लखनऊ
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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में श्रमजीवी विस्फोट कांड मामले में कोर्ट ने बुधवार को बांग्लादेशी नागरिक उबैदुर्रहमान उर्फ बाबू को फांसी की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने उसपर 10 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में मुख्य आरोप मोहम्मद आलमगीर उर्फ रोनी को पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। जिसको लेकर रोनी ने हाईकोर्ट में अपील की है, वहीं बुधवार को कोर्ट ने श्रमजीवी विस्फोट कांड के दूसरे आरोपी उबैदुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई है।
पश्चिम बंगाल से हुआ था गिरफ्तार-
- उबैदुर्रहमान को 9 मई 2006 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के बहरामपुर जेल से जौनपुर लाया गया था।
- उसे बिना वीजा, पासपोर्ट के बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने और विस्फोटक बनाने का भी आरोपी पाया गया था।
- 23 जनवरी 2006 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से उबैदुर्रहमान गिरफ्तार हुआ था जिसके बाद से वो मुर्शिदाबाद जेल में बंद था।
ट्रेन गार्ड ने करवाया था केस दर्ज -
- यह घटना 28 जुलाई 2005 की है, यह ट्रेन पटना से दिल्ली जा रही थी।
- जहां लखनऊ डिवीजन के हरपालगंज और कोइरिपुर स्टेशन के बीच शाम श्रमजीवी एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे के टॉयलेट में ब्लास्ट हुआ था।
- जिसमें 12 लोग मारे गए थे और 60 घायल हुए थे।
- जिसको लेकर ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाने में केस दर्ज कराया था।
- जिसमें जांच के दौरान इसके पीछे लश्कर और हूजी आतंकी संगठनों का नाम सामने आया था।
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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में श्रमजीवी विस्फोट कांड मामले में कोर्ट ने बुधवार को बांग्लादेशी नागरिक उबैदुर्रहमान उर्फ बाबू को फांसी की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने उसपर 10 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में मुख्य आरोप मोहम्मद आलमगीर उर्फ रोनी को पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। जिसको लेकर रोनी ने हाईकोर्ट में अपील की है, वहीं बुधवार को कोर्ट ने श्रमजीवी विस्फोट कांड के दूसरे आरोपी उबैदुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई है।
- उबैदुर्रहमान को 9 मई 2006 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के बहरामपुर जेल से जौनपुर लाया गया था।
- उसे बिना वीजा, पासपोर्ट के बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने और विस्फोटक बनाने का भी आरोपी पाया गया था।
- 23 जनवरी 2006 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से उबैदुर्रहमान गिरफ्तार हुआ था जिसके बाद से वो मुर्शिदाबाद जेल में बंद था।
- यह घटना 28 जुलाई 2005 की है, यह ट्रेन पटना से दिल्ली जा रही थी।
- जहां लखनऊ डिवीजन के हरपालगंज और कोइरिपुर स्टेशन के बीच शाम श्रमजीवी एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे के टॉयलेट में ब्लास्ट हुआ था।
- जिसमें 12 लोग मारे गए थे और 60 घायल हुए थे।
- जिसको लेकर ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाने में केस दर्ज कराया था।
- जिसमें जांच के दौरान इसके पीछे लश्कर और हूजी आतंकी संगठनों का नाम सामने आया था।
1st September, 2016