बुलंदशहर:-
बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप मामले के तीन आरोपियों को सीबीआई ने मंगलवार को अदालत के सामने पेश किया। जहां तीनों आरोपी सलीम, परवेज उर्फ जुबैर व साजिद ने कोर्ट से अपना नार्को टेस्ट कराने की मांग की। हम आपको बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को 3 आरोपियों को रिमांड खत्म होने के बाद अदालत के सामने पेश किया था।
आरोपी पक्ष की वकील मंजू शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने अपनी पेशी के दौरान जज के सामने खुद को बेगुनाह बताया। आरोपियों ने कहा कि "उन्हें पुलिस ने इस केस में फंसाया है" उन्होंने इस घटना को अंजाम नहीं दिया है और न ही वह गुनहगार हैं।
आरोपियों ने कहा हम गुनहगार नही हैं-
- बुलंदशहर जिला प्रशासन काउंसलर अंजु शर्मा ने बताया कि 'CBI ने मंगलवार को तीनों आरोपियों की अदालत में पेश किया।
- तीनों आरो
पियों ने मांग की है कि उनकी नार्को जांच कराई जाए।
- उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस उन्हें ऐसे अपराध में फंसा रही है जो कि उन्होंने किया ही नहीं है।
- 'अंजु ने बताया कि CBI ने भी इस जांच की मांग की है।
- अंजु के मुताबिक, CBI ने 19 अगस्त को अपराध की जगह से बरामद की हुई चीजें अदालत में पेश नहीं की हैं।
- मालूम हो कि 19 अगस्त को CBI की 20-सदस्यीय जांच टीम ने NH-91 स्थित दोस्तपुर गांव में उस जगह का दौरा किया जहां यह अपराध हुआ है।
- अदालत ने सीबीआई को बुधवार (24 अगस्त) को कोर्ट के समक्ष बरामद सामान पेश करने को कहा है.
- सीबीआई ने कोर्ट के इस आदेश पर अपनी सहमति दी है।
क्या होता हैं नार्को टेस्ट-
- आमतौर पर अपराधियों से सच उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट का सहारा लिया जाता है।
- ऐसा तब होता है जब अपराधी से वाछिंत जानकारियां नही मिल पाती।
- अपराधियों के मन का सत्य टूथ सीरम इंजेक्शन की सहायता से उगलवाया जाता है।
- इस प्रक्रिया में व्यक्ति स्वाभाविक रूप से बोलता है।
- यह एक फोरेंसिक परीक्षण होता है, जिसे जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और फोरेंसिक विशेषज्ञ की मौजूदगी में किया जाता है।
- आमतौर पर अपराधी इस प्रक्रिया से गुजरना नहीं चाहते. क्योंकि इस पद्धिति के टेस्ट में सच सामने आ जाता है जिससे अपराधी को सजा होना तय है।
बुलंदशहर:-
बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप मामले के तीन आरोपियों को सीबीआई ने मंगलवार को अदालत के सामने पेश किया। जहां तीनों आरोपी सलीम, परवेज उर्फ जुबैर व साजिद ने कोर्ट से अपना नार्को टेस्ट कराने की मांग की। हम आपको बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को 3 आरोपियों को रिमांड खत्म होने के बाद अदालत के सामने पेश किया था।
बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप मामले के तीन आरोपियों को सीबीआई ने मंगलवार को अदालत के सामने पेश किया। जहां तीनों आरोपी सलीम, परवेज उर्फ जुबैर व साजिद ने कोर्ट से अपना नार्को टेस्ट कराने की मांग की। हम आपको बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को 3 आरोपियों को रिमांड खत्म होने के बाद अदालत के सामने पेश किया था।
आरोपी पक्ष की वकील मंजू शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने अपनी पेशी के दौरान जज के सामने खुद को बेगुनाह बताया। आरोपियों ने कहा कि "उन्हें पुलिस ने इस केस में फंसाया है" उन्होंने इस घटना को अंजाम नहीं दिया है और न ही वह गुनहगार हैं।
आरोपियों ने कहा हम गुनहगार नही हैं-
- बुलंदशहर जिला प्रशासन काउंसलर अंजु शर्मा ने बताया कि 'CBI ने मंगलवार को तीनों आरोपियों की अदालत में पेश किया।
- तीनों आरो
पियों ने मांग की है कि उनकी नार्को जांच कराई जाए।
- उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस उन्हें ऐसे अपराध में फंसा रही है जो कि उन्होंने किया ही नहीं है।
- 'अंजु ने बताया कि CBI ने भी इस जांच की मांग की है।
- अंजु के मुताबिक, CBI ने 19 अगस्त को अपराध की जगह से बरामद की हुई चीजें अदालत में पेश नहीं की हैं।
- मालूम हो कि 19 अगस्त को CBI की 20-सदस्यीय जांच टीम ने NH-91 स्थित दोस्तपुर गांव में उस जगह का दौरा किया जहां यह अपराध हुआ है।
- अदालत ने सीबीआई को बुधवार (24 अगस्त) को कोर्ट के समक्ष बरामद सामान पेश करने को कहा है.
- सीबीआई ने कोर्ट के इस आदेश पर अपनी सहमति दी है।
क्या होता हैं नार्को टेस्ट-
- आमतौर पर अपराधियों से सच उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट का सहारा लिया जाता है।
- ऐसा तब होता है जब अपराधी से वाछिंत जानकारियां नही मिल पाती।
- अपराधियों के मन का सत्य टूथ सीरम इंजेक्शन की सहायता से उगलवाया जाता है।
- इस प्रक्रिया में व्यक्ति स्वाभाविक रूप से बोलता है।
- यह एक फोरेंसिक परीक्षण होता है, जिसे जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और फोरेंसिक विशेषज्ञ की मौजूदगी में किया जाता है।
- आमतौर पर अपराधी इस प्रक्रिया से गुजरना नहीं चाहते. क्योंकि इस पद्धिति के टेस्ट में सच सामने आ जाता है जिससे अपराधी को सजा होना तय है।
24th August, 2016