लखनऊ-प्रदेश में समाजवादी पार्टी का परचम लहर रहा है जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में जबरदस्त जीत करने के बाद अब ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में समाजवादी बयार बहाने की तैयारी चल रही है सरकार के मंत्रियों की पूरी कोशिश है कि वे अपने आका को हर हाल में खुश रखेंगे इसके लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े यह समाजवादी बयार किस तरह से और किस हथकंडे से चलायी जा रही है इसका नमूना उस समय देखने को मिला जब प्रदेश सरकार के एक कद्दावर मंत्री ने अपने कथित बेटे को फ़ोन कर कहा कि हे प्रिंस सुन… बेटा सुन…. मैं ओम प्रकाश बोल रहा हूं। तुम्हार राजनीति खत्म होते सुन रहा है… टेप करना है तो कर ले…. वोटवा दे देना ना देबे, तो न दे पइबे सुनले बचवा… वोटवा 10 बार नइखे पड़त। मैं नहीं चाहता हूं कि तू वोट देने के पहले जेल जा। नींद खुललबा कि नाहीं खुलल बा। मान जा नहीं, तो तोहरे ऊपर कई केस बा। वोट देदे बेटा शंकरा मोटरसाइकिल दे रहा है, वह कितना चरित्रवान है, पता है। हमार चरित्र हमारे घर पर पता कर लेना। अगला का इतना फरमान है कि वोट हमें ही देना। तुम्हारा कुल लोकेशन मिल गया है। फोटो वोटो कुल आवत बा।
मोबाइल पर ओम प्रकाश के फोन करते ही फोन उठाने वाले ने खुद को प्रिंस का दोस्त बताया। इसके बाद भी ओम प्रकाश उसे प्रिंस-प्रिंस बोलते रहे। उन्होंने यह भी पूछा कि कहां के दोस्त हो…. मैं गांव का हूं… किस गांव के हो… मैं इलाहाबाद से हूं… तू इलाहाबाद का दोस्त है… कहां का रहने वाला है इलाहाबाद से दोस्ती हो गया है। सुबह ही नंबर ले गया है। इसके बाद तो शुरू हो गई नई कहानी।
(कुछ इस तरह हुई बातचीत)
ओम प्रकाश: हेलो… प्रिंस… प्रिंस बोल रहे हो?
प्रिंस: नहीं उसका दोस्त बोल रहा हूं।
ओम प्रकाश: तू के हवा, हम ओम प्रकाश बोल रहा हूं।
प्रिंस: मैं प्रिंस का दोस्त बोल रहा हूं
ओम प्रकाश: कहां के दोस्त हो?
प्रिंस: इलाहाबाद का
ओम प्रकाश: हेलो…
प्रिंस: सुबह ही नंबर ले गया है, उसका मोबाइल हमारे पास है।
ओम प्रकाश: सुन बेटा हम ओम प्रकाश बोल रहा हूं। बेटवा…मान जा नहीं तो कई ठो केस बा… शंकरा मोटरसाइकिल देतबा। पता बा… अगला का फरमान है कि वोट तू हमरा के ही देबा। तोहार पूरा लोकेशन मिल मिल गईल बा, फोटो भी आवत बा।
प्रिंस: बताईं, दूसरा में चल गइल बाटी तो वोट कईसे दिलाई।
ओम प्रकाश: कहां चल गईल बाटा।
प्रिंस: हम मुकेश के खेमे में हैं। नहीं तो हम आपकी बात को नहीं काट सकते हैं। हम आपको बहुत मानते हैं।
ओम प्रकाश: तू हमारा के मनिहै मत, लेकिन वोट देदे बेटवा। मुकेश…(गलती से मुकेश नाम निकल जाता है ओम प्रकाश से) तू कह तो तोहरा के कल ही बोलवा लेई।
प्रिंस: हमार क्षमता नहीं बा वोट देने का।
ओम प्रकाश: बा..बा.. क्षमता बा… क्षमता पैदा किया जाता है, कोई माई के पेट से लेकर थोड़े ही आता है।
ओम प्रकाश: वोट देदे बेटा प्रिंस… मैं निवेदन कर रहा हूं। तुम्हारा कोई बालबांका नहीं कर रहा है। मैं बहुत प्यार से कह रहा हूं। तुम बसुहा के पहले बच्चा हो, जिसका मैं नुकसान करूंगा। बेटा वोट दोगे तो तुम्हारा कोई बालबांका नहीं करेगा। वोट नहीं दोगे तो तुम पहले लडक़े हो, जिसका मैं नुकसान करूंगा। तुम्हारे समाज का भी नुकसान करूंगा। वोट दोगे तो फायदा करेगा दवाई की तरह। नहीं तो मेरा नंबर है नोट करके बतिया लेना। देखता हूं कि पहले वोट दोगे या जेल जाते हो।
पैसे तो नहीं मांगे, वोट मांगा हूं: ओम प्रकाश
मीडिया ने जब मंत्री ओम प्रकाश सिंह से बात की तो उनका कहना था कि कोई पैसे की मांग तो नहीं की है। वोट ही तो मांग रहा हूं। कोई पैसा थोड़े ही मांग रहा हूं। जाने दीजिए महराज कुछ नहीं है। यह सब होता रहता है। इसके बाद जब उनसे जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने फोन काट दिया।
Source 4 p.m
29th January, 2016