जैसलमेर
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राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान के जासूसी और आतंकी नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है. जैसलमेर में पाकिस्तानी पासपोर्ट पर भारत आए एजेंट नंदलाल महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है. नंदलाल महराज की उम्र 26 साल है और वह पाकिस्तान के खिप्रो सानगढ़ का रहनेवाला है. गिरफ्तार पाकिस्तानी एजेंट के पास से एक डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें सारे डिटेल लिखे हैं, इसके साथ ही खुफिया सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान से लगती पाकिस्तान सीमा से अलग-अलग जगहों से अब तक 35 किलो आरडीएक्स भारत में बम ब्लास्ट के लिए पहुंचा चुका है.
इंटेलिजेंस ऐजेंसी ने किया भंडाफोड़
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- आईबी, रॉ और राजस्थान के इंटेलिजेंस एजेंसी ने इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है.
- गिरफ्तार पाकिस्तानी एजेंट के पास से एक डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें सारे डिटेल लिखे हैं.
- इसमें लिखा हुआ कि कब-कब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इसके खाते में पैसे डालती थी.
- इसके काम के बदले आईएसआई 10 से लेकर 60-70 हजार तक देती थी.
- नंदलाल का पूरा परिवार पाकिस्तान में है, लेकिन पैसों के लालच में ये पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए तैयार हो गया.
दो मोबाइल व कई पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद
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- एजेंट के पास से दो मोबाईल सेट और दर्जनों पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.
- इसकी मदद से वह सरहदी इलाके में जाकर पाकिस्तान बात करता था.
पिछले 48 घंटे से पूछताछ
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- तीनों खुफिया एजेंसियां पिछले 48 घंटे से नंदलाल महाराज से जैसलमेर में पूछताछ कर रही हैं.
- हालांकि, अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि इसके हाथ से निकला आरडीएक्स कहां-कहां पहुंचा है, क्योंकि इसे आगे के नेटवर्क के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
- इसके पास से बड़ी संख्या में सैन्य ठीकानों के नक्शे और आस-पास के फोन नंबर भी मिले हैं.
- आरडीएक्स की बरामदगी और पता लगाने के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वायड की टीम पहुंच रही है, जबकि एनआईए को भी सूचना दी जा रही है.
बीएसएफ पर उठ रहे सवाल
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- नंदलाल के सात से आठ साथी इसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही फरार हो गए हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए कवायद की जा रही है.
- पाकिस्तानी एजेंट की गिरफ्तारी और उसके खुलासे से बीएसएफ के काम करने के तरीके पर भी बड़ा सवाल खड़ा होता है.
- आखिर कैसे बीएसएफ के नाक के नीचे ये से इतनी भारी मात्रा में आरडीएक्स भारत में पहुंचाने में सफल हो गया?
इन बातों का उठा रहा लाभ आईएसआई
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- कुछ दिनों से आईएसआई ने भारत में जासूसी और आतंकी नेटवर्क का अपना तरीका बदला है.
पाकिस्तानी नेटवर्क से आए कॉल को पकड़ने का भारत में कोई उपाय नही
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- ये जानबूझकर ऐसे हिंदू एजेंट चुन रहे हैं, जिनका पहनावा और बोलचाल सरहदी इलाकों में भारत में रहने वाले लोगों से बिल्कुल मिलता हो. साथ ही सीमा पर पाकिस्तानी मोबाईल नेटवर्क होने से इनको पूरा फायदा मिल रहा है, क्योंकि पाकिस्तानी नेटवर्क से आए कॉल को पकड़ने का भारत में कोई उपाय नहीं है.
19th August, 2016