यूरीड मीडिया ब्यूरो
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पठानकोट आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार के घर को बेंगलुरु नगर निगम गिरने जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन का घर उन 1100 मकानों की लिस्ट मे है जिनकी वजह से पानी जमा होता है। इन मकानो को तोड़ा जाने वाला है। बेंगलुरु महानगर पालिका स्टॉर्म वॉटर ड्रेन के लिए 10 मीटर तक खुदाई करना चाहती है। लेकिन निरंजन का घर खुदाई के लिए 10 मीटर तक चिह्नित किए गए हिस्से के 5 मीटर तक के हिस्से में आ रहा है। जिससे इस बेंगलुरु महानगर पालिका अतिक्रमण को हटाना चाहती है। पिछले महीने भारी बारिश के दौरान बेंगलुरु में सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। इसके बाद नगर निगम नें ऐसे मकानों की लिस्ट बनाई जिनकी वजह से वॉटर लॉगिंग होती है।
- नगर निगम कमिश्नर ने कहा, "मुझे उनके साथ सहानुभूति है, लेकिन हम बहुत मेहनत से एक काम कर रहे हैं, और हमारे लिए सभी की भलाई किसी की व्यक्तिगत भलाई से ज़्यादा महत्वपूर्ण है..."
- निरंजन के भाई शशांक ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा- ये सहन करना हमारे लिए काफी मुश्किल है। पठानकोट अटैक में हमने अपनेे भाई को खोया है।
- मैं इस डिमोलिशन को रोकने की गुजारिश करता हूं। निरंजन ने देश के लिए जान दी थी और अगर उनका ही मकान गिराया जाता है तो ये शर्म की बात है।
- परिजनों का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन नें अपना सबकुछ लगाकर यह मकान बनाया था।
- नगर निगम के अफसरों का कहना है कि इन मकानों को गिराने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है।
कौन थे कर्नल निरंजन कुमार
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34 साल के निरंजन एनएसजी के बम डिस्पोजल स्क्वॉड में थे। 2 जनवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था। हमले के बाद एक आईईडी को डिफ्यूज करते वक्त धमाका हुआ। इसमें निरंजन शहीद हो गए। वैसे तो, निरंजन केरल के पलक्कड़ जिले के रहने वाले थे लेकिन उनकी फैमिली कई साल से बेंगलुरु में ही रह रही है। उनकी फैमिली में वाइफ डॉक्टर राधिका और डेढ़ साल की बेटी विस्मया हैं। एनएसजी दिल्ली में वो एक साल 10 महीने तक रहे। एनएसजी में जाने से पहले वे सेना के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप में अप्वाइंट हुए थे।
यूरीड मीडिया ब्यूरो
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पठानकोट आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार के घर को बेंगलुरु नगर निगम गिरने जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन का घर उन 1100 मकानों की लिस्ट मे है जिनकी वजह से पानी जमा होता है। इन मकानो को तोड़ा जाने वाला है। बेंगलुरु महानगर पालिका स्टॉर्म वॉटर ड्रेन के लिए 10 मीटर तक खुदाई करना चाहती है। लेकिन निरंजन का घर खुदाई के लिए 10 मीटर तक चिह्नित किए गए हिस्से के 5 मीटर तक के हिस्से में आ रहा है। जिससे इस बेंगलुरु महानगर पालिका अतिक्रमण को हटाना चाहती है। पिछले महीने भारी बारिश के दौरान बेंगलुरु में सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। इसके बाद नगर निगम नें ऐसे मकानों की लिस्ट बनाई जिनकी वजह से वॉटर लॉगिंग होती है।
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पठानकोट आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार के घर को बेंगलुरु नगर निगम गिरने जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन का घर उन 1100 मकानों की लिस्ट मे है जिनकी वजह से पानी जमा होता है। इन मकानो को तोड़ा जाने वाला है। बेंगलुरु महानगर पालिका स्टॉर्म वॉटर ड्रेन के लिए 10 मीटर तक खुदाई करना चाहती है। लेकिन निरंजन का घर खुदाई के लिए 10 मीटर तक चिह्नित किए गए हिस्से के 5 मीटर तक के हिस्से में आ रहा है। जिससे इस बेंगलुरु महानगर पालिका अतिक्रमण को हटाना चाहती है। पिछले महीने भारी बारिश के दौरान बेंगलुरु में सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। इसके बाद नगर निगम नें ऐसे मकानों की लिस्ट बनाई जिनकी वजह से वॉटर लॉगिंग होती है।
- नगर निगम कमिश्नर ने कहा, "मुझे उनके साथ सहानुभूति है, लेकिन हम बहुत मेहनत से एक काम कर रहे हैं, और हमारे लिए सभी की भलाई किसी की व्यक्तिगत भलाई से ज़्यादा महत्वपूर्ण है..."
- निरंजन के भाई शशांक ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा- ये सहन करना हमारे लिए काफी मुश्किल है। पठानकोट अटैक में हमने अपनेे भाई को खोया है।
- मैं इस डिमोलिशन को रोकने की गुजारिश करता हूं। निरंजन ने देश के लिए जान दी थी और अगर उनका ही मकान गिराया जाता है तो ये शर्म की बात है।
- परिजनों का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन नें अपना सबकुछ लगाकर यह मकान बनाया था।
- नगर निगम के अफसरों का कहना है कि इन मकानों को गिराने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है।
कौन थे कर्नल निरंजन कुमार
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34 साल के निरंजन एनएसजी के बम डिस्पोजल स्क्वॉड में थे। 2 जनवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था। हमले के बाद एक आईईडी को डिफ्यूज करते वक्त धमाका हुआ। इसमें निरंजन शहीद हो गए। वैसे तो, निरंजन केरल के पलक्कड़ जिले के रहने वाले थे लेकिन उनकी फैमिली कई साल से बेंगलुरु में ही रह रही है। उनकी फैमिली में वाइफ डॉक्टर राधिका और डेढ़ साल की बेटी विस्मया हैं। एनएसजी दिल्ली में वो एक साल 10 महीने तक रहे। एनएसजी में जाने से पहले वे सेना के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप में अप्वाइंट हुए थे।
11th August, 2016