यूरीड मीडिया ब्यूरो
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हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आत्महत्या करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला जांच मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलाय (एचआरडी) द्वारा गठित जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को सौप दी है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रोहित वेमुला दलित समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता था। जांच रिपोर्ट में जो बात निकलकर सामने आई है वहीं बात पहले केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और थावरचंद गहलोत भी कह चुके हैं। दोनों मंत्रियों ने कहा था कि रोहित अनुसूचित जाति से नहीं बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से था और तब रोहित की जाति वाडेरा बताई गई थी। इस आत्महत्या को तनाव पैदा करने के लिए जातिगत भेदभाव के एक मुद्दे के रूप में पेश किया जा रहा था।
- सूत्रों के मुताबिक जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) एके रूपनवल आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला दलित समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता था।
- रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अप्पा राव और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी।
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हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आत्महत्या करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला जांच मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलाय (एचआरडी) द्वारा गठित जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को सौप दी है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रोहित वेमुला दलित समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता था। जांच रिपोर्ट में जो बात निकलकर सामने आई है वहीं बात पहले केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और थावरचंद गहलोत भी कह चुके हैं। दोनों मंत्रियों ने कहा था कि रोहित अनुसूचित जाति से नहीं बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से था और तब रोहित की जाति वाडेरा बताई गई थी। इस आत्महत्या को तनाव पैदा करने के लिए जातिगत भेदभाव के एक मुद्दे के रूप में पेश किया जा रहा था।
24th August, 2016