यूरीड मीडिया ब्यूरो
:-
मध्य प्रदेश के सतना जिले में फुटबॉलर बबलू मार्टिन नें खुद की जान देकर एक बच्ची की जान को बचा लिया। शनिवार को मैहर की हाउसिंग बोर्ड की तीन मंजिला इमारत धराशायी हो गयी, उसकी चपेट में चौकीदार की 12 साल की बेटी प्रभा आने वाली थी। वह पर मौजूद फुटबॉलर बबलू मार्टिन की नजर वह पर खड़ी बच्ची पर पड़ी। इमारत का मलबा बच्ची के ऊपर गिरता उससे पहले ही बबलू नें दौड़ कर बच्ची को धकेल कर दूर कर दिया लेकिन खुद मलबे की चपेट में आ गए।
- इमारत ढहने के बाद फुटबॉलर गर्दन तक पानी, कीचड़ और मलबे में फंसे हुए थे।
- लोगों ने सब्बलों से उनके आसपास का मलबा हटाया।
- इस दौरान वे कुछ बोल नहीं पा रहे थे, लेकिन उनकी आंखें लगातार लोगों को निहार रही थीं।
- लोग भी बबलू का नाम बुलाकर लगातार उन्हें हौसला दे रहे थे।
- काफी मशक्कत के बाद किसी तरह उन्हें निकालकर मैहर के एक अस्पताल ले जाया गया।
- अस्पताल में उन्हें सतना के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में ही इस बहादुर खिलाड़ी की जान चली गई।
- आपको बता दें कि बबलू क्रिकेट और फुटबॉल के राज्य स्तरीय खिलाड़ी थे। वे बच्चों को ट्रेनिंग दिया करते थे।
क्लिक करे-- बलूचिस्तान में अफगानियों नें लगाए भारत के समर्थन में नारे, पाकिस्तान का झण्डा जलाया
यूरीड मीडिया ब्यूरो
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मध्य प्रदेश के सतना जिले में फुटबॉलर बबलू मार्टिन नें खुद की जान देकर एक बच्ची की जान को बचा लिया। शनिवार को मैहर की हाउसिंग बोर्ड की तीन मंजिला इमारत धराशायी हो गयी, उसकी चपेट में चौकीदार की 12 साल की बेटी प्रभा आने वाली थी। वह पर मौजूद फुटबॉलर बबलू मार्टिन की नजर वह पर खड़ी बच्ची पर पड़ी। इमारत का मलबा बच्ची के ऊपर गिरता उससे पहले ही बबलू नें दौड़ कर बच्ची को धकेल कर दूर कर दिया लेकिन खुद मलबे की चपेट में आ गए।
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मध्य प्रदेश के सतना जिले में फुटबॉलर बबलू मार्टिन नें खुद की जान देकर एक बच्ची की जान को बचा लिया। शनिवार को मैहर की हाउसिंग बोर्ड की तीन मंजिला इमारत धराशायी हो गयी, उसकी चपेट में चौकीदार की 12 साल की बेटी प्रभा आने वाली थी। वह पर मौजूद फुटबॉलर बबलू मार्टिन की नजर वह पर खड़ी बच्ची पर पड़ी। इमारत का मलबा बच्ची के ऊपर गिरता उससे पहले ही बबलू नें दौड़ कर बच्ची को धकेल कर दूर कर दिया लेकिन खुद मलबे की चपेट में आ गए।
- इमारत ढहने के बाद फुटबॉलर गर्दन तक पानी, कीचड़ और मलबे में फंसे हुए थे।
- लोगों ने सब्बलों से उनके आसपास का मलबा हटाया।
- इस दौरान वे कुछ बोल नहीं पा रहे थे, लेकिन उनकी आंखें लगातार लोगों को निहार रही थीं।
- लोग भी बबलू का नाम बुलाकर लगातार उन्हें हौसला दे रहे थे।
- काफी मशक्कत के बाद किसी तरह उन्हें निकालकर मैहर के एक अस्पताल ले जाया गया।
- अस्पताल में उन्हें सतना के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में ही इस बहादुर खिलाड़ी की जान चली गई।
- आपको बता दें कि बबलू क्रिकेट और फुटबॉल के राज्य स्तरीय खिलाड़ी थे। वे बच्चों को ट्रेनिंग दिया करते थे।
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21st August, 2016