नई दिल्ली
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केंद्र सरकार ने कश्मीर में हो रही पैलेट गन के प्रयोग को पूरी तरह से बंद करने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्र सरकार नें पैलेट गन के प्रयोग पर एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी। कमेटी नें सोमवार को अपनी पूरी रिपोर्ट गृह सचिव को सौप दी है। पैलेट गन के छर्रे से प्रदर्शनकारियों की आंख की रोशनी जाने की बड़ी संख्या में शिकायतें मिलने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 25 जुलाई को विशेषज्ञ समिति के गठन का ऐलान किया था। सौपी गयी रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय जल्द ही इन विकल्पों के इस्तेमाल पर फैसला करेगा। वैसे पैलेट गन का प्रयोग पूरी तरह रोक लगाने की गुंजाइश कम है, क्योंकि उग्र और आक्रमक भीड़ को तितर-बितर करने में अन्य विकल्प के कारगर होने पर संदेह है। समिति ने "पावा सेल" यानी मिर्ची बम समेत कई विकल्पों का सुझाव दिया है। लेकिन वे पैलेट गन की जगह ले पाएंगे इसमें संदेह है।
- कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों का मानना है कि उन पर पत्थर, ग्रेनेड और अन्य घातक हथियारों से हमला करने वाले प्रदर्शनकारी पैलेट गन से ही काबू में आते हैं।
- समिति के सुझाए विकल्पों को भी आजमाने की कोशिश की जाएगी और सुरक्षा बलों को सामान्य तौर उन्हें इस्तेमाल करने को कहा जाएगा।
- लेकिन अंतिम विकल्प के रूप में पैलेट गन के इस्तेमाल का विकल्प खुला रहेगा।
- एक अधिकारी ने बताया कि मिर्ची बम, रबड़ बुलेट और आंसू गैस के गोले समेत सभी विकल्पों का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है।
- लेकिन आक्रामक भीड़ को तितर-बितर करने में उतने कारगर साबित नहीं हो पाए हैं।
- सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में भी पैलेट गन पर प्रतिबंध की स्थिति में और अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है।
- खुद की जान बचाने के लिए जवानों को गोली चलानी पड़ सकती है।
क्लिक करे-- केंद्र ने कोर्ट से कहा कि सरकार धारा 375 में संशोधन करने के पक्ष मे नहीं !
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केंद्र सरकार ने कश्मीर में हो रही पैलेट गन के प्रयोग को पूरी तरह से बंद करने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्र सरकार नें पैलेट गन के प्रयोग पर एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी। कमेटी नें सोमवार को अपनी पूरी रिपोर्ट गृह सचिव को सौप दी है। पैलेट गन के छर्रे से प्रदर्शनकारियों की आंख की रोशनी जाने की बड़ी संख्या में शिकायतें मिलने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 25 जुलाई को विशेषज्ञ समिति के गठन का ऐलान किया था। सौपी गयी रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय जल्द ही इन विकल्पों के इस्तेमाल पर फैसला करेगा। वैसे पैलेट गन का प्रयोग पूरी तरह रोक लगाने की गुंजाइश कम है, क्योंकि उग्र और आक्रमक भीड़ को तितर-बितर करने में अन्य विकल्प के कारगर होने पर संदेह है। समिति ने "पावा सेल" यानी मिर्ची बम समेत कई विकल्पों का सुझाव दिया है। लेकिन वे पैलेट गन की जगह ले पाएंगे इसमें संदेह है।
30th August, 2016