बहराइच
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यूपी के बहराइच जिले के सरकारी अस्पताल में एक गरीब परिवार के साथ बदसलूकी करने का मामला सामने आया है, जिसमे एक गरीब आदमी अपने नौ महीने के बच्चे के इलाज के लिए उसे सरकारी अस्पताल भर्ती कराया था। जहां डोक्टरों ने बच्चे के इलाज के लिए हर कदम पर पैसे मांग की । डॉक्टरों ने उसने इंजेक्शन लगाने के 20 रुपये, बच्चे को बेड पर लिटाने के 30 रुपये और बच्चे को भर्ती करने के लिए 100 रुपये मांगे , जबकि सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त होता है। लेकिन युवक के द्वारा सारा पैसा देने के बाद भी बच्चे का ठीक से इलाज ने हो पाया जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि जितनी दवा और इंजेक्शन की जरूरत थी, सब दिए गए हैं, लेकिन बच्चा सिर्फ 9 महीने का था और उसकी हालत नाजुक थी, जिससे उसकी मौत हो गई।
हर एक चीज़ में होती है पैसे की मांग--
- बहराइच अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ओपी पांडे से जब मौत की वजह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे को एंटीबायोटिक सुबह-शाम दी गई थी।
- एंटीबायोटिक लगाने में कोई देरी नहीं हुई।
- बच्चे के पिता की शिकायत यह है कि उससे भर्ती करने के लिए और बिस्तर देने के लिए पैसा मांगा गया।
- बच्चे के पिता शिवदत्त ने कहा कि यहां पर हर स्टाफ पैसा मांगता है।
- डॉक्टर को हटा कर बाकी जितने हैं, सब पैसा मांगते हैं, क्योंकि उनका प्राइवेट क्लिनिक भी है.
- वहां से बहुत पैसा आ जाता है।
- 200 से 300 मरीज वह वहां पर भी देखते हैं।
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यूपी के बहराइच जिले के सरकारी अस्पताल में एक गरीब परिवार के साथ बदसलूकी करने का मामला सामने आया है, जिसमे एक गरीब आदमी अपने नौ महीने के बच्चे के इलाज के लिए उसे सरकारी अस्पताल भर्ती कराया था। जहां डोक्टरों ने बच्चे के इलाज के लिए हर कदम पर पैसे मांग की । डॉक्टरों ने उसने इंजेक्शन लगाने के 20 रुपये, बच्चे को बेड पर लिटाने के 30 रुपये और बच्चे को भर्ती करने के लिए 100 रुपये मांगे , जबकि सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त होता है। लेकिन युवक के द्वारा सारा पैसा देने के बाद भी बच्चे का ठीक से इलाज ने हो पाया जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि जितनी दवा और इंजेक्शन की जरूरत थी, सब दिए गए हैं, लेकिन बच्चा सिर्फ 9 महीने का था और उसकी हालत नाजुक थी, जिससे उसकी मौत हो गई।
- बहराइच अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ओपी पांडे से जब मौत की वजह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे को एंटीबायोटिक सुबह-शाम दी गई थी।
- एंटीबायोटिक लगाने में कोई देरी नहीं हुई।
- बच्चे के पिता की शिकायत यह है कि उससे भर्ती करने के लिए और बिस्तर देने के लिए पैसा मांगा गया।
- बच्चे के पिता शिवदत्त ने कहा कि यहां पर हर स्टाफ पैसा मांगता है।
- डॉक्टर को हटा कर बाकी जितने हैं, सब पैसा मांगते हैं, क्योंकि उनका प्राइवेट क्लिनिक भी है.
- वहां से बहुत पैसा आ जाता है।
- 200 से 300 मरीज वह वहां पर भी देखते हैं।
11th August, 2016