लखनऊ:अंग्रेजों के ज़माने से चला आ रहा राजस्व कानून में संसोधन कर के आज से लागु कर दिया गया है अखिलेश सरकार ने आज से न्यू रेवेन्यू कोड-2016 लागू कर दिया है। इसके साथ ही 1901 का भू राजस्व अधिनियम खत्म हो गया। राजस्व विभाग की 234 धाराओं और 16 अध्यायों में संशोधन कर राजस्व से संबंधित नियमों की कठिनाइयों को आसान किया गया है।
सरकार का दावा दलित और किसान हितैसी है कानून
नई राजस्व संहिता का फायदा दलितों और किसानों को होगा। दलित अब किसी को भी अपनी जमीन बेच सकेंगे, हालांकि, इसके लिए तीन शर्तें सरकार की ओर से लागू की गई हैं। पहली शर्त- जमीन बेचने वाला दूसरी जगह बस गया हो, दूसरी शर्त- वह किसी जानलेवा रोग से पीड़ित हो, तीसरी शर्त- कोई उसका उत्तराधिकारी न हो। इसके बाद किसानों को कोर्ट के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
बाई सर्कुलेशन के जरिये मंजूरी
बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग कैंसिल होने के बाद शाम को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इसे मंजूरी दी गई। नई राजस्व संहिता के तहत अब राजस्व कोर्ट में नए दायर होने वाले केसों की सुनवाई की जाएगी। संशोधित राजस्व संहिता प्रभावी होने के बाद कोई अशक्त व्यक्ति अपनी कृषि भूमि का दूसरे के नाम पट्टा भी कर सकता है। इसके अलावा ठियाबंदी के बाद लगाए सुरक्षा चिन्हों की रखवाली और उनकी हिफाजत करना भूमि स्वामी की ही जिम्मेदारी होगी।
तहसील में व्याप्त भ्रस्ट्राचार पर लगेगी अंकुश
हदबंदी और आपसी बंटवारे के लिए अब तहसील स्तरीय कोर्ट के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने होंगे। यही नहीं लंबे समय तक अंतिम आदेश जारी होने का इंतजार भी नहीं करना होगा दूसरी ओर कोर्ट में ऐसे मामलों का राजस्व कोर्ट द्वारा जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा, निजी भूमि की पैमाइश कराना भी आसान हो जाएगा साथ ही कोई भी भूमिधर एक हजार रुपए जमा कर अपनी भूमि की पैमाइश करा सकेगा।
इसके पहले लोगों को अपनी जमीन की पैमाइश के लिए तहसील में चक्कर लगाना होता था और शोषण का शिकार होते थे।
11th February, 2016