गुड़गांव:-
जिस वक़्त लोग अपने घरो में आराम से सो जाते हैं सड़के सुनसान हो जाती है तब शुरू होता है जिस्मफरोशी क्या यह गोरख धंधा बीच सड़क पर एक कार आकर रुकती है , उसमें बैठा आदमी पास खड़े एक ऑटो में लेन-देन की बात करता है और जब डील फिक्स हो जाती है, तो उस ऑटो से एक लड़की निकलती है और कार में बैठकर चली जाती है यह पूरा नजारा हैं देश की साइबर सिटी कहे जाने वाला गुड़गांव का इफ्को चौक जहां जिस्मफरोशी का धंधा एक नए तरीके से खुलेआम चलता हैं।
एक से पांच हजार में लगती हैं लड़कियों की बोलियों--
- गुड़गांव का इफ्को चौक जहां ऑटोवाले भी इस धंधे में शामिल लड़कियों का साथ देते है। खास बात तो यह है कि इन सभी बातों को जानने के बावजूद पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती।
- जिस्मफरोशी का यह खेल रात के एक बजे सारे पब बंद होने के बाद शुरू होता है।
- जब पब में मौज-मस्ती कर रहे युवा बाहर निकल रहे होते हैं।
- ठीक उसी समय चौराहे पर खड़े ऑटो में कई लड़कियां बैठी होती हैं।
- एक आदमी वहां आकर ऑटो में बैठी लड़कियों से डील तय करता है और डील फिक्स हो जाने पर अपनी गाड़ी में उस लड़की को बैठाकर चल देता है।
- एक ऑटोवाले के मुताबिक, यह डील अक्सर एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये में तय होती है।
- डील के हिसाब से उन पैसों में ऑटो वालों का भी शेयर तय होता है।
- जिस्मफरोशी के इस नए तरीके में ऑटो वाले रोजाना औसतन एक हजार से डेढ़ हजार तक की कमाई कर लेते है।
पुलिस की आँखें बंदकर बैठी हैं--
- इफ्को चौक पर लगी जिस्मफरोशी की इस नई मंडी में महज नाम के लिए एक पुलिस कांस्टेबल भी तैनात होता है।
- इस मामले में जब गुड़गांव पुलिस के एसीपी हवा सिंह से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
- हालांकि इफ्को चौक पर तैनात कांस्टेबल ने खुलेआम हो रहे जिस्मफरोशी के इस काले धंधे की बात कुबूल जरूर की, लेकिन कार्रवाई करने की बात पर इंकार कर दिया।
कर्मचारी भी इस धंधे में शामिल--
- इलाके से वाकिफ लोगों की माने तो इस पूरे धंधे में पब के कर्मचारी भी शामिल होते है।
- इनका एक पूरा गैंग है जो जिस्मफरोशी के इस पूरे खेल की देखरेख करता है।
- यह गैंग लड़के-लड़कियों को पुलिस से बचाने के लिए भी तैयार रहते है।
- हालांकि बीते दिनों पुलिस ने इफ्को चौक से तकरीबन 1835 गाड़ियों को जब्त भी किया है, मगर इन सभी को नियम तोड़ने के मामूली जुर्म में केवल चालान करके छोड़ दिया गया।
गुड़गांव:-
जिस वक़्त लोग अपने घरो में आराम से सो जाते हैं सड़के सुनसान हो जाती है तब शुरू होता है जिस्मफरोशी क्या यह गोरख धंधा बीच सड़क पर एक कार आकर रुकती है , उसमें बैठा आदमी पास खड़े एक ऑटो में लेन-देन की बात करता है और जब डील फिक्स हो जाती है, तो उस ऑटो से एक लड़की निकलती है और कार में बैठकर चली जाती है यह पूरा नजारा हैं देश की साइबर सिटी कहे जाने वाला गुड़गांव का इफ्को चौक जहां जिस्मफरोशी का धंधा एक नए तरीके से खुलेआम चलता हैं।
जिस वक़्त लोग अपने घरो में आराम से सो जाते हैं सड़के सुनसान हो जाती है तब शुरू होता है जिस्मफरोशी क्या यह गोरख धंधा बीच सड़क पर एक कार आकर रुकती है , उसमें बैठा आदमी पास खड़े एक ऑटो में लेन-देन की बात करता है और जब डील फिक्स हो जाती है, तो उस ऑटो से एक लड़की निकलती है और कार में बैठकर चली जाती है यह पूरा नजारा हैं देश की साइबर सिटी कहे जाने वाला गुड़गांव का इफ्को चौक जहां जिस्मफरोशी का धंधा एक नए तरीके से खुलेआम चलता हैं।
एक से पांच हजार में लगती हैं लड़कियों की बोलियों--
- गुड़गांव का इफ्को चौक जहां ऑटोवाले भी इस धंधे में शामिल लड़कियों का साथ देते है। खास बात तो यह है कि इन सभी बातों को जानने के बावजूद पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती।
- जिस्मफरोशी का यह खेल रात के एक बजे सारे पब बंद होने के बाद शुरू होता है।
- जब पब में मौज-मस्ती कर रहे युवा बाहर निकल रहे होते हैं।
- ठीक उसी समय चौराहे पर खड़े ऑटो में कई लड़कियां बैठी होती हैं।
- एक आदमी वहां आकर ऑटो में बैठी लड़कियों से डील तय करता है और डील फिक्स हो जाने पर अपनी गाड़ी में उस लड़की को बैठाकर चल देता है।
- एक ऑटोवाले के मुताबिक, यह डील अक्सर एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये में तय होती है।
- डील के हिसाब से उन पैसों में ऑटो वालों का भी शेयर तय होता है।
- जिस्मफरोशी के इस नए तरीके में ऑटो वाले रोजाना औसतन एक हजार से डेढ़ हजार तक की कमाई कर लेते है।
पुलिस की आँखें बंदकर बैठी हैं--
- इफ्को चौक पर लगी जिस्मफरोशी की इस नई मंडी में महज नाम के लिए एक पुलिस कांस्टेबल भी तैनात होता है।
- इस मामले में जब गुड़गांव पुलिस के एसीपी हवा सिंह से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
- हालांकि इफ्को चौक पर तैनात कांस्टेबल ने खुलेआम हो रहे जिस्मफरोशी के इस काले धंधे की बात कुबूल जरूर की, लेकिन कार्रवाई करने की बात पर इंकार कर दिया।
कर्मचारी भी इस धंधे में शामिल--
- इलाके से वाकिफ लोगों की माने तो इस पूरे धंधे में पब के कर्मचारी भी शामिल होते है।
- इनका एक पूरा गैंग है जो जिस्मफरोशी के इस पूरे खेल की देखरेख करता है।
- यह गैंग लड़के-लड़कियों को पुलिस से बचाने के लिए भी तैयार रहते है।
- हालांकि बीते दिनों पुलिस ने इफ्को चौक से तकरीबन 1835 गाड़ियों को जब्त भी किया है, मगर इन सभी को नियम तोड़ने के मामूली जुर्म में केवल चालान करके छोड़ दिया गया।
23rd August, 2016