गोंडा- नशा शराब में होता है लेकिन यही नशा और भी बढ़ जाता है जब ताकत का नशा इसके साथ मिल जाए तो गुस्से पर काबू नहीं रह जाता आज़ादी मिले कई साल हो गए लेकिन जो सामाजिक दूरियां थी वह आज भी कायम है और इसका खामियाजा भुगता गोंडा के दलित गाँव के लोगों ने उनकी गलती इतनी थी की उन्होंने" भया" की शान में गुस्ताखी कर दी और शराब पीने के मामले में विवाद इतना बढ़ा की पूरे गाँव के दलितों को मार पीटा गया बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया और इससे भी अहम् की भरपाई नहीं हुई तो उनके घरों को जला दिया गया ।
जी हाँ कच्ची शराब का नशा गोंडा जिले के दत्तनगर विशेन के (विशेन)लोगों पर कुछ ऐसा छाया की शराब की दुकान पर शराब लेने पहुँचे दलितों को पीटना शरू कर दिया युवक की हो रही पिटाई से गाँव के कुछ लोग बचाने पहुँच गए यह बात दबंगों ने को नागवार गुजरी और तभी कई दर्जन लोगों को बुलाकर दबंगों ने दलितों के गाँव पर हमला बोल दिया ,फिर क्या था जो भी मिला उसे लहुलाहन करते गए क्या बच्चे क्या महिलायं सभी को पीटते गए ,दबंगों का जब इससे भी पेट नही भरा तो दलितों के घरों को आग लगाकर खाक कर दिया जिससे आस पास के गाँव में अफरा तफरी मच गयी और देखते देखते ही इस बवाल में दोनों पक्षों के लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल ही गए, सुचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस ने हंगामे को काबू में किया और दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया,सभी घायलों को पुलिस ने मेडिकल के लिए जिला अस्पातल भेज दिया है जहाँ उनका उपचार किया जा रहा है फिलहाल पुलिस जाँच में जुटकर कार्यवायी की बात कर रही है। गाँव में भारी मात्रा में फ़ोर्स तैनात कर दी गयी है।
अवैध शराब भट्ठी पुलिस क्यों रही रोकने में नाकाम
जिस तरह से पूरे विवाद में अवैध शराब की भट्ठी पर ही इस विवाद ने जन्म लिया उससे यह भी मामला निकल कर सामने आता है कि आखिर इस अवैध भट्टी को समय रहते क्यों नहीं रोक गया अगर इस पर समय रहते ही कार्यवाही की गयी होती तो यह विवाद जन्म शायद न लेता ।
क्या कहते हैं सी ओ सिटी
इस मामले में सीओ सिटी का कहना है कि दोनों पक्षों से मुकदमा कायम कर दिया गया है और मेडिकल भी कराया जा रहा है गिरफ़्तारी के बारे में बताया की कार्यवाही की जा रही है।
कुल मिलाकर इस मामले में पुलिस अगर मुस्तैद रहती तो इतनी बड़ी घटना जिसने कानून व्यवस्था पर सीधे सवाल खड़ा कर दिया है यह न घटित होती।
22nd February, 2016