लखनऊ -उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हंगामे के साथ हुई। राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण पढ़ने से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने बैनर-पोस्टर लहराते हुए सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिये। इस हंगामे के बीच राज्यपाल नाईक ने कुछ शुरुआती और फिर आखिरी पन्ने को पढ़कर अभिभाषण पूरा किया। हंगामे के बाद दोबारा हुए सत्र में सरकार ने राजस्व संहिता संशोधन अध्यादेश-2015 सदन के ध्यानाथ में प्रस्तुत किया गया।। इसी के बाद सात फरवरी तक के लिए विधानसभा सत्र को स्थगित कर दिया गया। अगली बैठक अब आठ फरवरी को होगी।
इस सत्र की शुरुआत के दौरान पूर्वाह्न वेल में आकर बसपा, कांग्रेस और आरएलडी के सदस्य राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाने लगे। विपक्ष के इस हंगामे में भाजपा शामिल नहीं हुई। इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी अपनी सीटों पर बैठे विपक्षी सदस्यों के हंगामे को देखते रहे। बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष यूपी में कानून व्यवस्था, गन्ना किसानों की समस्याओं, खाद-बीज की कमी और बुंदेलखंड में सूखे पर विरोध जताते हुए नारेबाजी करता रहा। राज्यपाल राम नाईक ने करीब 17 मिनट तक भाषण पढ़ा। इस दौरान कुछ अस्वस्थ महसूस कर रहे राज्यपाल ने बीच में दो बार पानी पिया। इससे पहले पुराने प्रोटोकाल के हिसाब से ही राज्यपाल नाईक का आगमन हुआ। इस सबके बीच भाजपा ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान प्रोटोकाल को लेकर हुए हंगामे को राष्ट्रपति की अवमानना करार दिया। उसने कहा कि वह सदन में इसका विरोध करेगी।
दोबारा साढ़े बारह बजे बैठा सदन
इसके बाद सदन दोपहर 12:30 बजे दोबारा बैठा तो विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ना शुरू किया। इस पर विरोध करते हुए बसपा और कांग्रेस के विधानसभा सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। इसके बाद विधायिका का कामकाज निपटाने की प्रक्रिया शुरू हुई। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने राजस्व संहिता संशोधन विधेयक-2015 पेश किया। अन्य कार्रवाई के बाद आगामी सात फरवरी तक के लिए विधानसभा सत्र को स्थगित कर दिया गया। अब अगली बैठक आठ फरवरी को होगी।
29th January, 2016