एक तरफ जहा महाराष्ट्र का बड़ा हिस्सा पानी के संकट से गुजर रहा है वहीं नेता हैं कि इस पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। ताजा विवाद महाराष्ट्र के सबसे संकटग्रस्त इलाके लातूर के लिए पानी भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को लेकर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र को हर रोज 10 लाख लीटर पानी देने का प्रस्ताव रखा था जिसे महाराष्ट्र सरकार ने ठुकरा दिया और कहा की महाराष्ट्र सरकार इस समस्या से निपटने मे समर्थ है और किसी राज्य की मदद की जरूरत नहीं है |
प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र--
सीएम केजरीवाल ने मंगलवर को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था जिसमे केजरीवाल ने महाराष्ट्र को रोज 10 लाख लीटर पानी देने का प्रस्ताव रखा था |
क्या क्या कहा था पत्र मे --
- लातूर इस वक्त पानी की कमी से जूझ रहा है। केंद्र ने वहां ट्रेन से पानी पहुंचाने का फैसला किया है।
- दिल्ली के लोग अगले 2 महीनों के लिए 10 लाख लीटर पानी हर रोज लातूर को देने के लिए तैयार हैं।
- अगर केंद्र सरकार इस पानी को लातूर भिजवाने का इंतजाम करे तो दिल्ली सरकार ये पानी तुरंत मुहैया करा देगी।
- हालांकि दिल्ली में पानी की कमी रहती है लेकिन लातूर के हालात को देखते हुए हम सभी का यह फर्ज बनता है कि लातूर के लोगों की मदद करें।
पानी पर राजनीति --
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां दिल्ली के लोगों को लिए पानी का इंतजाम कर नहीं पा रहे हैं वहीं महाराष्ट्र को दस लाख लीटर पानी देने का वादा किया है | केजरीवाल के इस बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है|
- महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री ने कहा है कि लातूर की जरूरत को पूरा करने के लिए राज्य के पास समुचित व्यवस्था है और फिलहाल किसी दूसरे राज्य की मदद की जरूरत नहीं है |
- बीजेपी नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा था कि केजरीवाल की पहल तो सराहनीय है लेकिन पहले वह दिल्ली के लोगों के लिए पानी का इंतजाम करें और गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग पानी के लिए लाइन लगाते हैं केजरीवाल इनके लिए क्या कर रहे हैं ये बताएं |
- दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा, 'केजरीवाल क्या कहते हैं और करते हैं, वह समझ से परे है।
इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि हमने तो आफर किया था, उन्हें नहीं चाहिए तो हम क्या कह सकते हैं. ऐसे में सवाल यह है कि दिल्ली जो खुद पानी संकट से हर साल दो-चार होती है, वहां का संकट सुलझाने के लिए क्या केजरीवाल पानी के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.
13th April, 2016