लखनऊ -भले ही पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा को करारी हार का मुह देखना पड़ा यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र मे भी भाजपा को हार का मुह देखना पड़ा भले ही केंद्र में सत्ता पाने के बाद प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आने का सपना बुनने लगी लेकिन पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में केवल 5 सीट से संतोष करने के बाद भी पार्टी ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भी अपनी स्थिति मजबूती से दर्ज करा पाने में नाकाम रही है पार्टी ने अब प्रेस नोट जारी कर राज्य में हो रहे ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में सत्तारूढ़ दल की दंबगई, मंत्रियों के उत्पात, सत्ता प्रायोजित उपद्रव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप किये जाने की मांग की है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा मंत्री से लेकर दरोगा-सिपाही तक सत्ता से जुड़े नेताओं के लिए आचार संहिता को तार-तार कर रहे है। धन-बल, बहुबल और सत्ता बल के भरोसे सत्तारूढ़ दल इन चुनाव को कब्जियाने में जुटा है। जहां सत्ता से तालुक रखने वाले लोग चुनाव में बीस दिख रहे है वहां प्रशासनिक गुण्डा-गर्दी के भरोसे भय का वातावरण बनाया जा रहा है।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा राज्य में पंचायत चुनाव में आचारसंहिता तार-तार हो गयी है। सीतापुर, बलरामपुर, वाराण्सी, आजमगढ़, गाजीपुर, इटावा, देवरिया, बस्ती, मैनपुरी, मेरठ सहित प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर राज्य की प्रशासनिक मशीनरी सत्तारूढ़ दल के नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। लगातार स्थानीय स्तर पर न्याय की उम्मीद में निष्पक्ष चुनाव हो, इसके लिए शिकायते भी हो रही है। जिन पर निष्पक्ष चुनाव की जिम्मेदारी है वे सवालो के घेरे में है। गाजीपुर में एक मंत्री का आडियों वायरल हुआ सबने देखा। सीतापुर में तो बीडीसी सदस्य के घर जाकर सपा से जुड़े नेता के पक्ष में मत देने के लिए पुलिस मारपीट करती हुई नजर आयी।
उन्होंने फिरोजाबाद के अराव ब्लाक का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां तो सत्ता के दबाव में सभी बीडीसी सदस्यों को 107/16 की नोटिस जारी कर 31 जनवरी (रविवार) के दिन न्यायालय में तलब किया जाता है और उसी दिन अनुपस्थित होने पर गैर जमानती वारंट जारी कर थानाध्यक्ष को र्निदेषित कर दिया जाता है कि ये जहां कही मिले उन्हें गिरफ्तार कर लो। स्पष्ट है कि ऐसा मतदान को रोकने और सत्ता के पक्ष में कार्य करने का मन सम्बन्धित एसडीएम और थानाध्यक्ष ने बनाया है इस सम्बन्ध में पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक शिकायती पत्र भी भेजा है। बस्ती में तो राज्य के एक कद्दावर मंत्री अपने परिजन को प्रमुख बनवाने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार है।
श्री पाठक ने कहा कि संतकबीर नगर, बाराबंकी, पीलीभीत सहित कई जनपदों से सत्ता के दबाव में पुलिसिया दुरूपयोग की शिकायते आ रही है। पूरी राज्य में अराजकता की स्थिति का संदेश जा रहा है, सत्ताशीर्ष से जुड़े लोगों पर इस चुनावी अराजकता को बढ़ावा देने के आरोप है। शीर्ष स्तर पर अपने मंत्रियों के कृत्य पर मुख्यमंत्री की असाधारण चुप्पी इस चुनावी अराजकता को मौन समर्थन दे रही है राज्य के मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के गृहमंत्री भी है अखिलेश यादव। भाजपा प्रवक्ता ने राज्य निर्वाचन आयोग से राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान आ रही घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए त्वरित और अनुकरणीय कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया।
अब देखना होगा की जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में करारी हार से पार्टी क्या सबक लेती है या फिर से हार का ठीकरा फोड़ने के लिए यह पहले से ही कवायद है ।
1st February, 2016