नई दिल्ली
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दूध का सेवन, बच्चों समेत समाज का एक बड़ा समूह करता है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मिलावटी दूध के गोरखधंघे में लिप्त लोगों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान बनाने के लिए कहा है। करीब तीन महीने पहले सरकार ने संसद में कहा था कि तीन में से दो भारतीय डिटरजेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया, पेंट आदि मिला दूध का सेवन करता है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस आर भानुमति और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने साथ ही सरकार को कई अन्य निर्देश भी दिए हैं।पिछले चार वर्षों से सरकार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 में बदलाव करने के लिए कहने के बावजूद इसका कोई नतीजा नहीं निकलने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है।
सजा का प्रावधान
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- उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने मिलावटी दूध के धंधे में लिप्त पाए जाने के लिए उम्रकैद का प्रावधान बनाया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन पर गौर करते हुए भारतीय दंड संहिता में जरूरी संशोधन करने के लिए कहा है।
- साथ ही अदालत ने सरकार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 पर पुन: गौर करने के लिए कहा है।
- ऐसी सजा का प्रावधान बनाने के लिए कहा है जिससे कोई व्यक्ति इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न करें।
- अदालत का मानना है कि मौजूदा प्रावधान केतहत दोषियों के लिए छह महीने की सजा का प्रावधान है, जो पर्याप्त नहीं है।
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दूध का सेवन, बच्चों समेत समाज का एक बड़ा समूह करता है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मिलावटी दूध के गोरखधंघे में लिप्त लोगों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान बनाने के लिए कहा है। करीब तीन महीने पहले सरकार ने संसद में कहा था कि तीन में से दो भारतीय डिटरजेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया, पेंट आदि मिला दूध का सेवन करता है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस आर भानुमति और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने साथ ही सरकार को कई अन्य निर्देश भी दिए हैं।पिछले चार वर्षों से सरकार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 में बदलाव करने के लिए कहने के बावजूद इसका कोई नतीजा नहीं निकलने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है।
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दूध का सेवन, बच्चों समेत समाज का एक बड़ा समूह करता है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मिलावटी दूध के गोरखधंघे में लिप्त लोगों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान बनाने के लिए कहा है। करीब तीन महीने पहले सरकार ने संसद में कहा था कि तीन में से दो भारतीय डिटरजेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया, पेंट आदि मिला दूध का सेवन करता है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस आर भानुमति और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने साथ ही सरकार को कई अन्य निर्देश भी दिए हैं।पिछले चार वर्षों से सरकार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 में बदलाव करने के लिए कहने के बावजूद इसका कोई नतीजा नहीं निकलने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है।
सजा का प्रावधान
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- उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने मिलावटी दूध के धंधे में लिप्त पाए जाने के लिए उम्रकैद का प्रावधान बनाया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन पर गौर करते हुए भारतीय दंड संहिता में जरूरी संशोधन करने के लिए कहा है।
- साथ ही अदालत ने सरकार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 पर पुन: गौर करने के लिए कहा है।
- ऐसी सजा का प्रावधान बनाने के लिए कहा है जिससे कोई व्यक्ति इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न करें।
- अदालत का मानना है कि मौजूदा प्रावधान केतहत दोषियों के लिए छह महीने की सजा का प्रावधान है, जो पर्याप्त नहीं है।
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7th August, 2016