लखनऊ
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अगर आज (शुक्रवार) को आप किसी जरूरी काम से लखनऊ शहर में दिन में निकलने वाले हैं तो दो बार जरूर सोचे क्योंकि शहर एक साथ चार तरह की हड़तालों से जूझ सकता है। केंद्रीय श्रम संगठन और औद्योगिक संगठन एक साथ हड़ताल करेंगे, इनके कर्मचारी डेढ़ दर्जन मांगों को लेकर केंद्र और राज्य में एक साथ हड़ताल पर रहेंगे। इनके अलावा अखबारों के हॉकर्स, बैंक और कई लाख वित्त विहीन शिक्षक भी हड़ताल में शामिल होंगे। देश के प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने कहा है कि दो सितंबर को आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल पिछले साल की तुलना में बड़ी होगी। उनका कहना है कि सरकार ने उनकी 12 सूत्री मांगों पर ध्यान नहीं दिया है और सरकार एकतरफा तरीके से श्रम सुधार लागू कर रही है, केंद्रीय संगठनों ने दावा किया है कि इस साल हड़ताल में करीब 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे।
ऑफिस, बैंक, हॉस्पिटल,ट्रांसपोर्ट सेवाएं रहेंगी ठप:-
- देशव्यापी इस हड़ताल के अलावा देश भर की नर्सें भी आज अपनी सेवाएं नहीं देंगी।
- जिसका खासा असर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में देखने को मिल सकता है।
- केंद्रीय श्रम संगठन-औद्योगिक संगठन शामिल होने की वजह से सरकारी दफ्तर, बैंक, ट्रांसपोर्ट और हॉस्पिटल में काम ठप होने की संभावना बनी हुई है।
- इसके अलावा राजधानी लखनऊ में न्यूज़पेपर हाकर्स भी हड़ताल पर हैं।
- कल न्यूज़पेपर प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद शुक्रवार को भी हाकर्स ने पेपर नहीं उठाया।
- उनकी मांग है कि उनका कमीशन डेढ़ रुपए किया जाए।
- रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन और संविदा कर्मचारी संघ भी आज हड़ताल पर हैं।
- जिसके बाद यूपीएसआरटीसी ने हड़तालियों पर नकेल कसने की तैयारी की है।
- वहीं दूसरी तरफ यूपी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भी हड़ताल है।
- वे भी केंद्रीय संगठनों की हड़ताल को समर्थन देते हुए कामकाज ठप कर हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांग सरकारी कर्मचारी बनाने की है।
मुख्य मांगे:-
- केंद्र-राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग।
- सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18 हजार करने की मांग।
- केंद्र और राज्य में ठेका प्रथा बंद कर नियमित करने की मांग।
- केंद्र और राज्य में खाली पदों पर जल्द भर्ती करने की मांग।
- सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग।
- केंद्र, राज्य के कर्मचारियों को एक समान वेतन-भत्ते की मांग।
- महंगाई, खाद्य पदार्थों के वायदा कारोबार पर रोक की मांग।
- केंद्र से रेल रक्षा बीमा में विदेशी निवेश पर रोक की मांग।
- श्रम कानूनों को देश में सख्ती से लागू करने की मांग।
क्लिक करे-- मोदीजी अब बदले की राजनीति कर रहे हैं : राहुल गांधी
लखनऊ
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अगर आज (शुक्रवार) को आप किसी जरूरी काम से लखनऊ शहर में दिन में निकलने वाले हैं तो दो बार जरूर सोचे क्योंकि शहर एक साथ चार तरह की हड़तालों से जूझ सकता है। केंद्रीय श्रम संगठन और औद्योगिक संगठन एक साथ हड़ताल करेंगे, इनके कर्मचारी डेढ़ दर्जन मांगों को लेकर केंद्र और राज्य में एक साथ हड़ताल पर रहेंगे। इनके अलावा अखबारों के हॉकर्स, बैंक और कई लाख वित्त विहीन शिक्षक भी हड़ताल में शामिल होंगे। देश के प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने कहा है कि दो सितंबर को आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल पिछले साल की तुलना में बड़ी होगी। उनका कहना है कि सरकार ने उनकी 12 सूत्री मांगों पर ध्यान नहीं दिया है और सरकार एकतरफा तरीके से श्रम सुधार लागू कर रही है, केंद्रीय संगठनों ने दावा किया है कि इस साल हड़ताल में करीब 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे।
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अगर आज (शुक्रवार) को आप किसी जरूरी काम से लखनऊ शहर में दिन में निकलने वाले हैं तो दो बार जरूर सोचे क्योंकि शहर एक साथ चार तरह की हड़तालों से जूझ सकता है। केंद्रीय श्रम संगठन और औद्योगिक संगठन एक साथ हड़ताल करेंगे, इनके कर्मचारी डेढ़ दर्जन मांगों को लेकर केंद्र और राज्य में एक साथ हड़ताल पर रहेंगे। इनके अलावा अखबारों के हॉकर्स, बैंक और कई लाख वित्त विहीन शिक्षक भी हड़ताल में शामिल होंगे। देश के प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने कहा है कि दो सितंबर को आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल पिछले साल की तुलना में बड़ी होगी। उनका कहना है कि सरकार ने उनकी 12 सूत्री मांगों पर ध्यान नहीं दिया है और सरकार एकतरफा तरीके से श्रम सुधार लागू कर रही है, केंद्रीय संगठनों ने दावा किया है कि इस साल हड़ताल में करीब 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे।
ऑफिस, बैंक, हॉस्पिटल,ट्रांसपोर्ट सेवाएं रहेंगी ठप:-
- देशव्यापी इस हड़ताल के अलावा देश भर की नर्सें भी आज अपनी सेवाएं नहीं देंगी।
- जिसका खासा असर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में देखने को मिल सकता है।
- केंद्रीय श्रम संगठन-औद्योगिक संगठन शामिल होने की वजह से सरकारी दफ्तर, बैंक, ट्रांसपोर्ट और हॉस्पिटल में काम ठप होने की संभावना बनी हुई है।
- इसके अलावा राजधानी लखनऊ में न्यूज़पेपर हाकर्स भी हड़ताल पर हैं।
- कल न्यूज़पेपर प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद शुक्रवार को भी हाकर्स ने पेपर नहीं उठाया।
- उनकी मांग है कि उनका कमीशन डेढ़ रुपए किया जाए।
- रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन और संविदा कर्मचारी संघ भी आज हड़ताल पर हैं।
- जिसके बाद यूपीएसआरटीसी ने हड़तालियों पर नकेल कसने की तैयारी की है।
- वहीं दूसरी तरफ यूपी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भी हड़ताल है।
- वे भी केंद्रीय संगठनों की हड़ताल को समर्थन देते हुए कामकाज ठप कर हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांग सरकारी कर्मचारी बनाने की है।
मुख्य मांगे:-
- केंद्र-राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग।
- सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18 हजार करने की मांग।
- केंद्र और राज्य में ठेका प्रथा बंद कर नियमित करने की मांग।
- केंद्र और राज्य में खाली पदों पर जल्द भर्ती करने की मांग।
- सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग।
- केंद्र, राज्य के कर्मचारियों को एक समान वेतन-भत्ते की मांग।
- महंगाई, खाद्य पदार्थों के वायदा कारोबार पर रोक की मांग।
- केंद्र से रेल रक्षा बीमा में विदेशी निवेश पर रोक की मांग।
- श्रम कानूनों को देश में सख्ती से लागू करने की मांग।
क्लिक करे-- मोदीजी अब बदले की राजनीति कर रहे हैं : राहुल गांधी
2nd September, 2016