लखनऊ
:-
सपा के मुलायम परिवार में चाचा भतीजा की नोक-झोंक अब और बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में शिवपाल यादव नहीं जाएंगे।
मुलायम को मुख्तार पसंद है लेकिन, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नहीं। कल से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो सकता है। मुख्तार का ये मामला मुलायम परिवार में मूंछ का सवाल बन गया है। नेताजी के इशारे को आदेश बताकर दो दिन से यूपी की राजनीति को अपने आसपास घूमाने वाले शिवपाल यादव के लिए अच्छी खबर नहीं है । मुलायम ने भले ही मुख्तार को लाने के लिए शिवपाल को हरी झंडी दे दी है, लेकिन, सूत्र बता रहे हैं कि अखिलेश यादव किसी कीमत पर राजी नहीं हैं।
अखिलेश को पार्टी की छवि की चिंता है -
- अखिलेश को अपनी छवि की चिंता है. क्योंकि, बाहुबली की बदनामी को साथ लेकर वो चलना नहीं चाहते।
- जून महीने में मुख्तार को साथ लाने की चाल, चाचा शिवपाल पर भारी पड़ी और अखिलेश ने विलय रद्द कराकर उन्हें मात दे दी।
- इस मामले से अखिलेश के सगे चाचा शिवपाल इतने नाराज हुए थे कि उन्होंने इस्तीफे तक का फैसला कर लिया।
मुलायम सिंह ने खुद किया खुलासा-
- नेताजी के इसी खुलासे से घर का झगड़ा चौखट से बाहर आ गया।
- अब जमाना इस बात को जान चुका है कि समाजवादी पार्टी के घर में दो गुट बन चुके हैं।
- सूत्र बताते हैं कि एक गुट की कमान है अखिलेश यादव के पास है।
- जबकि दूसरे गुट की कमान शिवपाल यादव संभाल रहे हैं।
अब तक अखिलेश यादव अपने चाचा पर है भारी -
- परिवार की लड़ाई में अबतक अखिलेश यादव हर बार अपने चाचा शिवपाल यादव पर भारी साबित हुए हैं।
- जब मुलायम सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, उस समय शिवपाल यादव की पार्टी और सरकार में हैसियत नंबर दो की थी।
- यही माना जाता था कि शिवपाल यादव ही मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी बनेंगे, लेकिन, 2012 में जब परिवार से सीएम बनाने की बारी आयी तो मुलायम सिंह ने भाई के ऊपर अपने बेटे को तरजीह दी।
- यही से परिवार में वर्चश्व की लड़ाई शुरू हो गई।
- समय समय पर चाचा और भतीजे दोनों ने अपनी अपनी चाल चली लेकिन,अब एक बार फिर मुलायम के सिग्नल के बाद शिवपाल सक्रिय हुए हैं।
- अखिलेश ने अपना इरादा जताकर नेताजी को भी संकेत दे दिये हैं कि सोच लीजिए.. करना क्या है ?
लखनऊ
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सपा के मुलायम परिवार में चाचा भतीजा की नोक-झोंक अब और बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में शिवपाल यादव नहीं जाएंगे।
मुलायम को मुख्तार पसंद है लेकिन, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नहीं। कल से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो सकता है। मुख्तार का ये मामला मुलायम परिवार में मूंछ का सवाल बन गया है। नेताजी के इशारे को आदेश बताकर दो दिन से यूपी की राजनीति को अपने आसपास घूमाने वाले शिवपाल यादव के लिए अच्छी खबर नहीं है । मुलायम ने भले ही मुख्तार को लाने के लिए शिवपाल को हरी झंडी दे दी है, लेकिन, सूत्र बता रहे हैं कि अखिलेश यादव किसी कीमत पर राजी नहीं हैं।
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सपा के मुलायम परिवार में चाचा भतीजा की नोक-झोंक अब और बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में शिवपाल यादव नहीं जाएंगे।
मुलायम को मुख्तार पसंद है लेकिन, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नहीं। कल से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो सकता है। मुख्तार का ये मामला मुलायम परिवार में मूंछ का सवाल बन गया है। नेताजी के इशारे को आदेश बताकर दो दिन से यूपी की राजनीति को अपने आसपास घूमाने वाले शिवपाल यादव के लिए अच्छी खबर नहीं है । मुलायम ने भले ही मुख्तार को लाने के लिए शिवपाल को हरी झंडी दे दी है, लेकिन, सूत्र बता रहे हैं कि अखिलेश यादव किसी कीमत पर राजी नहीं हैं।
अखिलेश को पार्टी की छवि की चिंता है -
- अखिलेश को अपनी छवि की चिंता है. क्योंकि, बाहुबली की बदनामी को साथ लेकर वो चलना नहीं चाहते।
- जून महीने में मुख्तार को साथ लाने की चाल, चाचा शिवपाल पर भारी पड़ी और अखिलेश ने विलय रद्द कराकर उन्हें मात दे दी।
- इस मामले से अखिलेश के सगे चाचा शिवपाल इतने नाराज हुए थे कि उन्होंने इस्तीफे तक का फैसला कर लिया।
मुलायम सिंह ने खुद किया खुलासा-
- नेताजी के इसी खुलासे से घर का झगड़ा चौखट से बाहर आ गया।
- अब जमाना इस बात को जान चुका है कि समाजवादी पार्टी के घर में दो गुट बन चुके हैं।
- सूत्र बताते हैं कि एक गुट की कमान है अखिलेश यादव के पास है।
- जबकि दूसरे गुट की कमान शिवपाल यादव संभाल रहे हैं।
अब तक अखिलेश यादव अपने चाचा पर है भारी -
- परिवार की लड़ाई में अबतक अखिलेश यादव हर बार अपने चाचा शिवपाल यादव पर भारी साबित हुए हैं।
- जब मुलायम सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, उस समय शिवपाल यादव की पार्टी और सरकार में हैसियत नंबर दो की थी।
- यही माना जाता था कि शिवपाल यादव ही मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी बनेंगे, लेकिन, 2012 में जब परिवार से सीएम बनाने की बारी आयी तो मुलायम सिंह ने भाई के ऊपर अपने बेटे को तरजीह दी।
- यही से परिवार में वर्चश्व की लड़ाई शुरू हो गई।
- समय समय पर चाचा और भतीजे दोनों ने अपनी अपनी चाल चली लेकिन,अब एक बार फिर मुलायम के सिग्नल के बाद शिवपाल सक्रिय हुए हैं।
- अखिलेश ने अपना इरादा जताकर नेताजी को भी संकेत दे दिये हैं कि सोच लीजिए.. करना क्या है ?
17th August, 2016