माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म- जिलाधिकारी
-----------जिलाधिकारी ने वृद्धाश्रम में वृद्ध महिलाओं को बांटे कम्बल
------------------------------------------------------------------------------------------माता-पिता की सेवा करना हर व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य है क्योंकि मां-बाप ही किसी भी व्यक्ति के जीवनदाता होते हैं और और माता-पिता से ही प्राप्त संस्कारों से ही कोर्ठ व्यक्ति कामयाबी की इबारत लिखने में सफल हो पाता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने माता-पिता का आदर और सेवा करनी चाहिए। यह विचार जिलाधिकारी अजय कुमार उपाध्याय ने सिविल लाइन सर्किट हाउस के निकट स्थित एक वृद्धाश्रम में निराश्रित एवं वृद्ध महिलाओं का निःशुल्क कम्बल प्रदान करने के उपरान्त अपने सम्बोधन में व्यक्त किए।
वृद्धाश्रम में पहुंचकर जिलाधिकारी ने वहां पर रह रही वृद्ध महिलाओं का हाल-चाल पूछा तथा स्वास्थ, खान-पान की व्यवस्था, मनोरन्जन के प्रबन्ध आदि की जानकारी ली। उन्होने वृद्धाश्रम की वार्डेन श्रीमती सिम्मी से वहां पर वृद्ध महिलाओं को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। आश्रम की वार्डेन ने जिलाधिकारी से वहां पर रह रही वृद्ध महिलाओं को वृद्धावस्था पेन्शन दिलाये जाने का अनुरोध किया जिस पर जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को उक्त महिलाओं को पेन्शन दिलाने हेतु कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया साथ ही जिलाधिकारी ने नगर पालिका के अधिकारी को फोन करके वृद्धाश्रम में अलाव की व्यवस्था तत्काल करने के निर्देश दिए। आश्रम में कुल 30 वृद्ध व निराश्रित महिलाएं हैं जिनकी देखभाल वृद्धाश्रम चला रही संस्था द्वारा किया जा रहा है। महिलाओं को शुद्ध पेयजल हेतु जिलाधिकारी के निर्देश पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा वाटर प्योरीफायर की निःशुल्क व्यवस्था कराई गई है। वृद्धाश्रम में जिलाधिकारी ने 25 वृद्ध महिलाओं को निःशुल्क कम्बल प्रदान किया।
इस दौरान वृद्धाश्रम की वार्डेन सिम्मी, असिस्टेन्ट वार्डेन, संस्था के अन्य सहयोगी कर्मचारी व वृद्ध एवं निराश्रिम महिलाएं उपस्थित रहीं।
21st January, 2016