अमेठी:-
भारत की न्यायपालिका एक स्वतंत्र निकाय है जो देश की जनता को इन्साफ मुहैया कराती है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में सीजीएम की अदालत ने 82 रुपए की लूट के मामले मे 31 साल बाद मुजरिम को 4 साल की कैद का फैसला सुनाया। न्याय पालिका की इस कार्यप्रणाली से लोग बहुत कुछ सोचने को मजबूर हो गए। जहाँ एक ओर न्यायालय के इस फैसले ने क्षेत्र में खलबली मचा दी। वही दूसरी ओर शिकायतकर्ता पक्ष के चेहरे पर ख़ुशी झलकती नजर आयी।
यह था लूट का पूरा मामला-
- मामला 28 सितंबर 1985 को वर्तमान में अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र का है।
- जहां वारिसगंज बाजार के बेकरी व्यवसाई अशोक कुमार शाम को जब अपनी दुकान बंद करने लगे तो उसी वक्त एक युवक पास में रखा उनका झोला लेकर भागने लगा।
- जिस पर अशोक ने शोर मचाया और आस-पास के लोगों की मदद से लुटेरे को दौड़ा कर रेलवे लाइन के पास पकड़ लिया।
- झोले में 81 रूपये 90 पैसे रखे थे।
- पकडे गए युवक की पहचान जगदीशपुर थाने के करीडीह निवासी सियाराम के रूप में हुई।
- मामले पिछले 31 वर्षों से सीजेएम की अदालत में विचाराधीन चल रहा था।
- जिसमें न्यायाधीश विजय कुमार आजाद की अदालत ने मंगलवार को इस मामले में आरोपी सियाराम को दोषी ठहराया।
- उसे 4 वर्ष के कारावास और 11 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
भारत की न्यायपालिका एक स्वतंत्र निकाय है जो देश की जनता को इन्साफ मुहैया कराती है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में सीजीएम की अदालत ने 82 रुपए की लूट के मामले मे 31 साल बाद मुजरिम को 4 साल की कैद का फैसला सुनाया। न्याय पालिका की इस कार्यप्रणाली से लोग बहुत कुछ सोचने को मजबूर हो गए। जहाँ एक ओर न्यायालय के इस फैसले ने क्षेत्र में खलबली मचा दी। वही दूसरी ओर शिकायतकर्ता पक्ष के चेहरे पर ख़ुशी झलकती नजर आयी।
- मामला 28 सितंबर 1985 को वर्तमान में अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र का है।
- जहां वारिसगंज बाजार के बेकरी व्यवसाई अशोक कुमार शाम को जब अपनी दुकान बंद करने लगे तो उसी वक्त एक युवक पास में रखा उनका झोला लेकर भागने लगा।
- जिस पर अशोक ने शोर मचाया और आस-पास के लोगों की मदद से लुटेरे को दौड़ा कर रेलवे लाइन के पास पकड़ लिया।
- झोले में 81 रूपये 90 पैसे रखे थे।
- पकडे गए युवक की पहचान जगदीशपुर थाने के करीडीह निवासी सियाराम के रूप में हुई।
- मामले पिछले 31 वर्षों से सीजेएम की अदालत में विचाराधीन चल रहा था।
- जिसमें न्यायाधीश विजय कुमार आजाद की अदालत ने मंगलवार को इस मामले में आरोपी सियाराम को दोषी ठहराया।
- उसे 4 वर्ष के कारावास और 11 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
10th August, 2016