नई दिल्ली
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साकेत कोर्ट ने आईटी कर्मचारी जिगिषा घोष मर्डर केस में दो दोषियों रवि कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा सुनाई है। तीसरे दोषी बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा मिली है। कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते कहा कि अपराधियों ने जिगीषा के साथ हैवानियत की है। रवि पर 20 हजार, अमित पर 1 लाख और बलजीत पर तीन लाख का जुर्माना भी लगाया है। बताते चलें कि हेविट एसोसिएट प्राइवेट लि. में ऑपरेशन मैनेजर के रूप में कार्यरत 28 वर्षीय जिगिषा की 18 मार्च, 2009 को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। ऑफिस कैब ने जिगिशा को सुबह लगभग चार बजे दिल्ली के वसंत विहार में उसके घर के पास छोड़ा और वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया।
हत्याकांड का घटनाक्रम-
- 18 मार्च, 2009: दिल्ली के वसंत विहार स्थित अपने घर के निकट सुबह चार बजे कैब से उतरने के बाद जिगिशा को अगवा किया गया।
- 20 मार्च, 2009: उसका शव हरियाणा के सूरजकुंड के पास बरामद किया गया।
- 23 मार्च, 2009: हत्याकांड में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
- जून 2009: पुलिस ने मामले में 3 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
- 15 अप्रैल, 2010: दिल्ली की अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
- 5 जुलाई, 2016: दिल्ली की अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा।
- 14 जुलाई, 2016: दिल्ली की अदालत ने तीन लोगों को दोषी करार दिया।
इन धाराओं के तहत दोष साबित-
- अदालत ने अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करने), धारा 364 (हत्या करने के लिए अपहरण) तहत दोषी ठहराया।
- धारा 394 (लूट के दौरान चोट पहुंचाना), धारा 468 (फर्जीवाड़ा), धारा 471 (फर्जी दस्तावेज का वास्तविक इस्तेमाल), धारा 482 (झूठी संपत्ति को व्यवहार में लाना) और धारा 34 के तहत दोषी ठहराया।
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साकेत कोर्ट ने आईटी कर्मचारी जिगिषा घोष मर्डर केस में दो दोषियों रवि कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा सुनाई है। तीसरे दोषी बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा मिली है। कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते कहा कि अपराधियों ने जिगीषा के साथ हैवानियत की है। रवि पर 20 हजार, अमित पर 1 लाख और बलजीत पर तीन लाख का जुर्माना भी लगाया है। बताते चलें कि हेविट एसोसिएट प्राइवेट लि. में ऑपरेशन मैनेजर के रूप में कार्यरत 28 वर्षीय जिगिषा की 18 मार्च, 2009 को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। ऑफिस कैब ने जिगिशा को सुबह लगभग चार बजे दिल्ली के वसंत विहार में उसके घर के पास छोड़ा और वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया।
- 18 मार्च, 2009: दिल्ली के वसंत विहार स्थित अपने घर के निकट सुबह चार बजे कैब से उतरने के बाद जिगिशा को अगवा किया गया।
- 20 मार्च, 2009: उसका शव हरियाणा के सूरजकुंड के पास बरामद किया गया।
- 23 मार्च, 2009: हत्याकांड में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
- जून 2009: पुलिस ने मामले में 3 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
- 15 अप्रैल, 2010: दिल्ली की अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
- 5 जुलाई, 2016: दिल्ली की अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा।
- 14 जुलाई, 2016: दिल्ली की अदालत ने तीन लोगों को दोषी करार दिया।
- अदालत ने अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करने), धारा 364 (हत्या करने के लिए अपहरण) तहत दोषी ठहराया।
- धारा 394 (लूट के दौरान चोट पहुंचाना), धारा 468 (फर्जीवाड़ा), धारा 471 (फर्जी दस्तावेज का वास्तविक इस्तेमाल), धारा 482 (झूठी संपत्ति को व्यवहार में लाना) और धारा 34 के तहत दोषी ठहराया।
22nd August, 2016