लखनऊ
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उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों की याचिका पर 23 नवंबर तक उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक बरकरार रखते हुए अंतरिम राहत जारी रखी है। इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि अब किसी को अंतरिम राहत नही दी जाएगी और केस में अंतिम बहस होगी। कोर्ट के आदेश पर गत वर्ष 1,37,000 शिक्षामित्रों को समायोजित कर उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के पद पर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट पिछले वर्ष से सुन रहा मामला-
- 12 सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगा दी थी।
- 6 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर स्टे दिया था।
- शिक्षामित्रों के लिए पेश वकील मीनेश दुबे की दलील है कि जो छात्र TET पास हैं, उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जा सकता।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर 2015 को लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों का समायोजन को अवैध ठहराते हुए रद्द कर दिया था।
- इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की थी।
- वहीं बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से भी एक याचिका दायर की गई थी।
- शिक्षामित्रों को अप्रशिक्षित शिक्षक मानते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NTCE) ने भी प्रशिक्षण देने की अनुमति दी थी।
- लिहाजा नियमों के मुताबिक इन्हें TET से छूट दी जाए।
- NTCE ने बाद मे इस प्रशिक्षण को वैध माना था।
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उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों की याचिका पर 23 नवंबर तक उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक बरकरार रखते हुए अंतरिम राहत जारी रखी है। इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि अब किसी को अंतरिम राहत नही दी जाएगी और केस में अंतिम बहस होगी। कोर्ट के आदेश पर गत वर्ष 1,37,000 शिक्षामित्रों को समायोजित कर उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के पद पर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट पिछले वर्ष से सुन रहा मामला-
24th August, 2016