विजिलेंस अफसरों पर चलेगा अवैध तलाशी का मुक़दमा
लखनऊ -अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिए सत्ता के लोगों को खुश करने में लगे अधिकारीयों पर कोर्ट का डंडा चल सकता है 13 अक्टूबर 2015 को आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के घर पर मारे गए विजिलेंस छापे में दो दर्जन से अधिक लोगों के बिना इजाजत घर में घुसने और निवेदन के बाद भी अमिताभ और उनकी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को कोर्ट में लगे मुकदमों में नहीं जाने देने के सम्बन्ध में सीजेएम लखनऊ कोर्ट में मुक़दमा चलेगा.
अमिताभ ने अपने वाद में कहा था कि कोर्ट द्वारा मात्र विवेचक दद्दन चौबे को सर्च वारंट दिया गया था लेकिन विजिलेंस विभाग के कई सारे लोग जबरदस्ती उनके घर में घुस गए थे और घंटों बिना कानूनी इजाजत मौजूद रहे थे और बताने पर भी उन्हें कोर्ट नहीं जाने दिया जिसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें डराना और समाज में जलील करना था, जो धारा 341, 342, 447, 448, 451, 452 आईपीसी में अपराध है.
सीजेएम ने अपने आदेश में कहा है कि प्रार्थनापत्र में जो कथन दिए गए हैं उनके सम्बन्ध में किसी अतिरिक्त साक्ष्य संकलन की जरुरत नहीं है क्योंकि घटना से सम्बंधित सभी तथ्य प्रार्थी की जानकारी में हैं. सीजेएम ने कहा कि प्रार्थनापत्र परिवाद के रूप में रजिस्टर किये जाने योग्य है. अतः उन्होंने परिवाद दर्ज करते हुए अमिताभ को धारा 200 सीआरपीसी में अपना बयान देने हेतु 29 मार्च 2016 तय किया.
22nd February, 2016