नई दिल्ली:-
आज राज्य सभा में मेंटल हेल्थ केयर बिल पास किया गया। जिसमें यह कहा गया है कि अब देश में आत्महत्या की कोशिश अब अपराध नही होगा, बल्कि उसे मानसिक बीमारी मानी जाएगी। अब आईपीसी की धारा 309 के तहत कोई आत्महत्या की कोशिश करने वाला तब तक अपराधी नहीं होगा, जब तक ये साबित ना हो जाए कि सुसाइड की कोशिश करते वक्त वो शख्स मानसिक रूप से स्वस्थ था। देश में 6 से 7 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो मानसिक रूप से बीमार हैं।
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने-
- उच्च सदन में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक, 2013 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि यह विधेयक मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के इलाज में दूरगामी प्रभाव छोड़ने वाला होगा।
- उन्होंने कहा कि यह विधेयक मरीज केंद्रित है और इस बात पर जोर दिया गया है कि उन्हें किस प्रकार सुविधाएं दी जा सकती हैं।
- नड्डा ने कहा कि देश के करीब 6.7 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार की मानसिक बीमारी से ग्रसित हैं जबकि एक से दो प्रतिशत तक गंभीर रूप से बीमार हैं।
- उन्होंने कहा कि डाक्टरों और कर्मियों की कमी है और सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य कदम उठाए हैं।
- नड्डा ने कहा कि विधेयक में मानसिक रोग से पीड़ित लोगों के अधिकारों पर जोर दिया गया है. ऐसे लोगों को विभिन्न प्रकार के अधिकार मुहैया कराने के प्रावधान विधेयक में किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बात पर जोर दिया गया है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के साथ क्रूर आचरण नहीं हो।
- विधेयक पर सरकार द्वारा 100 से ज्यादा संशोधन लाए जाने के औचित्य पर नड्डा ने कहा कि इसमें स्थायी समिति की सिफारिशों के अलावा अदालतों और विभिन्न पक्षों के सुझावों को शामिल किया गया है।
- उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार ने 2010 में ही शुरूआत की थी और विधेयक तैयार करने के पहले विभिन्न पक्षों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया।
- विधेयक को ऐतिहासिक और प्रगतिशील बताते हुए नड्डा ने कहा कि विधेयक में सामुदायिक आधारित इलाज पर जोर दिया गया है।
- उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं।
नई दिल्ली:-
आज राज्य सभा में मेंटल हेल्थ केयर बिल पास किया गया। जिसमें यह कहा गया है कि अब देश में आत्महत्या की कोशिश अब अपराध नही होगा, बल्कि उसे मानसिक बीमारी मानी जाएगी। अब आईपीसी की धारा 309 के तहत कोई आत्महत्या की कोशिश करने वाला तब तक अपराधी नहीं होगा, जब तक ये साबित ना हो जाए कि सुसाइड की कोशिश करते वक्त वो शख्स मानसिक रूप से स्वस्थ था। देश में 6 से 7 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो मानसिक रूप से बीमार हैं।
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने-
- उच्च सदन में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक, 2013 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि यह विधेयक मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के इलाज में दूरगामी प्रभाव छोड़ने वाला होगा।
- उन्होंने कहा कि यह विधेयक मरीज केंद्रित है और इस बात पर जोर दिया गया है कि उन्हें किस प्रकार सुविधाएं दी जा सकती हैं।
- नड्डा ने कहा कि देश के करीब 6.7 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार की मानसिक बीमारी से ग्रसित हैं जबकि एक से दो प्रतिशत तक गंभीर रूप से बीमार हैं।
- उन्होंने कहा कि डाक्टरों और कर्मियों की कमी है और सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य कदम उठाए हैं।
- नड्डा ने कहा कि विधेयक में मानसिक रोग से पीड़ित लोगों के अधिकारों पर जोर दिया गया है. ऐसे लोगों को विभिन्न प्रकार के अधिकार मुहैया कराने के प्रावधान विधेयक में किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बात पर जोर दिया गया है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के साथ क्रूर आचरण नहीं हो।
- विधेयक पर सरकार द्वारा 100 से ज्यादा संशोधन लाए जाने के औचित्य पर नड्डा ने कहा कि इसमें स्थायी समिति की सिफारिशों के अलावा अदालतों और विभिन्न पक्षों के सुझावों को शामिल किया गया है।
- उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार ने 2010 में ही शुरूआत की थी और विधेयक तैयार करने के पहले विभिन्न पक्षों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया।
- विधेयक को ऐतिहासिक और प्रगतिशील बताते हुए नड्डा ने कहा कि विधेयक में सामुदायिक आधारित इलाज पर जोर दिया गया है।
- उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं।
9th August, 2016