष्ठिभूमि नही है आैर वे मुलायम सिंह यादव की कृपा से ही राज्यसभा आैर राजनीति में बने हुए है। वैसे अन्य राजनीतिक दलों से पिन्ड छुड़ाकर मुलायम सिंह ने जब अपना राजनीतिक दल बनाया तो रामगोपाल ही उनके चिन्तक माने जाते थे। तबसे रामगोपाल सपा के वैचारिक सिपहसालार माने जाते थे लेकिन पारिवारिक कलह में जब मुलायम सिंह ने अपने राजनीतिक संघर्ष का साथी अपने सगे भाई शिवपाल यादव को बनाया तो अचानक चचेरे राम गोपाल मक्खी की तरह निकाल बाहर कर दिये गये। इससे साफ हो गया कि लाठी के साथ लाठी चलाने वाला ही सही हिमायती कहा जाता है जबकि कलम से साथ देने वाले को हाशिये पर डाल दिया जाता है।