लखनऊ
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उत्तर प्रदेश में आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे है। यह स्थिति तब है जब सपा सरकार
दावा करती है कि किसान और गांव उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं मे हैं, सरकार किसानों के लिए कई
अहम फैसले लिए हैं। इसी को देखते हुए सपा ने वर्ष 2015-16 को किसान वर्ष के रुप मे मनाया,
बावज़ूद किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
सूखे की वजह से परेशान होकर जनपद फतेहपुर ,पोस्ट -कोड़ा जहानाबाद, ग्राम-मिर्ज़ापुर मकरंदपुर के किसान सरकार आलम ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुहार लगाई की विगत 30 वर्षो से उसके नहर तक पानी नही पहुच पा रहा जिससे वहा के किसानो की स्थिति आत्महत्या करने की आ गई है पिछले 7 वर्षो में उसने 100 से अधिक पत्र केंद्र व् राज्य सरकार को लिख चुके, लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही मिली, न ही सिस्टम कुछ कर रहा है जिससे हताश होकर वह सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा है और कहा है की सरकार कम से कम सुकून से मरने दे।
पीड़ित सरकार आलम ने कहा
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पीड़ित सरकार आलम का कहना है कि मेरी मौत की जिम्मेदार निचली गंगा नहर जनपद कानपूर नगर सिचाई विभाग फतेहपुर ,दिबियापुर NTPC को पानी देने वाले होंगे जिसने किसानो के साथ छल-कपट झूठा वादा किया है एवं परिस्थितिया निर्मित कर मुझे आत्मदाह के लिए उकसाया, मजबूर किया हमे बर्बाद कर दिया है। मै स्वेच्छा से इच्छा मृत्यु की मांग नही कर रहा हूँ जिम्मेदार लोगो ने मौत के अतिरिक्त कोई विकल्प ही नही छोड़ा है।
सिस्टम की नाकामी
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सिस्टम अपनी नाकामी,विफलता को छिपाने के लिए आत्मदाह करने वाले को गिरफ्तार,प्रताड़ित करता है। सिस्टम इस बात पर ध्यान नही देता की आत्मदाह की परिस्थितिया बनाई किसने? क्योकि नौकरशाह नौकरशाह को बचाता है, अगर मुझे गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज किया गया तो मै न ही जमानत कराऊंगा, और न ही जेल में खाना खाऊंगा जब तक सविधान में नही दिखाया जाता की गरीब किसानो के लिए पानी का मांगना अपराध है।
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उत्तर प्रदेश में आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे है। यह स्थिति तब है जब सपा सरकार
दावा करती है कि किसान और गांव उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं मे हैं, सरकार किसानों के लिए कई
अहम फैसले लिए हैं। इसी को देखते हुए सपा ने वर्ष 2015-16 को किसान वर्ष के रुप मे मनाया,
बावज़ूद किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
सूखे की वजह से परेशान होकर जनपद फतेहपुर ,पोस्ट -कोड़ा जहानाबाद, ग्राम-मिर्ज़ापुर मकरंदपुर के किसान सरकार आलम ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुहार लगाई की विगत 30 वर्षो से उसके नहर तक पानी नही पहुच पा रहा जिससे वहा के किसानो की स्थिति आत्महत्या करने की आ गई है पिछले 7 वर्षो में उसने 100 से अधिक पत्र केंद्र व् राज्य सरकार को लिख चुके, लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही मिली, न ही सिस्टम कुछ कर रहा है जिससे हताश होकर वह सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा है और कहा है की सरकार कम से कम सुकून से मरने दे।
पीड़ित सरकार आलम ने कहा
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पीड़ित सरकार आलम का कहना है कि मेरी मौत की जिम्मेदार निचली गंगा नहर जनपद कानपूर नगर सिचाई विभाग फतेहपुर ,दिबियापुर NTPC को पानी देने वाले होंगे जिसने किसानो के साथ छल-कपट झूठा वादा किया है एवं परिस्थितिया निर्मित कर मुझे आत्मदाह के लिए उकसाया, मजबूर किया हमे बर्बाद कर दिया है। मै स्वेच्छा से इच्छा मृत्यु की मांग नही कर रहा हूँ जिम्मेदार लोगो ने मौत के अतिरिक्त कोई विकल्प ही नही छोड़ा है।
सिस्टम की नाकामी
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सिस्टम अपनी नाकामी,विफलता को छिपाने के लिए आत्मदाह करने वाले को गिरफ्तार,प्रताड़ित करता है। सिस्टम इस बात पर ध्यान नही देता की आत्मदाह की परिस्थितिया बनाई किसने? क्योकि नौकरशाह नौकरशाह को बचाता है, अगर मुझे गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज किया गया तो मै न ही जमानत कराऊंगा, और न ही जेल में खाना खाऊंगा जब तक सविधान में नही दिखाया जाता की गरीब किसानो के लिए पानी का मांगना अपराध है।
2nd September, 2016