यूरिड मीडिया ब्यूरों:-
यूपी में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। वहीं सुरक्षा के दावे करने वाली यूपी पुलिस इन अपराधों को रोकने के लिए अनेक पेतड़े आजमा रही है . लेकिन उसके सारे दावे और पेतडे असफल होते दिखाई दे रहे हैं। महिलाओंं की सुरक्षा की बात करे तो अब तक के आपराधिक अकड़ों के मुताबिक पाँच सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 61 फीसदी बढ़े हैं। जिसमें ज्यादातर नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया गया हैं। हम आपको बता दे कि 2010 से 2015 के बीच में प्रदेश रेप की कुल घटनाओं में 59 फीसदी शिकार नाबालिग लड़कियां थी वहीं अपहरण के घटनाओं में यह आंकड़ा 71 फीसदी का है।
रिपोर्ट के अनुसार--
- कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों में यूपी पहले पायदान पर था।
- 2010-11 में यूपी में रेप की जहां तकरीबन 1582 घटनाएं हुई थीं वहीं 2014-15 में यह आंकड़ा लगभग दोगुना होकर 2945 हो गया।
- रेप के मामलों में 2013-14 के मुकाबले 2014-15 में 43 फीसदी बढ़ गए।
- चिंताजनक पहलू यह है कि इसमें 59% नाबालिग लड़कियां थीं।
- पिछले दो वर्षो में 44 फीसदी ऐसे केस थे जिसमें रेप पीड़िता की उम्र 10 वर्ष से भी कम थी।
- रेप के मामलों में लखनऊ यूपी में पांचवे नंबर पर है।
लखनऊ में सबसे ज्यादा छेड़छाड़--
- कैग के अनुसार छेड़छाड़ की घटनाएं दोगुने से ज्यादा हुई हैं।
- 2010-2015 के बीच हुए इन अपराधों का 55% शिकार नाबालिग लड़कियां थीं।
- 2013-14 में तो छेड़छाड़ की घटनाएं 73% तक बढ़ गई थीं।
- पांच सालों में छेड़छाड़ के सबसे अधिक मामले लखनऊ में आए हैं।
- वहीं, अपहरण के मामलों में लखनऊ का नंबर यूपी में चौथा रहा।
- पांच सालों में अपहरण की 3654 घटनाएं दर्ज की गईं जिसमे 1274 मामले लखनऊ के थे।
- रिपोर्ट कहती है कि रेप और लड़कियों के अपहरण के मामले में जल्द एफआईआर तक दर्ज नहीं की जाती।
- ट्रैफिकिंग रोकने व पीड़ितों की मदद की योजनाएं भी यूपी में निष्क्रिय पड़ी हैं।
महिला पुलिसकर्मियों की कमी--
- 20 करोड़ जनसंख्या (2011 की जनगणना)
- 1.63 लाख पुलिसकर्मी ही तैनात है।
- 81 पुलिसकर्मियों के जिम्मे एक लाख की जनसंख्या।
- 9.53 करोड़ है प्रदेश में महिलाओं की संख्या
- 7800 के करीब हैं महिला पुलिस कर्मी ।
- 4.5% बनती है महिला पुलिस की भागीदारी।
- 33% महिला पुलिसकर्मी की हिस्सेदारी होनी चाहिए गृहमंत्रालय के अनुसार।
क्लिक करे-- गाय को लेकर स्वरूपानंद का बड़ा बयान बोले ...
यूपी में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। वहीं सुरक्षा के दावे करने वाली यूपी पुलिस इन अपराधों को रोकने के लिए अनेक पेतड़े आजमा रही है . लेकिन उसके सारे दावे और पेतडे असफल होते दिखाई दे रहे हैं। महिलाओंं की सुरक्षा की बात करे तो अब तक के आपराधिक अकड़ों के मुताबिक पाँच सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 61 फीसदी बढ़े हैं। जिसमें ज्यादातर नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया गया हैं। हम आपको बता दे कि 2010 से 2015 के बीच में प्रदेश रेप की कुल घटनाओं में 59 फीसदी शिकार नाबालिग लड़कियां थी वहीं अपहरण के घटनाओं में यह आंकड़ा 71 फीसदी का है।
- कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों में यूपी पहले पायदान पर था।
- 2010-11 में यूपी में रेप की जहां तकरीबन 1582 घटनाएं हुई थीं वहीं 2014-15 में यह आंकड़ा लगभग दोगुना होकर 2945 हो गया।
- रेप के मामलों में 2013-14 के मुकाबले 2014-15 में 43 फीसदी बढ़ गए।
- चिंताजनक पहलू यह है कि इसमें 59% नाबालिग लड़कियां थीं।
- पिछले दो वर्षो में 44 फीसदी ऐसे केस थे जिसमें रेप पीड़िता की उम्र 10 वर्ष से भी कम थी।
- रेप के मामलों में लखनऊ यूपी में पांचवे नंबर पर है।
- कैग के अनुसार छेड़छाड़ की घटनाएं दोगुने से ज्यादा हुई हैं।
- 2010-2015 के बीच हुए इन अपराधों का 55% शिकार नाबालिग लड़कियां थीं।
- 2013-14 में तो छेड़छाड़ की घटनाएं 73% तक बढ़ गई थीं।
- पांच सालों में छेड़छाड़ के सबसे अधिक मामले लखनऊ में आए हैं।
- वहीं, अपहरण के मामलों में लखनऊ का नंबर यूपी में चौथा रहा।
- पांच सालों में अपहरण की 3654 घटनाएं दर्ज की गईं जिसमे 1274 मामले लखनऊ के थे।
- रिपोर्ट कहती है कि रेप और लड़कियों के अपहरण के मामले में जल्द एफआईआर तक दर्ज नहीं की जाती।
- ट्रैफिकिंग रोकने व पीड़ितों की मदद की योजनाएं भी यूपी में निष्क्रिय पड़ी हैं।
- 20 करोड़ जनसंख्या (2011 की जनगणना)
- 1.63 लाख पुलिसकर्मी ही तैनात है।
- 81 पुलिसकर्मियों के जिम्मे एक लाख की जनसंख्या।
- 9.53 करोड़ है प्रदेश में महिलाओं की संख्या
- 7800 के करीब हैं महिला पुलिस कर्मी ।
- 4.5% बनती है महिला पुलिस की भागीदारी।
- 33% महिला पुलिसकर्मी की हिस्सेदारी होनी चाहिए गृहमंत्रालय के अनुसार।
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24th August, 2016